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युद्धपोतों से आएंगे लीबिया में फंसे भारतीय

२६ फ़रवरी २०११

तनावपूर्ण हालात में लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने के काम में अब नौसेना जुट गई है. लीबिया के लिए दो युद्ध पोत रवाना हो रहे हैं. एयर इंडिया की फ्लाइट शनिवार को लीबिया से उड़ान भरेगी.

तस्वीर: AP

लीबिया में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से मदद मांगी है. शनिवार को लीबिया के लिए भारतीय नौसेना के दो युद्ध पोत रवाना होंगे. दोनों जहाज़ों में नौसेना कमांडो के साथ कई हेलिकॉप्टर भी मौजूद होंगे. भारतीय नागरिकों को युद्ध पोत द्वारा लीबिया से निकाल कर मिस्र या माल्टा लाया जाएगा. यहां से फिर इन्हें एयर इंडिया के विमानों से भारत लाया जाएगा. एयर इंडिया के विमान हर रोज नागरिकों को वापस लाने के लिए उड़ान भरेंगे.

नौसेना के अधिकारियों ने बताया, "हम आईएनएस जलश्व और आईएनएस मैसूर को मुंबई से लीबिया के लिए रवाना कर रहे हैं. ऑपरेशन थिएटर और डॉक्टरों की टीम के साथ यह दोनों जहाज पूरी चिकित्सा सुविधायों से लैस हैं. यह जहाज पहले मिस्र के सिकंदरिया शहर पहुंचेंगे और उसके बाद लीबिया जाएंगे." इन दोनों जहाजों को सिकंदरिया पहुंचने में कुल आठ से दस दिन का समय लग सकता है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि अभी यह तय नहीं है कि लीबिया के किस बंदरगाह पर जहाज पहुंचेगा.

आईएनएस जलश्व भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा जहाज है. 27,000 टन वाले इस जहाज में 1,000 लोगों को लाया जा सकता है.

विदेश विभाग ने पहले ही 'स्कोटिया प्रिन्स' नाम के एक जहाज को लोगों को लीबिया से निकालने के काम पर लगाया है. यह जहाज मिस्र से लीबिया के बेनगाजी शहर तक जाएगा और वहां से लोगों को निकालेगा. बेनगाजी बंदरगाह से इस समय कई देशों के लोगों को निकाला जा रहा है.

लीबिया में करीब 18,000 भारतीय नागरिक रहते हैं. इन में से अधिकतर त्रिपोली में हैं, जहां हालात सबसे नाजुक बने हुए हैं. लीबिया में बसी कई भारतीय कंपनियों ने भी दूतावास से मिलकर इन हालातों में मदद का हाथ बढाया है. इस बीच शनिवार को लीबिया से एयर इंडिया का विमान भारतीय नागरिकों के पहले दल को लेकर भारत लौटेगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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