ब्रेक्जिट के मामले में अब तक ब्रिटेन के नेता सख्त रुख अपनाते दिख रहे थे. अब बारी यूरोपीय संघ की है. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने इसकी शुरुआत कर दी है.
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जर्मन संसद को संबोधित करते हुए चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि ब्रेक्जिट के बाद यूके को वैसी जगह नहीं दी जाएगी जैसी यूरोपीय संघ के बाकी सदस्यों को मिली है. शनिवार को ब्रेक्जिट के मसले पर ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों का सम्मेलन है. ब्रसेल्स के सम्मेलन से पहले मैर्केल ने जर्मन संसद को इस बारे में जर्मनी की रणनीति की जानकारी दी.
चांसलर ने लंदन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह यूके को खास लाभ देने जैसे समझौते की उम्मीद न करे, "कोई भी थर्ड पार्टी देश यूरोपीय संघ के सदस्य देशों जैसे फायदे या उनकी जैसी बेहतर स्थिति का आनंद नहीं ले सकता. मुझे ऐसा लगता है कि जैसे ब्रिटेन के कुछ लोग इसे लेकर भ्रम में हैं. वे अपना समय बर्बाद कर रहे हैं."
मैर्केल के इस बयान के बाद जर्मन संसद तालियों ने गड़गड़ा उठी. चांसलर ने कहा कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की विदाई के दौरान सामने आने वाली स्थिति को बारीकी से हल करने की जरूरत है, "ये कदम बिल्कुल सही क्रम में होने चाहिए. यूरोप और उसके नागरिकों के लिये बेहतरीन समझौता करना हमारा लक्ष्य है." लेकिन फिलहाल यूरोपीय संघ के मध्यस्थों को यूके में आठ जून को होने वाले चुनावों का इंतजार करना पड़ेगा. ब्रेक्जिट की कार्रवाई वहां की नई सरकार करेगी.
सख्त लहजे के बीच मैर्केल ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ एक मजबूत और समृद्ध ब्रिटेन चाहता है. ब्रिटेन में करीब 1,00,000 जर्मन स्थायी रूप से रह रहे हैं. जर्मनी और ईयू के दूसरे देशों में बड़ी संख्या में ब्रिटिश मूल के लोग रह रहे हैं. मैर्केल ने दोनों तरफ रह रहे ऐसे लोगों के खातिर एक मुनासिब समझौते पर जोर दिया. जर्मन चांसलर ने उम्मीद जतायी कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन भविष्य में भी आतंकवाद और संगठित अपराध से मिलकर लड़ेंगे.
(ब्रेक्जिट: कैसे होगा ब्रिटेन और ईयू का तलाक)
ब्रेक्जिट: कैसे होगा ब्रिटेन और ईयू का तलाक
28 मार्च को ब्रिटेन ने 'अनुच्छेद 50' पर हस्ताक्षर के साथ औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. यहां जानिये कि इसके आगे कैसी होगी ब्रिटेन की ईयू से बाहर निकलने की प्रक्रिया.
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क्या है अनुच्छेद 50?
लिस्बन संधि का 'अनुच्छेद 50' यूरोपीय संघ के मौजूदा सदस्यों को संघ छोड़ने का अधिकार देता है. साथ ही संघ से बाहर निकलने की रूपरेखा भी इसी अनुच्छेद के तहत निर्धारित होती है. इसके अंतर्गत बाहर निकल रहे देश को आपसी बातचीत कर सहमति के लिये दो साल का वक्त मिलता है. अगर एक बार अनुच्छेद 50 लागू हो जाए तो फिर उसे वापस नहीं लिया जा सकता है. यह वापस तभी होगा जब सभी सदस्य देश इसके लिये हामी भरेंगे.
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क्या कहता है अनुच्छेद 50?
इसमें पांच बातें शामिल हैं. सबसे पहले बाहर जाने वाले देश को ईयू काउंसिल को औपचारिक रूप से सूचित करना होगा और यह बताना होगा कि वह किसी समझौते तक पहुंचने के लिये दो साल का वक्त दे रहा है. साथ ही वह देश ईयू की उन आंतरिक चर्चाओं का हिस्सा नहीं होगा, जिनमें उस देश पर बातचीत होगी. बाहर निकलने के फैसले को बहुमत से मंजूरी मिलनी चाहिये. साथ ही यूरोपीय संसद के सदस्यों का सहयोग भी आवश्यक है.
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अनुच्छेद कब होगा लागू?
ब्रिटेन ने जून 2016 में एक जनमत संग्रह के बाद यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में निर्णय लिया था. लंबी संसदीय बहस और कानूनी प्रक्रियाओं के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टुस्क को अधिसूचना का औपचारिक पत्र भेज चुकी हैं, जिसके बाद अनुच्छेद 50 को लागू माना जाएगा. ब्रसेल्स में अधिकारियों ने इससे जुड़ा बिल तैयार कर लिया है.
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आगे क्या होगा?
ईयू इस पर पहली प्रतिक्रिया देने में एक सप्ताह ले सकता है. 29 अप्रैल को ईयू नेताओं का सम्मेलन होना है. इसमें मई-जून में होने वाली ब्रेक्जिट वार्ता को लेकर दिशानिर्देश तैयार किये जा सकते हैं. सबसे कठिन बिंदु उन 10 लाख से अधिक ब्रिटेनवासियों के भविष्य का फैसला होगा, जो ईयू के अन्य हिस्सों में रहते हैं. उन 30 लाख से अधिक ईयू नागरिकों पर भी सोचना होगा जो ब्रिटेन में काम और व्यापार के लिये रहते हैं.
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अस्वीकार विधेयक
इस साल गर्मियों तक ब्रिटेन की सरकार, यूरोपीय संघ छोड़ने से जुड़े कानून और ईयू के सभी कानूनों को खत्म करने को लेकर, ब्रिटेन में बिल पेश कर सकती है. इस संभावित कदम से साल 1972 के यूरोपियन कम्युनिटीज एक्ट (ईसीए) को रद्द किया जा सकेगा. यह कानून ब्रिटेन में यूरोपीय संघ के कानूनों की तत्काल प्रभाव से अनुमति देता है.
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कब समाप्त होगी प्रक्रिया
ईयू नेताओं के मुताबिक वे बातचीत की इस पूरी प्रक्रिया को 18 महीने के भीतर समाप्त करना चाहते हैं और यही समय ब्रिटेन, यूरोपीय संसद और सभी सदस्य देशों द्वारा ब्रिटेन के बाहर निकलने की शर्तों की पुष्टि करने के लिये तय किया गया है. अगर दो साल तक किसी समझौते पर नहीं पहुंचा गया तो ब्रिटेन स्वत: ही यूरोपीय संघ और इसके सभी मौजूदा समझौतों से मुक्त हो सकता है.
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ब्रिटने पलट गया तो?
अनुच्छेद 50 के पांचवें पैरा में इस बात का उल्लेख किया गया है. इसके मुताबिक बाहर जाने के बाद अगर कोई राज्य दोबारा संघ में शामिल होना चाहता है तो उस पर भी विचार किया जा सकता है. दोबारा शामिल होने जैसे प्रस्तावों पर अनुच्छेद 49 के तहत विचार किया जाएगा. (आसिम सलीम/एए)