भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिनों की चीन यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों के और गहरा होने की उम्मीद जताई है. लेकिन भारतीय मीडिया में अलग अलग उम्मीदें व्यक्त की जा रही है.
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नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार चीन के दौरे को कितना महत्व दे रहे हैं, यह इस बात से पता चलता है कि यात्रा से ठीक पहले भारतीय प्रधानमंत्री ने चीनी सोशल मीडिया साइट वाइबो पर अपना अकाउंट खोला है और चीन की युवा आबादी के साथ देश की सरकारी साम्यवादी मीडिया के बिना संपर्क चाहते हैं. इसके अलावा उन्होंने चीन दौरे से पहले उनके लिए अहम मुद्दों पर चीनी मीडिया के साथ भी बातचीत की है.
भारत के प्रमुख दैनिक इकॉनॉमिक टाइम्स में वरिष्ठ पत्रकार सीमा सिरोही ने लिखा है, “ प्रधानमंत्री को देखना होगा कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था पर चीनी दबाव की अनुमति दिए बिना वहां से अरबों कैसे आकर्षित करते हैं. उन्हें ऐसा करते हुए इलाके में भारत का रणनैतिक प्रभाव भी बनाए रखना होगा.“
दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में बीजेपी सांसद और समीक्षक तरुण विजय ने लिखा है, “ हम बढ़ते कारोबार और द्विपीक्षीय रिश्तों के बारे में जो कहें, तथ्य है कि एक दूसरे के लिए अविश्वसनीयता का स्तर काफी ऊंचा है जो जटिल वीजा प्रक्रिया में भी दिखता है.“
यह अविश्वसनीयता चीनी अखबारों की टिप्पणियों में भी दिखती है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स में एक समीक्षक ने लिखा है कि मोदी सीमा विवाद और सुरक्षा के मामलों में छोटी छोटी चालबाजियां कर रहे हैं. समीक्षक का कहना है कि पिछले साल मोदी के कूटनीतिक कदमों ने दिखाया है कि वे दूरद्रष्टा होने के बदले व्यवहारिक हैं.
भारत में राजनीतिक भ्रष्टाचार
समय के साथ अपराधी भी राजनीति को अपना घर समझने लगे. 2014 के चुनावों के बाद नई संसद में पिछले दशकों में सबसे ज्यादा आपराधिक आरोपों वाले नेता चुने गए. भारत के कई प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमे चले हैं.
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लालू यादव
सालों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव पर भ्रष्टाचार के 63 मामले थे लेकिन चारा घोटाले के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा और अपना पद छोड़ना पड़ा. अपराध साबित होने के कारण उन पर पिछला चुनाव लड़ने पर रोक लग गई. इस समय वे जमानत पर बाहर हैं.
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बीएस येदियुरप्पा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 2008 में बीजेपी को प्रांत में पहली बार सत्ता में लाने का श्रेय जाता है. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने परिवारवाद शुरू कर दिया और अपने बच्चों को जमीन के अलॉटमेंट में पक्षपात किया. भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया और अपना पद भी छोड़ना पड़ा.
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ए राजा
चार बार संसद के सदस्य और दो बार भारत के संचार मंत्री रहे ए राजा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अभियुक्त हैं. मामले की जांच कर रही सीबीआई का कहना है कि 3000 करोड़ के इस घोटाले में मनपसंद लोगों को स्पेक्ट्रम के लाइसेंस दिए गए. 2011 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन 2012 से वे जमानत पर बाहर हैं.
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कणिमोझी
राजनीतिक भ्रष्टाचार का एक रूप फैसला लेने वाले राजनीतिज्ञों के करीबी लोगों के कारोबार में भागीदारी के रूप में सामने आया है. कणिमोझी डीएमके नेता एम करुणानिधि की बेटी हैं और आरोप है कि उनकी कंपनी कलाइनार टीवी में ए राजा की वजह से स्पेक्ट्रम लाइसेंस पाने वाले कारोबारियों का पैसा आया.
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सुरेश कलमाड़ी
कांग्रेस पार्टी के प्रमुख राजनीतिज्ञ के अलावा सुरेश कलमाड़ी देश के प्रमुख खेल अधिकारी भी रहे हैं. उनका नाम भारत में कॉमनवेल्थ कराने से जुड़ा है तो उसके आयोजन में हजारों करोड़ के घोटाले के साथ भी. कलमाड़ी और उनके सहयोगियों को धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस समय मामला अदालत में है.
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मधु कौड़ा
गरीब आदिवासी परिवार से आए झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कौड़ा राजनीति की वजह से कोरड़पति बन गए. उनकी दिलचस्पी सिर्फ अपने प्रांत में होने वाले खनन में ही नहीं थी बल्कि अफ्रीकी देशों में भी. उनपर 4000 करोड़ की संपत्ति रखने का आरोप लगा, जो प्रांत के बजट का एक चौथाई था. इस समय वे जमानत पर हैं.
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पीवी नरसिंह राव
भ्रष्टाचार के आरोप तो प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी लगे लेकिन नरसिंह राव भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिनपर पद पर रहते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए गए जिसमें उन्हें सहअभियुक्त बनाया गया था.