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म्यांमार में अमेरिका के बाद अब आईएमएफ की दिलचस्पी

१३ जुलाई २०१२

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कंबोडिया में म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सेन से मुलाकात की है. बातचीत से अहम फैसलों की उम्मीद की जा रही है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने म्यांमार की मदद करने की हामी भरी है.

तस्वीर: AP

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में म्यांमार पर प्रतिबंधों को कम करने का एलान किया और कहा कि अमेरिकी तेल और गैस कंपनिया वहां निवेश कर सकेंगी. नए नियमों के मुताबिक कंपनियां वहां की सरकारी कंपनी एमजीओई (म्यांमार तेल और गैस कंपनी) के साथ काम कर सकेंगी लेकिन उन्हें 60 दिनों के अंदर अमेरिकी विदेश मंत्रालय को इसकी खबर देनी होगी. शुक्रवार को विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सेन से मिल रहीं हैं और उनका परिचय अमेरिका के प्रमुख उद्योगपतियों से कराएंगीं. क्लिंटन ने यह भी एलान किया है कि उनका देश दक्षिण पूर्वी एशिया के पांच देशों, यानी वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाइलैंड और म्यांमार को पांच करोड़ डॉलर की मदद देगा जिसे स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों में खर्च किया जाएगा.

इस बीच आईएमएफ म्यांमार के लिए थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में नया दफ्तर खोल रहा है जिसके जरिए वहां लोगों को प्रशिक्षण दी जाएगी. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लागार्द ने इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है कि यह दफ्तर कब खुलेगा. यह केंद्र लाओस के लिए भी काम करेगा और इसका मकसद दोनों देशों को हर तरह की सहायता देना है.

50 सालों से ज्यादा बंद रहने के बाद म्यांमार अपने बाजार धीरे धीरे खोल रहा है जिसके बाद से आईएमएफ के साथ देश के संबंध बेहतर हुए हैं. मई में पहली बार आईएमएफ ने म्यांमार पर एक रिपोर्ट छापी जिसमें देश में व्यापार बढ़ाने और निवेश के माहौल को बेहतर करने की बात की गई है. साथ ही वित्तीय सेक्टर में सुधार और खुले बाजार को लाने के बारे में भी कहा गया है.

तस्वीर: Reuters

दशकों से सैन्य शासन के दौरान म्यांमार की अर्यथव्यव्स्था अपंग हो गई और दुनिया से पूरी तरह अलग रही. पिछले साल नवंबर में चुनावों के बाद वहां बदलाव हो रहे हैं. वहां के प्राकृतिक संसाधन और श्रम शक्ति अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बहुत आकर्षक बन गई है. साथ ही, चीन और भारत के बीच मौजूद म्यांमार रणनीतिक वजहों से भी अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए अहम है.

इस बीच विपक्ष की नेता और नोबेल पुरस्कार की विजेता आंग सान सू ची ने इन कदमों का स्वागत किया है लेकिन कहा है कि इसमें और पारदर्शिता की जरूरत है. अमेरिकी रिपब्लिकन सेनेटर जॉन मैकेन ने भी कहा है कि म्यांमार की सरकारी तेल कंपनी के साथ व्यापार करने से वहां के राजनीतिक सुधारों में बाधाएं आ सकती हैं.

एमजी/एनआर (एपी, एएफपी)

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