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म्यूनिख की नाराज विधवाएं

७ अगस्त २०१२

म्यूनिख के1972 ओलंपिक के दौरान आतंकी हमले में मारे गए इस्राएली खिलाड़ियों की याद में लंदन में समारोह हुआ. मृतकों की विधवाओं ने उद्घाटन समारोह में मौन न रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की कड़ी आलोचना की.

तस्वीर: Reuters

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईओसी के प्रमुख जाक रोगे ने उद्घाटन के दौरान मृतक खिलाड़ियों की याद में मौन रखने से इनकार कर दिया था. इस्राएल की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के समारोह में जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और आईओसी के अध्यक्ष जाक रोगे के अलावा 700 लोगों ने हिस्सा लिया. वेस्टरवेले ने स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जर्मनी कुछ भी नहीं भूला है." इस्राएल 2000 के सिडनी ओलंपिक से स्मृति समारोह का आयोजन कर रहा है और आईओसी के प्रमुख के रूप में रोगे चार साल बाद एथेंस ओलंपिक से इस समारोह में हिस्सा ले रहे हैं.

म्यूनिख ओलंपिक के दौरान मारे गए खिलाड़ियों के सम्मान में घटना की 40वीं वर्षगांठ पर उद्घाटन समारोह में मौन रखने से रोगे ने मना कर दिया था. इसके लिए रोगे की भारी आलोचना हो रही है. 1,10,000 लोगों ने ज्ञापन देकर आईओसी से खिलाड़ियों के सम्मान में मौन रखने की मांग की थी. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी दस्तखत किए थे.

म्यूनिख ओलंपिक की एक तस्वीरतस्वीर: AP/AP/dapd

मारे गए खिलाड़ियों की विधावाओं ने एक बार फिर रोगे की आलोचना की. हमले में मारे गए तलवारबाजी के ट्रेनर आंद्रे स्पित्सर की विधवा आंकी स्पित्सर ने नारा लगाया, "शर्म करो आईओसी." आंकी स्पित्सर ने रोगे पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ आईओसी अंधा और बहरा बना हुआ है.

मारे गए खिलाड़ियों और अधिकारियों के परिजनों का प्रतिनिधित्व कर रही आंकी स्पित्सर और इलाना रोमानो का कहना है कि वे चार दशकों से आईओसी को मनाने की कोशिश कर रही हैं कि मारे गए खिलाडियों की याद में औपचारिक समारोह हो. उनका कहना है कि वे अपना प्रयास जारी रखेंगी ताकि अगले ओलंपिक में ऐसा हो. दोनों विधवाओं का कहना है कि यह समारोह इस्राएल को नहीं बल्कि आईओसी को आयोजित करना चाहिए. रोमानो ने कहा कि वे ओलंपिक की धरती पर मारे गए और उन्हें याद करने की सही जगह उद्घाटन समारोह है.

इस्राएली ओलंपिक समिति के समारोह में जाक रोगे ने म्यूनिख में मारे गए 11 खिलाड़ियों के नाम पढ़े और कहा, "हम पर आपका कर्ज है कि हम आपकी याद बनाए रखें." जर्मन विदेश मंत्री ने इस पर जोर दिया कि जर्मनी पीछे की ओर शोक में देखता है. उन्होंने खिलाड़ियों की याद बनाए रखने को कर्तव्य बताया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन ने म्यूनिख के हमले को ओलंपिक खेलों के इतिहास के सबसे काले घंटों में से एक बताया.

1972 में म्यूनिख में हुए ओलंपिक के दौरान फलीस्तीनी हमलावरों ने इस्राएली टीम पर हमला किया था जिसमें 11 खिलाड़ियों और अधिकारियों के अलावा एक पुलिसकर्मी मारा गया था.

एमजे/एजेए (डीपीए, रॉयटर्स)

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