डॉनल्ड ट्रंप जब पहली बार ब्रिटेन गए थे तो प्रदर्शनकारियों ने एक विशाल गुब्बारा उनके स्वागत के लिए लगाया था जिसमें ट्रंप किसी बिलखते हुए बच्चे जैसे दिख रहे थे. इसे अब म्यूजियम में रखा जा रहा है.
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नारंगी रंग का गुब्बारा ट्रंप को गुस्सा दिलाने के लिए बनाया गया था. उनके राष्ट्रपति पद छोड़ते ही इसे ब्रिटेन के म्यूजियम में पहुंचाया जा रहा है. म्यूजियम ऑफ लंदन की निदेशक शैरन एमेंट ने इस बारे में कहा, "बच्चे के इस गुब्बारे को म्यूजियम में जगह देकर हम उस दिन को दर्ज करना चाहते हैं, वह जज्बा जो उस दिन इस शहर पर छाया हुआ था, प्रतिरोध का वह क्षण."
इस गुब्बारे को पहली बार 2018 में लंदन में देखा गया था जब डॉनल्ड ट्रंप बतौर राष्ट्रपति पहली बार ब्रिटेन के औपचारिक दौरे पर आए थे. डायपर पहने हुए ट्रंप की शक्ल वाले जिद्दी बच्चे का यह गुब्बारे तब से फ्रांस, अर्जेंटीना, आयरलैंड और डेनमार्क तक घूम आया है.
म्यूजियम ऑफ लंदन ने अपने बयान में कहा है, "पूरी दुनिया घूम कर आने के बाद बेबी ट्रंप का गुब्बारा अपनी मंजिल तक पहुंच रहा है, म्यूजियम ऑफ लंदन में. यहां इसे संभाल कर रखा जाएगा और यह अब इसका नया घर होगा."
यह गुब्बारा इस म्यूजियम की "प्रोटेस्ट कलेक्शन" का हिस्सा बनने जा रहा है. इसमें जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रदर्शन, इराक युद्ध के खिलाफ हुए प्रदर्शन और महिलाओं को वोट करने के अधिकार हासिल करने के प्रदर्शन शामिल हैं.
इस गुब्बारे को क्राउड फंडिंग के जरिए तैयार किया गया था और इसे बनाने वाले इसे "नफरत की राजनीति" के खिलाफ जंग का प्रतीक बताते हैं, "हमें उम्मीद है कि यह गुब्बारा लोगों को याद दिलाता रहेगा कि कैसे लंदन के लोग ट्रंप के खिलाफ खड़े हुए थे." डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर आखिरी दिन यह घोषणा की गई है.
अमेरिका के इतिहास में डॉनल्ड ट्रंप से पहले किसी भी राष्ट्रपति पर दो बार महाभियोग नहीं लगा है. अगर ट्रंप दोषी साबित होते हैं, तो सांसद ट्रंप को भविष्य में दोबारा चुनाव लड़ने से रोकने पर एक और मतदान करा सकते हैं.
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दो बार लगा महाभियोग
महाभियोग एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसमें अमेरिकी कांग्रेस उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करती है जिन पर किसी तरह के गैर कानूनी काम करने का आरोप लगता है. डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन पर दो बार महाभियोग लगा है.
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किस किस के खिलाफ
अमेरिका के संस्थापकों ने कांग्रेस को "राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी सरकारी अधिकारियों" को पद से हटाने की शक्ति दी है, जिसके तहत उन अभियुक्तों पर महाभियोग चलाया जा सकता है, जो "देशद्रोह, रिश्वतखोरी या दूसरे बड़े अपराध या दुराचार के दोषी माना जाते हैं."
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इसके मायने क्या हैं
सीधे शब्दों में कहें तो महाभियोग का मतलब है अदालत में अभियोग के समान आरोप होना. हालांकि, "उच्च अपराध और दुष्कर्म" की परिभाषा की व्याख्या के तरीके अलग हो सकते हैं. कभी कभी इसका मतलब यह भी होता है कि जरूरी नहीं कि अधिकारी ने कानून को तोड़ा ही हो.
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ट्रंप पर पहला महाभियोग
डॉनल्ड ट्रंप पर 18 दिसंबर 2019 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग लगाया गया था. ट्रंप पर दो मुख्य आरोप थे. पहला, 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंदी जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से मदद मांगी और दूसरा, संसद के काम में अड़चन डालने की कोशिश की. राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ पहले महाभियोग की कार्रवाई जनवरी 2020 में हुई.
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कैसे चलाया जाता है महाभियोग
अमेरिकी संसद के निचले सदन के पास ही "महाभियोग लगाने की शक्ति" है. हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी आमतौर पर महाभियोग की कार्यवाही के लिए जिम्मेदार होती है. सदन के 435 सदस्यों के साधारण बहुमत से आरोप लाने के लिए सदन बहस और फिर वोट करता है. इस भूमिका में, सदन एक अधिकारी के खिलाफ आरोप लाने वाली एक जूरी के रूप में काम करता है.
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आखिर में गेंद सीनेट के पाले में
संसद के उच्च सदन यानि सीनेट के पास "सभी महाभियोगों की एकमात्र शक्ति है," जिसका अर्थ है कि इसमें अधिकारी को दोषी करार देने की शक्ति है. जब राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं.
अमेरिका के आज तक के इतिहास में अब तक कुल तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाया गया है. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डॉनल्ड ट्रंप. एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन दोनों को ही सीनेट ने पद से नहीं हटाया. एक और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपतियों के अलावा
सदन ने 60 से अधिक बार महाभियोग की कार्यवाही की है. सिर्फ एक तिहाई मामलों में पूर्ण महाभियोग लाया जा सका है. केवल आठ अधिकारियों को अब तक दोषी ठहराया गया है और पद से हटाया भी गया है. यह सभी अधिकारी संघीय न्यायाधीश थे.
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राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए 100 सीटों वाली सीनेट में दो-तिहाई बहुमत को राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए वोट देना होता है. ऐसा होने पर राष्ट्रपति को पद छोड़ना पड़ता है. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति अदालत में भी उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या फिर भविष्य में दोषी ठहराया जाए.