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म्यांमार में 22 हजार लोग विस्थापितः यूएन

२८ अक्टूबर २०१२

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक म्यांमार में हिंसा के नए कुचक्र के कारण 22 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. 75 हजार के करीब लोग पहले से ही शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.

तस्वीर: CHRISTOPHE ARCHAMBAULT/AFP/Getty Images

संयुक्त राष्ट्र में ह्यूमेनिटेरियन कोऑर्डिनेटर अशोक निगम ने कहा, मुझे दोनों समुदायों के विस्थापित लोगों की आंखों में दिखे डर और अविश्वास को देख गहरी चिंता हो रही है. अशोक निगम म्यांमार के राखिन राज्य के दौरे पर थे. यहां पिछले सप्ताह हुए हिंसक दंगों में 67 लोग मारे गए हैं.

निगम राज्य के उच्चस्तरीय सरकारी दौरे के सदस्य हैं. इस राज्य का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल ला मिन के पास है. उन्होंने इन दंगों के कारणों के जांच की प्रतिज्ञा की है और इसमें शामिल लोगों को पकड़ने की बात कही है." ये बहुत जरूरी है कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करे, हिंसा और बढ़ने से रोके और मेल मिलाप का संदेश फैलाए. "

बांग्लादेश से लगे उत्तरी राज्य राखिन में हाल की हिंसा के दौरान करीब चार हजार घर नष्ट कर दिए गए. कहा जा रहा है कि राखिन के तीन मुस्लिम बहुल इलाकों में खाने और सहायता सामग्री की कमी के विरोध में ये दंगे शुरू हुए.

जून से अभी तक ये तीन इलाके सुबह सात से शाम सात तक कर्फ्यू में रखे गए हैं.

तस्वीर: Reuters

उधर बांग्लादेश के अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी कि म्यांमार से लगी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है क्योंकि हिंसा के कारण भाग कर आने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. निगम ने बताया कि रोहिंग्या समुदाय के कई हजार लोग टेंटों और अस्थाई शिविरों में रह रहे हैं. "सभी विस्थापितों को तुरंत मानवीय सहायता की जरूरत है. सरकार के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदारों ने भोजन और रहने की व्यवस्था करना शुरू की है.

म्यांमार में मुख्य रूप से बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. वहीं उत्तरी राज्य राखिन में रोहिंग्या पीढ़ियों से रह रहे हैं. ये मुख्य तौर पर बांग्लादेश से आए हुए हैं. इन्हें ब्रिटिश राज के दौरान मजदूरों के तौर पर लाया गया था. देश के तीन उत्तरी राज्यों में करीब आठ लाख रोहिंग्या समुदाय के लोग रहते हैं. 1982 के सिटिजनशिप लॉ के तहत उन्हें म्यांमार की नागरिकता नहीं मिल सकती.

एएम/एमजी (डीपीए, एएफपी)

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