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मॉस्को में दफनाया जाएगा कलाश्निकोव को

२५ दिसम्बर २०१३

रूस के राष्ट्रीय हीरो मिखाइल कलाश्निकोव को मॉस्को में दफनाया जाएगा. एके-47 राइफल के डिजायनर का दो दिन पहले इझेव्स्क शहर में 94 साल की आयु में निधन हो गया था. उन्हें उनका शहर बुधवार और गुरुवार को अंतिम विदाई दे रहा है.

तस्वीर: Natalia Kolesnikova/AFP/Getty Images

रिटायर होने के बाद से वे मॉस्को से 110 किलोमीटर दूर अपने शहर इझेव्स्क में रह रहे थे, जहां एक महीने तक अस्पताल में रहने के बाद उनकी मौत हो गई. पहले यह कहा जा रहा था कि उन्हें अपने शहर में ही दफनाया जाएगा, लेकिन आरंभिक गफलतों के बाद तय किया गया कि उन्हें 27 दिसंबर को मॉस्को में वीरों के कब्रगाह में दफनाया जाएगा. रूस के उदमूर्तिया गणतंत्र की सरकार ने कहा है कि यह फैसला कलाश्निकोव के रिश्तेदारों ने किया है.

इस साल गर्मियों में रूस ने मॉस्को में शहीदों के लिए अपने पहले राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया. यहां 30,000 लोगों को दफनाया जा सकेगा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार शहर केंद्र से 20 किलोमीटर दूर मिटिश्ची में स्थित कब्रगाह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगा. यह अगले 200 साल तक राष्ट्रीय शख्सियतों को दफनाने के लिए रूस की जरूरतों को पूरा कर पाएगा.

तस्वीर: Ahmad Al-Ruby/AFP/Getty Images

10 नवंबर 1919 को दक्षिणी साइबेरिया के कुर्या इलाके में पैदा हुए मिखाइल कलाश्निकोव ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एके-47 (अवटोमाट कलाश्निकोव ) राइफल बनाई थी. हथियार बनाने की एक फैक्टरी इस समय उनके नाम से है. एके-47 इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित हथियार है. दुनिया भर में छापामार, आतंकवादी और बहुत से देशों के सैनिक इसका इस्तेमाल करते हैं. एक अनुमान के अनुसार इस समय दुनिया भर में 10 करोड़ एके-47 राइफल प्रचलन में हैं.

कलाश्निकोव का मानना था कि जटिल चीजें खराब होती हैं. वह कहते थे, "जिसे अच्छा होना है उसे आसान होना चाहिए." वे 1941 में टैंक टुकड़ी के कमांडर थे, लेकिन घायल होने के बाद अस्पताल में थे, तभी उन्होंने नए हथियार पर काम करना शुरू किया. वे मोर्चे पर जाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने इसकी इजाजात नहीं दी और वे दुनिया के सबसे घातक हथियार के विकास में लग गए. खून खराबे में इसके इस्तेमाल ने कलाश्निकोव को कभी परेशान नहीं किया. एक बार उन्होंने कहा था, "मैं चैन की नींद सोता हूं. समझौता नहीं कर पाने और हिंसा के लिए राजनीतिज्ञ जिम्मेदार हैं."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

मिखाइल कलाश्निकोव की अपनी जिंदगी 20वीं सदी में रूस के विकास की परछाईं की तरह रही. जब वे पैदा हुए तो जार को हटाया जा चुका था और रूस में कम्युनिस्ट क्रांति हो चुकी थी. अपने जीवन पर्यंत वे कम्युनिस्ट रहे. वे उन्हें मिले मौकों के लिए समाजवाद के शुक्रगुजार रहे. उन्होंने कहा था, "मैं एक किसान परिवार का 17वां बच्चा था, कम्युनिस्ट शासित एक देश में मैं कंस्ट्रक्टर बन सका." कलाश्निकोव को नाम जितना मिला हो, वे कभी धनी नहीं हो पाए. जीवन के अंत तक वे इझेव्स्क में एक साधारण से तीन कमरे के फ्लैट में रहते थे.

एमजे/ओएसजे (डीपीए)

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