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यहां आजादी पाने के लिए लड़कियां करती हैं शादी

२८ अक्टूबर २०१७

लेयला गुजाय उस पीड़ा को जानती हैं जो उनकी 14 साल की भांजी को एक उम्रदराज शख्स के साथ शादी के बाद झेलनी पड़ेगी. गुजाय की शादी भी 14 साल की उम्र में 34 साल के एक आदमी से कर दी गयी थी ताकि उसके चाचा का कर्ज चुक सके.

Africa Child Marriage Mosambik
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/S.Mohamed

गर्भवती होने के बाद गुजाय वहां से भाग आई और उन कार्यकर्ताओं में शामिल हो गयीं जो पश्चिमी अफ्रिका में बाल विवाह को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. अकसर इन लड़कियों को उनका अपना ही परिवार घर से बाहर निकाल देता है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनिसेफ के मुताबिक बाल विवाह के मामले में नाइजर शीर्ष देशों में है. यहां की चार में से 3 लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है. गरीबी, धर्म और असुरक्षा की वजह से इन लड़कियों के जवान होने या उससे पहले ही शादी कर दी जाती है. पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों में यह परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है लेकिन इसका स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

इस इलाके के नेता सेनेगल में जब बाल विवाह के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जमा हुए तो उसमें गुजाय और दूसरे युवा कार्यकर्ताओ ने भी अपनी रणनीतियों और विचारों को सामने रखा. अब 21 साल की हो चुकी गुजाय ने बताया कि उन्होंने अपनी भांजी और कई दोस्तों की शादी रुकवाई. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से गुजाय ने कहा, "मैं उन समस्याओं के बारे में बताती हूं जिनका मुझे सामना करना पड़ा, मैं मां बाप के नंबर पुलिस को दे देती हूं." गुजाय ने बताया कि अधिकारी शादी नहीं रोकने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं. गुजाय अब अपनी सहेलियों के साथ स्कूली पढ़ाई के आखिरी साल में हैं.

तस्वीर: Reuters/N. Peyton

नाइजर में लड़कियों की शादी के लिए कानूनी उम्र 15 साल है. नये कानून में इसे 18 साल करने का प्रावधान है लेकिन अभी यह पारित नहीं हुआ है. लड़कियां पुलिस के पास बहुत कम ही शिकायत करने जाती हैं लेकिन धीरे धीरे उनमें यह जागरूकता पैदा हो रही है कि वो संस्थाओं के पास जा सकती हैं जो अपने प्रतिनिधि उनके मां बाप को समझाने के लिए भेजते हैं. नाइजर में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था प्लान इंटरनेशनल के निदेशक जॉनसन बीन आइमे बताते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां सहयोग लेने के लिए सामने आ रही हैं और इस तरह से शादियों को रोकने में सफलता मिल रही है.

गिनी की 18 साल की हादजा इदरीसा बाह बताती हैं कि कई बार खुद लड़की को ही शादी नहीं करने के लिए समझाना भी मुश्किल होता है. उन्होंने रॉयटर्स के कहा, "लड़कियों को शादी करने की जल्दी होती है लेकिन वो इसके नतीजे के बारे में नहीं सोच पातीं. उन्हें यह पता नहीं होता कि उन्हें कितनी मुश्किल होगी." परिवार में अविवाहित तरुणियों को अफ्रीका के कई हिस्सों में बड़ा जोखिम भरा माना जाता है. क्योंकि अगर वह किसी लड़के के साथ फ्लर्ट करेगी तो लोगों का ध्यान उसकी तरफ जायेगा या फिर अगर वह किसी के साथ सेक्स करेगी तो परिवार की बदनामी होगी. बाह बताती हैं, "मां बाप सोचते हैं कि मैं लड़की हूं इस लिए दोस्तों के साथ बाहर नहीं जा सकती, मैं मुश्किल पैदा करूंगी. इसलिए कुछ लड़कियां जो ये सब नहीं झेलना चाहती हैं वो कहती हैं कि मैं यह सब नहीं झेल सकती मेरी शादी कर दो ताकि मुझे आजादी मिले."

तस्वीर: picture alliance/Godong

बाह ने एक संस्था बनाई है जिसका नाम है यंग गर्ल लीडर्स क्लब ऑफ गिनी. यह संगठन लड़कियों को यह बताने के लिए अभियान चलाता है कि शादी से क्या होगा. लोग इस संगठन से बाल विवाह के मामलों में दखल देने के लिए भी आग्रह करते हैं. यह संगठन पुलिस से भी संपर्क बना कर रखता है ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे मदद ले सके. ये लोग पहले खुद से समझाने की कोशिश करते हैं अगर कोई नहीं मानता तो कानून की मदद ली जाती है. गिनी में शादी की कानूनी उम्र 18 साल है लेकिन हर दो में से एक लड़की की शादी इससे पहले ही हो जाती है.

जानकार बताते हैं कि बाल विवाह के खिलाफ कानून बड़ी मुश्किल से ही लागू किये जाते हैं लेकिन धार्मिक नेताओँ के साथ सहयोग करके, लड़कियों को शिक्षित करके और यौन व मातृ स्वास्थ्य का प्रचार करके बाल विवाह की संख्या कम की जा सकती है. सियेरा लियोन में रहने वाली 19 साल की अमिनाता गबा कमारा कहती हैं कि लड़कियों का सशक्तिकरण भी एक उपाय हो सकता है. उन्होंने कहा, "हमारे देश में लड़कियों के लिए कई चीजों की जरूरत है. उन्हें मनोवैज्ञानिक सहारे की जरूरत है, उन्हें सलाह की जरूरत है, उनमें खुद के लिए सम्मान की बहुत कमी है." कमारा ने बताया कि बहुत लड़कियां सोचती हैं कि उन्हें अपनी रक्षा के लिए पति की जरूरत है. बहुत सी लड़कियां तो घर के बाहर अपनी जिंदगी की कल्पना ही नहीं कर पातीं.

कमारा सफल महिलाओँ के साथ स्कूलों में परिचर्चा कराती हैं और लड़कियों को पाठ्यक्रम के बाहर की गतिविधियों में शामिल होने के लिए बढ़ावा देती हैं. इसके साथ ही उन्हें यह समझने में मदद करती हैं कि वो अपने हुनर का कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकती हैं.

10 साल पहले यहां बाल विवाह के बारे में कोई बात नहीं करता था लेकिन अब इसे खत्म करने के लिए माहौल बन रहा है. दुनिया के नेताओँ ने 2030 तक बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास लक्ष्यों में शामिल किया है लेकिन मौजूदा दर से अगर यह चलता रहा तो अगले 100 में भी इसे शायद पश्चिम और मध्य अफ्रीका में खत्म नहीं किया जा सकेगा. खुद यूनिसेफ यह मानता है, लेकिन ये युवा उम्मीदों से भरे हैं. बाह कहती हैं, "मेरे ख्याल से हमारी पीढ़ी ने समझ लिया है, हमारी जगह घरों में नहीं स्कूलों में है."

एनआर/एमजे(रॉयटर्स)

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