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मोहम्मद यूनुस निर्दोषः वित्त मंत्री

२५ अप्रैल २०११

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को नॉर्वे से मिले फंड की हेराफेरी की जांच में निर्दोष पाया गया है. सोमवार को बांग्लादेश के वित्त मंत्री ने इस बात की जानकारी दी.

तस्वीर: DW

हालांकि बैंक को अब भी सरकार के आखिरी फैसले का इंतजार है जो एक और मामले में उनके खिलाफ जांच कर रही है. यह मामला बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर गैर कानूनी तरीके से उनकी दोबारा नियुक्ति का है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट 2 मई को उन्हें बर्खास्त करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी.

यूनुस पिछले साल दिसंबर से ही सरकार और कोर्ट के निशाने पर रहे हैं. नॉर्वे की एक डॉक्यूमेंट्री में उन पर ग्रामीण बैंक को मिले करीब 9.6 करोड़ यूरो की हेराफेरी का आरोप लगाया गया. बांग्लादेश का ग्रामीण बैंक गरीब लोगों को आसान शर्तों पर कर्ज देता है. इस बैंक को मोहम्मद यूनुस ने शुरू किया था. बैंक के जरिए गरीबों की मदद करने के लिए उन्हें 2006 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

तस्वीर: AP

नॉर्वे की सरकार ने अपनी जांच में 70 साल के मोहम्मद यूनुस को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके बैंक पर 'गरीबों का खून चूसने' का आरोप लगाया और उनके खिलाफ सरकार जांच करवा रही है. बांग्लादेश के वित्त मंत्री ए एम ए मुहिथ ने बताया कि मोहम्मद यूनुस के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने कहा है, "नॉर्व सरकार की ओर से करवाई गई जांच को अंतिम मान लिया गया है. अब इसमें और जांच करने की जरूरत नहीं."

सरकार की तरफ से नियुक्त की गई जांच कमेटी को भी इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं मिली है कि ग्रामीण बैंक ने गरीब लोगों को दिए कर्ज पर ऊंची ब्याज दरें वसूल की. ग्रामीण बैंक 20 फीसदी ब्याज की दर पर कर्ज देता है. देश में मौजूद 1200 से ज्यादा छोटे कर्ज देने वाली दूसरी संस्थाएं इससे काफी ऊंची दर पर कर्ज देती हैं. ज्यादातर संस्थाएं 35-40 फीसदी की दर पर कर्ज देती हैं.

पिछले महीने मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के आदेश पर बर्खास्त कर दिया गया. केंद्रीय बैंक का कहना है कि 1999 में एमडी पद पर उनकी दोबारा नियुक्ति पर बैंक की रजामंदी नहीं ली गई. हाई कोर्ट ने भी 8 मार्च को दिए अपने फैसले में बैंक के आदेश को उचित ठहराया. हाई कोर्ट का यह भी कहना था कि मोहम्मद यूनुस को रिटायर्मेंट की उम्र का भी ख्याल करना चाहिए था जो पूरे देश के लिए 60 साल है.

अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से मिले समर्थन के बाद मोहम्मद यूनुस ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी और ढाका में मौजूद बैंक मुख्यालय में काम करना जारी रखा. बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह उनकी बर्खास्तगी पर 2 मई को विचार करेगी. मोहम्मद यूनुस के समर्थकों का कहना है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना जान बूझ कर उन्हें निशाना बना रही हैं क्योंकि उन्होंने 2007 में एक राजनीतिक पार्टी खड़ी करने की कोशिश की थी हालांकि उनकी इस कोशिश को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ

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