नीदरलैंड्स के वैज्ञानिक दुनिया की कुछ बड़ी हस्तियों की मौत की गंध को दोबारा पैदा कर रहे हैं. अंतिम समय में उनके परफ्यूम और खून की गंध से मिलकर जो माहौल बना होगा उसका एहसास एक बक्से में लिटाकर कराया जा रहा है.
विज्ञापन
ब्रेडा यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों का कहना है कि वे पर्यटकों को इतिहास की अलग अंदाज में सैर करा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या के समय उनकी पत्नी जैकलीन केनेडी ने जो खुश्बू लगाई हुई थी, वह केनेडी के खून से मिलकर कैसी बन गई होगी? या फिर व्हिटनी ह्यूस्टन के अंतिम पलों में ड्रग्स ओवरडोज के बाद बाथटब में कैसी गंध रही होगी?
इस रिसर्च में लगे ब्रेडा यूनिवर्सिटी के कम्यूनिकेशन एंड मल्टीमीडिया डिजाइन के रिसर्चर फ्रेडरिक डॉयरिंक सवाल उठाते हैं, "हमने केनेडी की हत्या की तस्वीरें देखी हैं, लेकिन उस समय गंध कैसी रही होगी?" यह पता लगाने के इच्छुक व्यक्ति को बारी बारी चार बक्सों में लिटाया जाता है. ये बक्से कुछ कुछ मुर्दाघरों के बक्सों जैसे ही होते हैं. सबसे पहले बक्से के अंदर अंधेरा रहता है फिर संगीत बजना शुरू होता है. उसके बाद बक्से में कई तरह के सेंट धीरे धीरे पाइप के जरिए छोड़े जाते हैं. ये सबस मिलकर वैसी गंध पैदा करते हैं जैसी उस मशहूर शख्सियत की मौत के समय रही होगी. बक्से में पांच मिनट तक उस गंध का एहसास किया जा सकता है. यहां आने वाले दुनिया की चार बड़ी मृतक हस्तियों की मौत की गंध का अनुभव कर सकते हैं. ये हैं जॉन एफ केनेडी, राजकुमारी डायना, मुअम्मर गद्दाफी और व्हिटनी ह्यूस्टन.
व्हिटनी ह्यूस्टन की मौत की घड़ी का अनुभव करने वाले महसूस करते हैं कि जब कोकेन के ओवरडोज से ह्यूस्टन बाथटम में डूबी होंगी तो कैसा माहौल रहा होगा. पानी में डूबने और ह्यूस्टन की आवाज से पहले पर्यटकों को उस क्लीनर की महक सुंघाई जाती है जो दुनिया भर के बड़े होटलों में इस्तेमाल होती है. इसके बाद आती है जैतून के तेल की महक जो ह्यूस्टन ने अपने बाथटब में डाली हुई थी. फिर कोकेन जैसी गंध बक्से में भर जाती है. थोड़ी देर तक पानी में उठापटक जैसी आवाजें और फिर खामोशी.
डॉयरिंक कहते हैं, "गंध को संवाद का माध्यम बहुत कम ही बनाया जाता है और हम इसके इस्तेमाल का विस्तार करना चाहते थे. यह संवाद का बहुत ही सशक्त माध्यम है." वैज्ञानिकों के मुताबिक गंध का संबंध दिमाग के उन हिस्सों से होता है जो भावनाओं और यादों के लिए जिम्मेदार होते हैं. कई बार दुकानों में भी इसी ट्रिक का इस्तेमाल किया जाता है. ब्रेड की दुकान में ताजा बेक की हुई ब्रेड की सोंधी खुश्बू आ रही हो तो कौन ब्रेड नहीं खरीदना चाहेगा. गद्दाफी की मौत की गंध के अनुभव से गुजरने वाले रिक्स सोएपेनबेर्ग ने बताया कि यह बहुत ही अद्भुत और हैरान करने वाला एहसास था. मुझे लगा जैसे वह सब कुछ मेरे ही साथ हो रहा हो. इस इंस्टालेशन को बहुत जल्द यूरोप के अन्य देशों में ले जाया जाएगा.
एसएफ/आरआर (एएफपी)
दुनिया को कहा अलविदा
साल 2013 में दुनिया ने अनेक शख्सियतों को खो दिया. महान नेता से लेकर कई कलाकार अब हमारे बीच नहीं हैं.
तस्वीर: Reuters
नेल्सन मंडेला (1918-2013)
रंगभेद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले और नस्ली एकता के महान नेता नेल्सन मंडेला का 94 साल की उम्र में निधन. मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे.
तस्वीर: Reuters
मार्गरेट थैचर (1925-2013)
मार्गरेट हिल्डा थैचर 1979 में ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं. 8 अप्रैल 2013 को 87 साल की उम्र में निधन. जीवन की तरह मृत्यु में भी वह विवादों में रहीं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
विल्फ्रीड मार्टेंस (1936-2013)
बेल्जियम में 9 गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री रहे विल्फ्रीड मार्टेंस का 77 वर्ष की आयु में निधन.
तस्वीर: picture-alliance/ dpa
ओत्तावियो क्वात्रोकी (1938-2013)
इतालवी व्यापारी और बोफोर्स घोटाले में आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोकी का निधन. सीबीआई ने इस मामले को बंद कर दिया था. किसी भी आरोपी के खिलाफ दोष साबित नहीं हो पाया.
तस्वीर: AP
मिखाइल कलाश्निकोव (1919-2013)
एके-47 राइफल का आविष्कार करने वाले मिखाइल क्लाशनिकोव का 94 साल की उम्र में निधन. उन्हें राष्ट्रीय सम्मान के साथ मॉस्को में वीरों के कब्रगाह में दफनाया गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सरबजीत सिंह (1962-2013)
भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह का पाकिस्तान के अस्पताल में निधन. सरबजीत पर लाहौर की जेल में जानलेवा हमला हुआ था. उन्हें पाकिस्तान में बम धमाके के आरोप में फांसी की सजा हुई थी.
तस्वीर: AP
रॉनी बिग्स (1929-2013)
ब्रिटेन के कुख्यात लुटेरे रॉनी बिग्स का 84 साल की उम्र में निधन. लंदन में बिग्स के गिरोह ने ट्रेन से 26 लाख पाउंड लूटे थे.
तस्वीर: Reuters
प्राण (1920-2013)
बालीवुड फिल्मों के जाने माने अभिनेता प्राण कृष्ण सिकंद का 93 साल की उम्र में निधन. प्राण ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था.
तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images
मन्ना डे (1919-2013)
हिन्दी फिल्म संगीत को नई उंचाइयों पर पहुंचाने वाले मन्ना डे का 94 साल की उम्र में निधन. मन्ना डे ने हिन्दी और बांग्ला समेत अनेक भाषाओं में 3,500 से अधिक गाने गाए.
तस्वीर: AP
जिया खान (1988-2013)
बॉलीवुड की युवा अभिनेत्री जिया खान ने 3 जून 2013 को फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया. जिया ने अपने करियर की शुरुआत अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म निःशब्द से किया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
रेशमा (1947-2013)
भारत में जन्मी और पाकिस्तान की मशहूर लोक गायिका रेशमा का कैंसर की बीमारी के बाद निधन. रेशमा के गाए गाने लंबी जुदाई और दमादम मस्त कलंदर आज भी लोकप्रिय हैं.
तस्वीर: NARINDER NANU/AFP/Getty Images
रितपुर्णो घोष (1963-2013)
रितपुर्णो घोष बंगला फिल्मों के महान निर्देशकों में से एक थे. 49 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन. उन्हें 12 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था. उनिशे अप्रैल और चोखेर बाली उनकी मशहूर फिल्में हैं.
तस्वीर: DW/S. Bandopadhyay
पॉल वॉकर (1973-2013)
'फास्ट एंड फ्यूरियस' के स्टार पॉल वॉकर की कार दुर्घटना में मौत. 40 साल के पॉल ने करीब 25 फिल्मों में काम किया था.
तस्वीर: Yasuyoshi Chiba/AFP/Getty Images
पीटर ओ टूल (1932-2013)
लॉरेंस ऑफ अरेबिया के स्टार पीटर ओ टूल का लंबी बीमारी के बाद 81 वर्ष की उम्र में निधन.
तस्वीर: imago/AD
रे डॉल्बी (1933-2013)
डॉल्बी प्रयोगशालाओं के संस्थापक और अमेरिकी इंजीनियर रे डॉल्बी का 12 सितंबर 2013 को निधन. ऑडियो रिकॉर्डिंग में शोर खत्मकर उनकी कंपनी ऑडियो तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बन गई थी.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
डगलस एंगलबर्ट (1925-2013)
कंप्यूटर माउस के जनक डगलस एंगलबर्ट का 88 साल की उम्र में अमेरिका में निधन. 1963 में उन्होंने दुनिया को कंप्यूटर माउस से रूबरू कराया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
फारूख शेख
दुबई में दिल का दौरा पड़ने से फारूख शेख का निधन. चश्मे बद्दूर और शतरंज के खिलाड़ियों जैसी फिल्मों के लिए मशहूर शेख टीवी शो मेजबान थे और नाटकों में भी नजर आते थे.