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यमन में युद्धविराम खतरे में

११ मई २०१५

यमन में युद्धविराम से एक दिन पहले मोरक्को का एक लड़ाकू विमान लापता है जबकि हॉसी मिलिशिया ने कहा कि इलाके के कबायलियों ने उसे मार गिराया है. ईरान समर्थित हॉसी मिलिशिया और सऊदी सेना के बीच भारी लड़ाई से युद्धविराम पर संकट.

तस्वीर: Reuters/M. al-Sayaghi

अमेरिका के समर्थन से सऊदी अरब के नेतृत्व वाला गठबंधन यमन के निर्वाचित राष्ट्रपति अब्द रब्बु मंसूर हादी को खदेड़ने वाले हॉसी विद्रोहियों और पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के वफादार सैनिकों पर बमबारी कर रहा है. हमले का मकसद हादी के शासन को फिर से बहाल करना है. इलाके के दबंग राष्ट्र और शिया शासन वाले ईरान के साथ हॉसी विद्रोहियों के रिश्तों ने खाड़ी के सुन्नी अरब देशों को सकते में डाल दिया है जबकि यमन के गृहयुद्ध में हॉसी विद्रोहियों का दबदबा कायम है.

दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब हॉसी की बढ़ती ताकत को बड़ा खतरा मानता है. मोरक्को सऊदी अरब के सैनिक अभियान में साथ देने वाले 8 अरब देशों में शामिल है और उसने अपने एफ-16 लड़ाकू विमान संयुक्त अरब अमीरात में तैनात कर रखे हैं. लड़ाकू विमान के यमन में लापता होने के बाद मोरक्को की सेना ने एक बयान में कहा, "यमन में वैधता बहाल करने के लिए सऊदी सेना के नेतृत्व वाले गठबंधन की सेवा में रखा गया शाही सेना का एक विमान रविवार को 6 बजे शाम लापता हो गया."

तस्वीर: Reuters/M. al-Sayaghi

हॉसी विद्रोहियों के अधिकृत चैनल अल मसीराह ने सोमवार को कहा कि एंटी एयरक्राफ्ट गनों ने सऊदी सीमा पर सादा प्रांत के वादी नासूर इलाके में एक एफ-16 विमान को मार गिराया है. चैनल ने पहाड़ी इलाके में बंदूक लिए कबायलियों को मुक्का भींचते और अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाते दिखाया. विमान के पायलट के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हॉसी विद्रोहियों ने कहा है कि सऊदी हमलों के बाद उन्होंने सऊदी अरब के जिजान और नजरान शहरों पर कात्यूशा रॉकेटों और मोर्टार से हमला किया है.

सुन्नी राजवंश वाले देशों द्वारा यमन पर छह हफ्ते के हवाई हमले में शिया समुदाय के हॉसी विद्रोहियों और राष्ट्रपति सालेह को समर्थन देने वाले सैनिकों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने में विफल रहा है. सालेह को 2011 में लोकप्रिय विद्रोह के कारण अपना पद छोड़ना पड़ा था. हॉसी विद्रोहियों ने सऊदी अरब की पांच दिनों की युद्धविराम की पेशकश को स्वीकार कर लिया था, लेकिन साथ ही कहा था कि विराम के हनन की स्थिति में वे जवाबी कार्रवाई करेंगे. रियाध ने शुक्रवार को कहा था कि युद्धविराम मंगलवार को शुरू हो सकता है ताकि युद्ध में फंसे असैनिक नागरिकों को जरूरी सामान पहुंचाया जा सके. लेकिन आज की घटना के बाद युद्धविराम के शुरू होने में संदेह लगता है.

यमन में काम करने वाले 17 अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत संगठनों के एक दल कहा है कि प्रभावित यमनी नागरिकों को जरूरी सामान मुहैया कराने के लिए 5 दिनों का युद्धविराम काफी नहीं है. उन्होंने सादा प्रांत के नागरिकों को मिली सऊदी चेतावनी की आलोचना करते हुए कहा है, "नागरिकों को चेतावनी देना गठबंधन को नागरिकों और नागरिक ढांचे की सुरक्षा की उनकी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं करता."

एमजे/आरआर (डीपीए, एएफपी)

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