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समाज

यातना भरा जीवन जी रहे हैं चीन के ट्रांसजेंडर

१४ जून २०१८

कई सालों तक 31 वर्षीया लेन अपनी दो पहचानों के साथ जूझती रही. लेन कहती है, "जन्म तो मैंने पुरुष के रूप में लिया था लेकिन अंदर से मैं स्वयं को एक महिला महसूस करती थी." दोहरी जिंदगी जीना इनके लिए किसी यातना से कम नहीं.

China Transgender
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele

चीन ने अब तक अपनी बांहे ट्रांसजेंडर्स के लिए पूरी तरह से नहीं खोली हैं. लेन एक ट्रांसजेंडर है. अपने अनुभव साझा करते हुए कहती है कि कई सालों तक वह दुनिया के सामने माचो पुरुष की जिंदगी जीती रही. लेकिन 2015 में अपने इस पहचान संकट से निराश होकर उसने जेंडर रिअसाइंटमेंट सर्जरी करा ली. लेन कहती है कि लंबी निराशा के बाद आज वह अपना सपना जी रही है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele

उठती आवाजें

सालों तक दबे-छुपे रहे ट्रांसजेंडर अब यहां अपने हकों के लिए आवाजें उठा रहे हैं. इन लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एडवोकेसी ग्रुप बढ़ रहे हैं. वहीं डॉक्टर्स भी लिंग-परिवर्तन सर्जरियों में बढ़ोतरी की बात कह रहे हैं. सर्जन झाओ येदे बताते हैं, "आज से दो दशक पहले तक मैं सालाना 20-30 ऑपरेशन करता था. लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 200 तक हो गया है. अब जवान मरीज अधिक आ रहे हैं. पहले हमारे पास 26, 27, 30 साल के लोग आते थे, लेकिन 20 साल के जवान लोग ही हमारे पास आ जाते हैं." चीन में ट्रांसजेंडरिज्म को लेकर लंबे समय से एक विरोधाभास रहा है.

अब कुछ ट्रांसजेंडर छोटे-मोटे सेलिब्रिटी भी बन गए हैं. चीनी संस्कृति में धार्मिक कट्टरताएं कम देखने को मिलती हैं जिसकी वजह से इन पर अत्याचार तो कम होता है लेकिन समस्याएं कम नहीं. लेकिन यहां रहने वाले ट्रांसजेंडर ऐसा नहीं मानते. वे कहते हैं कि उन्हें गलत समझा जाता है जिसके चलते उन्हें रिश्तेदारों-नातेदारों के दुर्व्यवहार और भेदभाव का सामना करना पड़ता है.

ट्रांसजेंडरों की स्थिति

चीन में कितने ट्रांसजेंडर हैं उसका कोई ठोस आंकड़ा नहीं है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 80 लाख ट्रांसजेंडर हैं. बीजिंग स्थित एक गैरलाभकारी संस्था के आंकड़े बताते हैं कि चीन में रहने वाले 62 फीसदी ट्रांसजेंडर अवसाद से पीड़ित हैं. वहीं आधे से अधिक लोग आत्महत्या करने के बारे में सोचते हैं तो वहीं करीब 13 फीसदी आत्महत्या करने की कोशिश भी कर चुके हैं.

यूनएनडीपी की 2017 की रिपोर्ट कहती है कि चीन के एलजीबीटी समुदाय में सबसे ज्यादा समस्याएं, भेदभाव और दुर्व्यवहार ट्रांसजेंडरों को झेलना पड़ता है. अधिकतर मामलों में यह दुर्व्यवहार घरों, दफ्तरों और आसपास की जगह पर होता है. चीन में ट्रांसजेंडरों के लिए काम करने वाले एक एनजीओ के सहसंस्थापक झुओ कहते हैं कि कई मामलों में प्रशासन इनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार को दुर्व्यवहार मानने से ही इनकार कर देता है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele

उन्होंने बताया, "कुछ मामलों में मां-बाप अपने बच्चों को जान से मार देने के तैयार होते हैं."

मदद की जरूरत

इस एनजीओ के मुताबिक आज ट्रांसजेंडर्स को मदद की अधिक जरूरत है क्योंकि इनमें से काफी सारे नाबालिग हैं. सर्जरी के बाद, चीन के ये ट्रांसजेंडर सरकारी पहचानपत्रों में अपना लिंग तो बदल सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद डिप्लोमा और अकादमिक रिकॉर्ड्स में बदलाव कराने में उन्हें काफी परेशानी होती है.

कईयों को काम ढूंढने में भी मुश्किलें आती हैं. ट्रांसजेंडरों का कहना है कि अगर उन्हें कानूनी सुरक्षा दी जाए तो उनके लिए स्थिति बेहतर होगी.

एए/एमजे (एएफपी)

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