'यजीदी ही नहीं सुन्नी अरब महिलाएं भी हैं आईएस की शिकार'
२० फ़रवरी २०१७मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में कई महिलाओं को मनमाने ढंग से कब्जे में लिए जाने, उन्हें मारने पीटने, शादी के लिए मजबूर किए जाने और बलात्कार की शिकार बनाए जाने के मामले उजागर किए हैं. आईएस के जिहादियों के नियंत्रण वाले हवीजा इलाके से भाग कर निकली कई सुन्नी महिलाओं के बयानों के आधार पर इसका पता चला है.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 26 वर्षीया महिला हाना की कहानी का ब्यौरा देते हुए लिखा है कि जब उसके पति आईएस के कब्जे वाले हवीजा से भाग चुके थे, तब वहां पहुंच कर आईएस लड़ाकों ने वहां से भागने की कोशिश में लगी कई महिलाओं को जबरन हिरासत में ले लिया. उन्होंने महिलाओं को कहा कि उनके पतियों के भागने के कारण अब वे पतित हो चुकी हैं और इस लिए उन्हें फिर से स्थानीय आईएस लड़ाकों से शादी करनी ही होगी. इससे मना करने पर हाना की आंखों पर पट्टी बांधी गई, उसे प्लास्टिक के तारों से खूब मारा गया, हाथों से बांध कर लटका दिया गया और फिर उसके साथ बलात्कार भी किया गया.
अपनी आपबीती सुनाते हुए हाना ने कहा, "एक आदमी पूरे महीने रोज रोज आकर बिना आंखों पर पट्टी बांधे भी मेरा बलात्कार करता रहा. वो भी हर बार मेरे बच्चों के सामने." ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि इस तरह के मामलों को उतना महत्व नहीं दिया गया है जितना मिलना चाहिए. पीड़ितों को मदद ना मिलने के कारण ऐसी प्रताड़नाओं की शिकार बनी कई महिलाएं सामने नहीं आ रही हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच में मध्यपूर्व की निदेशिका लामा फाकी कहती हैं, "आईसिस के नियंत्रण में रहने को मजबूर सुन्नी महिलाओं के साथ होने वाले यौन दुर्व्यहार के मामलों के बारे में बहुत कम पता चलता है." उन्होंने उम्मीद जताई है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय प्रशासन इससे पीड़ित महिलाओं की किसी भी तरह से मदद करें.
इस्लामिक स्टेट समूह ने जून 2014 में इराक और सीरिया के कई हिस्सों में कब्जा कर वहां "खिलाफत" की स्थापना की. वे खुद को सुन्नी इस्लाम के सबसे शुद्ध ब्रांड बताते हैं और अपने धर्म को पैगंबर मोहम्मद के काल में प्रचलिच नियमों के हिसाब से चलाने का दावा करते हैं. लेकिन आईएस लड़ाकों पर अपने नियंत्रण वाले इलाकों में यजीदी महिलाओं से सामूहिक बलात्कार करने, उन्हें जबरन यौन दासता का शिकार बनाने के आरोप लगते रहे हैं. यजीदी समुदाय के लोगों को गैर-अरब और गैर-मुसलमान होने के कारण कई जुल्म झेलने पड़े हैं. इस बार सुन्नी मुसलमान होने के बावजूद महिलाओं पर अत्याचार के यह मामले आईएस के किसी भी धार्मिक सिद्धांत को ना मानने वाले एक आतंकी गुट होने की ओर इशारा करते हैं. बीते साल में आईएस ने कई पश्चिमी देशों में हमले कर सैकड़ों लोगों को अपना निशाना बनाया है.
आरपी/ओएसजे (एएफपी)