यमन में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी, 6 की मौत
३० मई २०११न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक म्युनिसिपल भवन के सामने इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने गोलियों, आंसू गैस और पानी की तेज बौछारों का सहारा लिया जिसमें 6 लोगों की मौत हुई और 120 लोग घायल हुए हैं. शनिवार को गिरफ्तार अपने एक साथी की रिहाई के लिए यह प्रदर्शन हो रहा था. पुलिस के साथ झड़प तायज शहर के फ्रीडम स्क्वायर पर हुई जहां हजारों की संख्या में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी इस साल जनवरी से कैंप लगा कर राष्ट्रपति सालेह की सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
पुलिस ने कई टेंट आग के हवाले कर दिए हैं. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को निशाना बनाते हुए बम फेंके और पथराव किया. यमन की राजधानी सना में रविवार रात सात धमाके सुने गए. सना में पिछले एक हफ्ते से सालेह के सैनिकों और विरोधी गुटों के बीच झड़पें हो रही हैं जिसमें अब तक 115 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
सना में हुए धमाकों के बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. सादिक अल अहमार के नेतृत्व वाले हाशेद कबीले ने तायज शहर में हुई हिंसा की निंदा की है. अहमार ने इसे आम नागरिकों के खिलाफ नया नरसंहार बताया है. अहमार गुट और राष्ट्रपति सालेह के बीच संघर्ष विराम लागू है और अहमार गुट ने सरकारी भवन का नियंत्रण संघर्ष विराम समझौते के मुताबिक मध्यस्थों को सौंप दिया है.
अल कायदा का हौवा
सेना से अलग हुए एक गुट ने अन्य सैनिकों से गुट में आने की अपील करते हुए कहा है कि सालेह के तीन दशक के शासन का खात्मा करने के लिए उन्हें मिल कर लड़ना चाहिए. दुनिया के कई देशों ने सालेह से पद छोड़ने की मांग की है लेकिन सालेह ने पद से हटने के लिए होने वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है. यमन को गृहयुद्ध के भंवर से निकालने के लिए इस समझौते की मध्यस्थता खाड़ी देशों ने की. यमन बड़े पैमाने पर दुनिया को तेल का निर्यात करता है.
विरोधी नेताओं ने सालेह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जिंजीबार शहर पर अल कायदा लड़ाकुओं का कब्जा होने दिया ताकि दुनिया भर में दहशत फैले और उनके शासन को समर्थन मिले. जिंजीबार निवासियों ने बताया कि करीब 300 लड़ाके आए और शुक्रवार को उन्होंने पूरे शहर पर कब्जा कर लिया. लड़ाई में तीन लड़ाकुओं और तीन आम नागरिकों की मौत हुई. यमन में विरोधी दलों और कई देशों का कहना है कि अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए सालेह अल कायदा का हौवा खड़ा कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़
संपादनः आभा एम