मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ में राष्ट्रपति डेनियल ऑर्तेगा लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुन लिए गए हैं. खास बात ये है कि इस बार उनकी उपराष्ट्रपति उनकी पत्नी रोसारियो मुरिलो होंगी.
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विपक्ष और अमेरिका ने इस चुनाव की निंदा की है और धांधली का आरोप लगाया है. निकारागुआ की सर्वोच्च चुनाव परिषद ने कहा है कि 70 वर्षीय ऑर्तेगा को कुल 72.5 प्रतिशत मत मिले हैं. उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी लिबरल कॉन्स्टिट्यूशनल पार्टी के मैक्समीनो रोद्रिगेज को सिर्फ 15 प्रतिशत वोट मिले.
ऑर्तेगा बीते 20 साल से लगातार निकारागुआ पर राज कर रहे हैं और उन पर अपने विरोधियों को दबाने के आरोप लगते हैं. उनके विरोधियों ने चुनावों को पाखंड बताया है और अमेरिका ने भी चुनावों की निंदा की है. लेकिन ऑर्तेगा की पत्नी मुरिलो ने इन चुनावों को जनसमर्थन की एक "मिसाल" बताया है. ऑर्तेगा को देश की गरीब जनता में मजबूत समर्थन प्राप्त है. मुरिलो कवि हैं और लंबे समय तक सरकार की प्रवक्ता रही हैं.
देखिए, ये हैं दुनिया के सबसे बूढ़े शासक
सबसे बूढ़े शासक
70 वर्षीय ट्रंप अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. लेकिन दुनिया में उनसे भी ज्यादा उम्र के लोग राज कर रहे हैं.
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रॉबर्ट मुगाबे, जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की उम्र 93 साल है और वह दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष हैं. वो 22 दिसंबर 1987 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति हैं.
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महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ब्रिटेन
महारानी एलिजाबेथ ने 6 फरवरी 1952 को गद्दी संभाली और इसी साल जब वो 90 साल की हुई तो ब्रिटेन में खूब जश्न मनाया गया.
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बेजी सैद एसेबसी, ट्यूनीशिया
ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति 89 साल के हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद 2014 में संभाला लेकिन सत्ता के गलियारों में उन्होंने 50 साल गुजारे हैं.
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अब्दुल हलीम ऑफ केडा
ये हैं मलेशिया के बादशाह, जिनकी उम्र 88 साल है. ये दुनिया में शायद सबसे लंबे नाम वाले राष्ट्राध्यक्ष हैं. इनका पूरा नाम है अल्मुतासिमु बिलाही मुहिब्बुद्दीन तौंकु अलहाज सर अब्दुल हलीम आदजाम शाह इब्नी अलमारहुम सुल्तान बदलीशाह.
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सबा अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह, कुवैत
उम्र है 87 साल और कुवैत के पांचवें आमिर यानी शासक हैं. उन्होंने 29 जनवरी 2006 में कुवैत की बागडोर संभाली थी.
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राउल कास्त्रो, क्यूबा
क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो भी सबसे ज्यादा उम्र वाले शासकों की फेहरिस्त में शामिल हैं. 85 साल के राउल कास्त्रो ने 2008 में अपने भाई फिदेल कास्त्रो से सत्ता मिली.
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पॉल बिया, कैमरून
अफ्रीकी देश कैमरून में 83 साल के पॉल बिया 6 नवंबर 1982 से सत्ता में हैं. उन पर चुनावों में धांधली कर तीन दशकों से सत्ता में बने हुए हैं.
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प्रणव मुखर्जी, भारत
भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 80 साल के हैं और बतौर राष्ट्रपति उनका कार्यकाल अगले साल खत्म होगा. 2012 में राष्ट्रपति बनने से पहले वो विदेश, वित्त और रक्षा जैसे अहम मंत्रालय सभाल चुके थे.
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अकीहीतो, जापान
82 साल के जापानी सम्राट अकीहीतो ने हाल में गद्दी से हट जाने के संकेत दिए हैं. वो 1989 में अपने पिता हीरोहीतो की मौत के बाद सम्राट बने थे.
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सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद, सऊदी अरब
80 साल के सऊदी शाह सलमान ने शाह अब्दुल्ला की मौत के बाद जनवरी 2015 में राजगद्दी संभाली. दस साल तक सऊदी अरब पर राज करने वाले शाह सलमान का 90 साल की उम्र में 23 जनवरी 2015 को निधन हो गया.
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बतौर राष्ट्रपति ये ऑर्तेगा का चौथा कार्यकाल होगा. 2007 से अब तक वो लगातार दो कार्यकाल राष्ट्रपति रहे हैं जबकि इससे पहले 1979 से 1990 तक भी देश की बागडोर उन्हीं के हाथ में थी. दरअसल उनके नेतृत्व में सैंडिनीस्ता विद्रोहियों ने तानाशाह सोमोजा परिवार को निकारागुआ की सत्ता से बाहर किया था.
लेकिन अब विपक्ष ऑर्तेगा और मुरिलो पर वंशवाद फैलाने का आरोप लगा रहा है. मुरिलो सरकार में पहले ही अहम भूमिका निभाती रही है. अब ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि वह भविष्य में राष्ट्रपति ऑर्तेगा का स्थान ले सकती हैं.
ऑर्तेगा अब सार्वजिनक रूप से कम ही दिखाई देते हैं. ऐसे में उनकी 65 वर्षीय पत्नी मुरिलो उनकी कई जिम्मेदारियों को पूरा करती हैं. वो सरकार के रोजमर्रा के कामकाज को देखती हैं. मेक्सिको की क्विंताना रो यूनिवर्सिटी में निकारागुआ मामलों की विशेषज्ञ और प्रोफेसर वेरोनिका रोउदा इस्त्रादा कहती हैं, "पति-पत्नी की सत्ता वाला चलन सिर्फ निकारागुआ में नहीं है." वो अर्जेंटीना की मिसाल देती हैं जहां क्रिस्टीना किश्नर अपने पति नेस्टर किश्नर की उत्तराधिकारी बनीं. साथ ही अमेरिका का भी वो जिक्र करती हैं जहां हिलेरी क्लिंटन अपने पति बिल क्लिंटन के नक्शे कदम पर चल रही हैं.
एके/वीके (एएफपी)
ये हैं इंसानी इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाह
इंसानी इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाह
हर चीज को अपने मुताबिक करवाने की सनक, ताकत और अतिमहत्वाकांक्षा का मिश्रण धरती को नर्क बना सकता है. एक नजर ऐसे तानाशाहों पर जिनकी सनक ने लाखों लोगों की जान ली.
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1. माओ त्से तुंग
आधुनिक चीन की नींव रखने वाले माओ त्से तुंग के हाथ अपने ही लोगों के खून से रंगे थे. 1958 में सोवियत संघ का आर्थिक मॉडल चुराकर माओ ने विकास का नारा दिया. माओ की सनक ने 4.5 करोड़ लोगों की जान ली. 10 साल बाद माओ ने सांस्कृतिक क्रांति का नारा दिया और फिर 3 करोड़ लोगों की जान ली.
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2. अडोल्फ हिटलर
जर्मनी के नाजी तानाशाह अडोल्फ हिटलर के अपराधों की लिस्ट बहुत ही लंबी है. हिटलर ने 1.1 करोड़ लोगों की हत्या का आदेश दिया. उनमें से 60 लाख यहूदी थे. उसने दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध में भी धकेला. लड़ाई में 7 करोड़ जानें गई. युद्ध के अंत में पकड़े जाने के डर से हिटलर ने खुदकुशी कर ली.
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3. जोसेफ स्टालिन
सोवियत संघ के संस्थापकों में से एक व्लादिमीर लेनिन के मुताबिक जोसेफ स्टालिन रुखे स्वभाव का शख्स था. लेनिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सोवियत संघ की कमान संभालने वाले स्टालिन ने जर्मनी को हराकर दूसरे विश्वयुद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई. लेकिन स्टालिन ने अपने हर विरोधी को मौत के घाट भी उतारा. स्टालिन के 31 साल के राज में 2 करोड़ लोग मारे गए.
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4. पोल पॉट
कंबोडिया में खमेर रूज आंदोलन के नेता पोल पॉट ने सत्ता में आने के बाद चार साल के भीतर 10 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेला. ज्यादातर पीड़ित श्रम शिविरों में भूख से या जेल में यातनाओं के चलते मारे गए. हजारों की हत्या की गई. 1998 तक कंबोडिया के जंगलों में पोल पॉट के गुरिल्ला मौजूद थे.
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5. सद्दाम हुसैन
इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन की कुर्द समुदाय के प्रति नफरत किसी से छुपी नहीं थी. 1979 से 2003 के बीच इराक में 3,00,000 कुर्द मारे गए. सद्दाम पर रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने के आरोप भी लगे. इराक पर अमेरिकी हमले के बाद सद्दाम हुसैन को पकड़ा गया और 2006 में फांसी दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
6. ईदी अमीन
सात साल तक युगांडा की सत्ता संभालने वाले ईदी अमीन ने 2,50,000 से ज्यादा लोगों को मरवाया. ईदी अमीन ने नस्ली सफाये, हत्याओं और यातनाओं का दौर चलाया. यही वजह है कि ईदी अमीन को युगांडा का बूचड़ भी कहा जाता है. पद छोड़ने के बाद ईदी अमीन भागकर सऊदी अरब गया. वहां मौत तक उसने विलासिता भरी जिंदगी जी.
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7. मेनगिस्तु हाइले मरियम
इथियोपिया के कम्युनिस्ट तानाशाह से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लाल आतंक अभियान छेड़ा. 1977 से 1978 के बीच ही उसने करीब 5,00,000 लाख लोगों की हत्या करवाई. 2006 में इथियोपिया ने उसे जनसंहार का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई. मरियम भागकर जिम्बाब्वे चला गया.
तस्वीर: picture alliance/dpa
8. किम जोंग इल
इन सभी तानाशाहों में सिर्फ किम जोंग इल ही ऐसे हैं जिन्हे लाखों लोगों को मारने के बाद भी उत्तर कोरिया में भगवान सा माना जाता है. इल के कार्यकाल में 25 लाख लोग गरीबी और कुपोषण से मारे गए. इल ने लोगों पर ध्यान देने के बजाए सिर्फ सेना को चमकाया.
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9. मुअम्मर गद्दाफी
मुअम्मर गद्दाफी ने 40 साल से ज्यादा समय तक लीबिया का शासन चलाया. तख्तापलट कर सत्ता प्राप्त करने वाले गद्दाफी के तानाशाही के किस्से मशहूर हैं. गद्दाफी पर हजारों लोगों को मौत के घाट उतारने और सैकड़ों औरतों से बलात्कार और यौन शोषण के आरोप हैं. 2011 में लीबिया में गद्दाफी के विरोध में चले लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों में गद्दाफी की मौत हो गई.
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10. फ्रांकोइस डुवेलियर
1957 में हैती की कमान संभालने वाला डुवेलियर भी एक क्रूर तानाशाह था. डुवेलियर ने अपने हजारों विरोधियों को मरवा दिया. वो अपने विरोधियों को काले जादू से मारने का दावा करता था. हैती में उसे पापा डुवेलियर के नाम से जाना जाता था. 1971 में उसकी मौत हो गई. फिर डुवेलियर का बेटा भी हैती का तानाशाह बना.
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