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युद्धपोत से उपजा विवाद अमेरिकी नौसेना मंत्री को ले डूबा

ओंकार सिंह जनौटी
८ अप्रैल २०२०

ताकतवर विमानवाही युद्धपोत के कैप्टन ने अपने नौसैनिकों को बचाने के लिए अपनी नौकरी दांव पर लगा दी. यहां से शुरू हुआ संकट अमेरिका के नौसेना मंत्री पर भारी पड़ा.

USA Washington Thomas B. Modly
फाइल फोटो: एक जहाज के दौरे पर नाविकों से मिलते हुए थॉमस मोडली.तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/SMG

अमेरिका के कार्यवाही नौसेना मंत्री थॉमस मोडली ने पद से इस्तीफा दे दिया है. कोरोना वायरस की चपेट में आए विमानवाही युद्धपोत के कैप्टन को निकालना मोडली को भारी पड़ा. मंगलवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने थॉमस मोडली का इस्तीफा मंजूर करते हुए एक बयान जारी किया. एस्पर ने कहा, मोडली ने "नौसेना और नौसैनिकों को खुद से ऊपर रखते हुए अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है ताकि यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट और एक संस्थान के तौर पर नौसेना आगे बढ़ सकें.” मोडली की जगह नई नियुक्ति का भी जिक्र करते हुए एस्पर ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मंजूरी से सेना उप मंत्री जिम मैकफेर्सन अब कार्यवाही नौसेना मंत्री होंगे.

कैसे शुरू हुआ विवाद

असल में यह सारा विवाद प्रशांत महासागर के द्वीप गुआम के पास तैनात अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट से उपजा. अप्रैल शुरुआत में न्यूज मीडिया के पास एक लीक हुआ लेटर पहुंचा. यह पत्र परमाणु ऊर्जा से चलने वाले अमेरिकी नौसेना के विमानवाही युद्धपोत के कैप्टन ब्रेट क्रोजर का था. पत्र में कोरोना वायरस के चलते जहाज में बदतर होती हालत का जिक्र था. क्रोजर ने लिखा कि बिना किसी लड़ाई के युद्धपोत पर तैनात करीब 5,000 नौसैनिकों की जान खतरे में हैं.

अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट के कैप्टन क्रोजर.तस्वीर: Reuters/US NAVY

अब तक 114 नौसैनिक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. खत में क्रोजर ने सीनियर अधिकारियों के रुख पर भी निराशा जताई. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पत्र लिखने के कुछ ही दिन बाद क्रोजर खुद कोविड-19 से संक्रमित पाए गए. लेकिन मीडिया में खत लीक होने के बाद तुरंत कैप्टन क्रोजर की छुट्टी कर दी गई.

क्रोजर को नौकरी से निकालने का एलान खुद तत्कालीन नौसेना मंत्री थॉमस मोडली ने किया. मोडली ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामले क्रोजर की पेशेवर दक्षता को प्रभावित कर रहे हैं. मोडली ने यह भी कहा कि कैप्टन ने अपनी बात सेना की आधिकारिक कमांड के सामने नहीं रखी. मोडली ने माना कि कैप्टन ने खुद चिट्ठी लीक नहीं की लेकिन उन्होंने क्रोजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पता होना चाहिए था कि ये खत लीक हो सकता है.

नौकरी से निकालने जाने की सूचना मिलने के बाद क्रोजर जैसे ही अपना बैग लेकर जहाज से निकलने लगे वैसे ही शिप पर तैनात नौसैनिकों ने तालियां बजाते हुए और उनके सम्मान में नारे लगाते हुए अपने पूर्व कैप्टन को विदाई दी.

विदाई का यह वीडियो सामने आने के बाद थॉमस मोडली बेहद नाराज हुए. नौसेना की कमांड में शीर्ष पर बैठे सिविलियन अधिकारी मोडली ने युद्धपोत के लाउडस्पीकरों से नौसैनिकों को नसीहत दे डाली. इसके बाद सच बोलने का साहस, उसकी कीमत और शीर्ष नेतृत्व की नाकामी की बहस छिड़ गई.

पुराने रिकॉर्ड खंगालने पर क्रोजर का दमकता करियर नजर आया. उनके समर्थन में कई पूर्व अधिकारी, सांसद और लोग आ गए. कुछ अमेरिकी सांसदों ने कहा कि क्रोजर अपने नौसैनिकों के प्रति फ्रिकमंद थे. हालांकि उनका इस तरह पत्र लिखना बहुत सही नहीं था, लेकिन उन्हें निकाला जाना भी पूरी तरह ठीक नहीं है. इस पूरे मामले से नौसेना के भीतर नेतृत्व को लेकर भी बहस छिड़ गई है.

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