मैर्केल ने सीसी से जताई मृत्युदंड पर कड़ी आपत्ति
४ जून २०१५जर्मन राजधानी बर्लिन में चांसलर मैर्केल और अल सीसी की मुलाकात में द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध बढ़ाने पर भी बातचीत हुई लेकिन मृत्युदंड का मुद्दा ही सबसे प्रमुखता से छाया रहा. मैर्केल और अल सीसी के संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का अंत वहां मौजूद एक प्रदर्शनकारी के इस नारे के साथ हुआ, कि "यह एक हत्यारा है!"
जर्मनी में अल सीसी की पहली आधिकारिक यात्रा काफी विवादास्पद साबित हुई. जर्मन संसद बुंडेसटाग के अध्यक्ष नॉर्बर्ट लामर्ट ने पहले ही कह दिया था कि वह मिस्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कमियों के विरोध में पूर्व सेना प्रमुख और वर्तमान राष्ट्रपति अल सीसी से नहीं मिलेंगे.
मिस्र में प्रशासन राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ काफी सख्ती से कार्रवाई कर रहा है. जो लोग निशाने पर हैं उनमें मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं के अलावा कई सेकुलर और उदारवादी लोग भी शामिल हैं. अल सीसी ने 2013 में जनता के चुने राष्ट्रपति मुर्सी के शासन के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शनों के बीच उन्हें सैनिक विद्रोह में कुर्सी से हटाकर खुद देश के सर्वोच्च पद पर कब्जा कर लिया था.
बुधवार को मैर्केल और अल सीसी की मुलाकात से एक दिन पहले ही मिस्र की एक अदालत ने मुर्सी और दूसरे शीर्ष मुस्लिम ब्रदरहुड नेताओं दी गई मौत की सजा पर अंतिम फैसला आगे के लिए स्थगित कर दिया. बर्लिन में चांसलर कार्यालय के बाहर तैनात जर्मन पुलिस को एल सीसी के करीब 100 समर्थकों और लगभग 50 विरोधियों को आपस में उलझने से रोकना पड़ा.
मैर्केल ने प्रेस को बताया कि अल सीसी के साथ दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा मामलों में सहयोग पर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में परस्पर सहयोग के कई मौके हैं, "(लेकिन) कुछ मुद्दों पर हमारी राय अलग है... जैसे कि किसी भी हाल में मृत्युदंड नहीं दिया जाना चाहिए, चाहे आतंकवादी गतिविधियों का ही मामला क्यों ना हो."
जर्मनी का बड़ा औद्योगिक समूह सीमेंस मिस्र के साथ गैस एंड स्टीम पावर प्लांट की आपूर्ति का 8 अरब डॉलर का समझौता कर रहा है.
आरआर/एमजे (रॉयटर्स)