म्यांमार से चीन ने किए 15 समझौते
३ जून २०१०चीन और म्यांमार, दुनिया के दो ऐसे देश हैं जो मानवाधिकारों को लेकर दुनिया के निशाने पर रहे है. तेजी के तरक्की कर रहे चीन का विरोध तो अब धीमा पड़ गया है लेकिन म्यांमार को अब भी खूब खरी खोटी सुननी पड़ती है. लेकिन इन बातों से बेहपरवाह दोनों देशों के बीच करीबी रिश्ते रहे हैं जिन्हें गुरुवार को म्यांमार पहुंचे चीनी प्रधानमंत्री ने और मजबूती दी.
तीन दिन के दौरे पर म्यांमार पहुंचे चीनी प्रधानमंत्री वेन चियापाओ ने सैन्य सरकार के प्रमुख जनरल थान श्वे से मुलाकात की. क्या बात हुई, वह तो बाहर नहीं आई लेकिन म्यांमार के प्रधानमंत्री थाइन साइन के साथ 15 समझौतों पर चीन की सहमति बनी है. म्यांमार की नई राजधानी नाइपीदाओ में हुए इन समझौतों के तहत दोनों देश प्राकृतिक गैस पाइप लाइन, हाइड्रोपावर, अनुदान सहायता, रेल यातायात, सीमा व्यापार और खनन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाएंगे. वेन पिछले 16 सालों में म्यांमार का दौरा करने वाले पहले चीनी प्रधानमंत्री हैं.
चीन दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक हैं जो म्यांमार के साथ नजदीकी संबंध रखते हैं. लेकिन चीन से लगने वाले म्यांमार के दूरदराज के सीमावर्ती इलाकों में जारी गतिविधियों से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ा है. इन इलाकों में कई ऐसे हथियारबंद गुट सक्रिय हैं जो सैन्य सरकार का विरोध करते हैं. इनमें से कुछ लोग चीन में नशीले पदार्थों की तस्करी भी करते हैं. पिछले साल म्यांमार की सरकार ने एक गुट पर कार्रवाई की जिसके नतीजे में 37 हजार शरणार्थियों ने चीन का रुख कर लिया. इसीलिए म्यांमार के नेताओं के साथ अपनी मुलाकात में चीनी प्रधानमंत्री ने सीमा स्थिरता के मुद्दे को जोर शोर से उठाया.
चीन म्यांमार में इसी साल होने वाले चुनावों को लेकर भी चिंतित हैं. उसे आम चुनाव कराने की म्यांमार सरकार की क्षमता पर संदेह है. दरअसल सैनिक सरकार ने घोषणा की है कि सभी हथियारबंद गुटों को चुनाव से पहले खुद को सरकारी मिलिशिया में तब्दील होना पड़ेगा. चीन को डर है कि इससे म्यांमार के उत्तरी राज्यों में लड़ाई छिड़ सकती है जिसका खमियाजा उसे उठाना पड़ सकता है.
इस बीच म्यांमार की सरकार ने पुष्टि की है कि अमेरिकी सीनेटर जिम वेब शुक्रवार को नाइपीदाओ में प्रधानमंत्री थाइन साइन से मिलेंगे. शनिवार को उनकी मुलाकात म्यांमार की लोकतंत्र समर्थन नेता आउंग सान सू ची से भी होगी, जिन्हें बरसों से नजरबंद रखा गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा मोंढे