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मौसम मेरी पहली प्रेम कहानीः सोनम कपूर

१८ सितम्बर २०११

जेन आस्टिन और ब्रोन्टे बहनों के आदर्श प्रेम की कायल सोनम कपूर कहती हैं कि 'मोसम' की शर्मीली अयात का किरदार निभाते वक्त उन्हें किसी ऐतिहासिक उपन्यास की नायिका बनने की अनुभूति हुई.

तस्वीर: UNI

बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर इसे अपनी पहली प्रेम कहानी बताने के साथ ही अब तक की सबसे कठिन भूमिका भी कहती हैं. शाहिद कपूर के साथ आ रही उनकी इस फिल्म के पर्दे पर उतरने की तारीख एक हफ्ते के लिए टल गई है. फिल्म के कुछ एक्शन दृश्यों पर भारतीय वायुसेना ने आपत्ति जताई है. अब ये फिल्म 23 सितंबर को पर्दे पर उतरेगी.

दिल्ली 6 की बिट्टू और आयशा के रूप में में दर्शकों के दिल पर दस्तक देने वाली सोनम बताती हैं कि मौसम की कहानी 15 साल पहले के समय की है और इसने प्रेम पर उनके विश्वास को फिर से जिंदा कर दिया है. सोनम ने कहा, "फिल्म का किरदार मेरी असल जिंदगी से बिल्कुल उल्टा है. सिर्फ एक बार देख कर इसके बारे में कुछ कह पाना बहुत मुश्किल है. अभिनय बहुत मुश्किल रहा. दिल्ली 6 और आयशा में मेरा किरदार बहुत चटकीला था और बहुत सारी सहारा देने वाली चीजों पर टिका था लेकिन यह भूमिका बहुत कठिन थी."

तस्वीर: AP

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सोनम ने कहा, "मैं बहुत एक बहुत रूमानी मिजाज की लड़की हूं और प्यार के चार मौसमों पर बनी इस फिल्म ने प्यार में मेरी आस्था को फिर से जिंदा कर दिया है. यही वजह है कि जब मैं एडिनबर्ग में फिल्म के दूसरे मौसम की शूटिंग के लिए थी तो मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं एमिली ब्रोन्ट की वुदरिंग हाइट्स का हिस्सा हूं."

रूमानी तबियत की होने के बावजूद सोनम ने इस किरदार की खामोशी और मासूमियत का भी खूब मजा लिया.सोनम कहती हैं, "इस फिल्म के मेरे किरदार में काफी गहराई, श्रेष्ठ गुण और जटिलता है, हर आंसू और भाव कुछ कहता है और अगर वहां जबान से भी कुछ कहा गया है तब तो मतलबों के अंबार लग जाते हैं. बहुत कुछ वैसा जैसा नूतन किया करती थी. इसलिए मैंने नूतन की बहुत सारी पुरानी फिल्में देखी जिससे कि मैं उनसे कुछ सीख सकूं."

पंकज कपूर का निर्देशन

मौसम फिल्म के साथ ही दिग्गज कलाकार पंकज कपूर निर्देशन की अपनी पारी शुरू कर रहे हैं. फिल्म की पृष्ठभूमि में भारतीय वायुसेना है. पंकज ने सोनम और शाहिद से चिट्ठियां लिखने को कहा और सोनम कहती हैं कि यह एक मुश्किल काम था. सोनम ने कहा, "इस काम ने मुझे मेरे स्कूल के दिनों की याद दिला दी जब हम रोज डे और वैलेंटाइन डे पर कार्ड बनाया करते थे लेकिन यह बहुत पुरानी बात है. अब हमारे पास ईमेल और एसएमएस हैं. मुझे नहीं पता था कि कहां डियर, सिंसियरली या ढेर सारे प्यार के साथ जैसे शब्दों का प्रयोग करना है. मुझे यह फिर सीखना पड़ा."

तस्वीर: IndiaFM

सोनम नए दौर की नायिका हैं जब मोबाइल और इंटरनेट इंसान के रिश्तों की परिभाषाएं तय कर रहा है हालांकि इसके बावजूद बीते दौर के लिए उनके मन में गहरा लगाव है. सोनम कहती हैं, "बहुत कुछ बहुत तेजी से बदल गया है लेकिन हमने निजी अहसासों को खो दिया है. पहले बहुत सारे विचार होते थे, संवेदनशीलता होती थी लेकिन अब हम संवेदनहीन और स्वार्थी बनते जा रहे हैं. तकनीक ने हमें बहुत कुछ दिया है लेकिन साथ ही हमसे हमारी मानवीयता छीन ली है."

सोनम ने चार साल पहले अदाकारी की दुनिया में कदम रखा और वो एक साथ तीन चार फिल्में करने में यकीन नहीं रखतीं बल्कि हर फिल्म के किरदार में उतर कर उसका मजा लेना चाहती हैं. सोनम ने कहा, "दिल्ली 6 और आयशा में मैं दिल्ली की लड़की बनी थी लेकिन मैंने कड़ी मेहनत करके उनमें कुछ अलग करने की कोशिश की. मुझे प्रशंसकों के रूप में महिलाएं अच्छी लगती हैं क्योंकि वो किसी के साथ पहचान कर लेती हैं, काफी मजबूत होती हैं और इस बात की परवाह किए बगैर अपनी राय रखती हैं कि लोग क्या सोचेंगे. मैं फिल्मों में महज शो पीस बन कर नहीं रहना चाहती.

रिपोर्टः पीटीआई/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

 

 

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