युद्ध की चपेट में आए दस लाख से भी ज्यादा सीरियाई लोग अपने दी देश में घेराबंदी में हैं. एक गैर सरकारी संगठन की नई रिपोर्ट सीरियाई संकट को यूएन के अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा बता रही है.
तस्वीर: Reuters/O. Orsal
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पांच साल से युद्ध की चपेट में आए सीरिया के 46 समुदायों का अध्ययन करने वाला सीज वॉच प्रोजेक्ट दिखाता है कि 10 लाख से भी ज्यादा लोग यहां घेराबंदी में फंसे हैं. एक डच समूह और अमेरिकी संगठन के संयुक्त प्रोजेक्ट सीज वॉच ने पाया कि इनमें से ज्यादातर सीरियाई इलाकों को राष्ट्रपति बशर अल असद की वफादार सेना ने घेर रखा है. रिपोर्ट में लिखा है, "सीज वॉच का नया डाटा दिखाता है कि 10 लाख से भी ज्यादा सीरियाई दमिश्क, दमिश्क देहात, होम्स, दियर एजोर और इदलीब प्रशासनिक इलाकों में घिरे हुए हैं."
इस इलाके के लोगों पर "जान जाने का गंभीर खतरा" मंडरा रहा है क्योंकि उन्हें खाने पीने से लेकर बिजली, पानी सब तरह की कमी झेलनी पड़ रही है. रिपोर्ट आगे बताती है, "इस क्षेत्र में संकट यूएन के कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) के अनुमान से कहीं ज्यादा बुरा है." वॉशिंगटन स्थित संगठन, दि सीरियन इंस्टीट्यूट और नीदरलैंड्स के एक शांति समूह पैक्स ने मिलकर इस रिपोर्ट को जारी किया है.
संयुक्त राष्ट्र ने जनवरी में जारी अपनी एक रिपोर्ट में घेराबंदी में फंसे सीरियाई लोगों की संख्या को 486,700 यानि एनजीओ के अनुमान से करीब आधा बताया था. अमेरिकी और डच समूहों का यह संयुक्त प्रोजेक्ट सीज वॉच दिखाता है कि यूएन की मासिक रिपोर्टों में "सीरिया के घेराबंदी संकट को लगातार कम करके" बताया जाता रहा है. रिपोर्ट का मानना है कि यूएन रिपोर्टें "जमीनी हकीकत को सही तरीके से नहीं दिखा पा रही" है. सीज वॉच ने बताया कि कुछ 46 समुदायों में से केवल दो को ही सीरिया की विपक्षी सेना ने घेर रखा है, बाकी असद समर्थित सेना की घेराबंदी में हैं.
दियर एजोर शहर में करीब दो लाख लोग फंसे हैं, जिनके चारों ओर इस्लामिक स्टेट के जिहादियों और प्रशासन की सेना का जमावड़ा है. यूएन रिपोर्टों की आलोचना में सीज वॉच ने कहा है कि इससे समस्या का सही अंदाजा नहीं लगता और नतीजतन अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी धीमी होती है. मदाया जैसे कुछ शहरों में व्याप्त भूखमरी और बदहाली की तस्वीरें बाहर आने पर दुनिया को सीरियाई लोगों के हाल का सही अंदाजा लग सका था.
भुखमरी में लिपटा शहर मदाया
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद आखिरकार सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली बयान करती तस्वीरें.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
शहर में फंसे लोग
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के चलते विद्रोहियों और आईएस कट्टरपंथियों ने मदाया पर कब्जा कर रखा है. शहर की सीमा को सरकार समर्थित सेना ने घेरा हुआ है. मदाया तक खाने पीने की सामग्री के नहीं पहुंच पाने के कारण लोग घास और पत्तियां तक खाने को मजबूर हो गए.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
पानी और नमक
मदाया से आई तस्वीरों में लोगों की बदहाली साफ झलकती है. कई लोग कचरे में से खाने पीने की चीजें ढूंढने को मजबूर हो गए. माओं ने दूध की जगह बच्चों को पानी में नमक घोलकर पिलाया.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
भीषण भुखमरी
5 जनवरी 2016 के एक वीडियो से ली गई इस बच्चे की तस्वीर इसकी भूख और प्यास को खुलकर बयान करती है. ठंड बढ़ जाने के कारण परेशानियां और बढ़ गई हैं.
तस्वीर: Reuters
बच्चों को कष्ट
बड़ों के युद्ध में अक्सर बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शिकार बनने हैं. सितंबर से कोई बाहरी मदद ना पहुंच पाने के कारण मदाया में बुरा हाल रहा. यह तस्वीर फ्रांस में सीरियाई विद्रोहियों से उपलब्ध हुई. डीडब्ल्यू ने इनकी पुष्टि नहीं की है.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
मानवीय त्रासदी
सीरिया में घास की रोटी खाने को मजबूर हुए लोगों की तस्वीरें देखकर दुनिया भर में रोष की लहर है. अंतरराष्ट्रीय समूह इसे मानवीय तबाही का दर्जा दे रहे हैं.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
विरोध की लहर
यह तस्वीर सीरियाई शहर इदलिब की है जहां लोग मदाया मदद पहुंचाने की गुहार के साथ ही ग्रह युद्ध के संकट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/F. Faham
मदद कैसे पहुंचती
मदाया से निकल भागने की कोशिश में कई लोग गोलियों का शिकार हुए और मारे गए. सरकार समर्थित सेना ने जुलाई से शहर के चारों तरफ बाड़ लगा रखी है. सीमाएं बंद होने के कारण शहर में मदद का पहुंचना मुश्किल हो गया.
तस्वीर: picture alliance/dpa/P. Krzysiek
पहुंची मदद
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद से अनुमति मिलने के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट की तरफ से मदद पहुंचनी शुरू हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Beshara
अन्य शहरों को मदद
सिर्फ मदाया ही नहीं सीरिया के अन्य शहरों फुआ और कफराया में भी भोजन और दवाओं की सख्त जरूरत है. सालों से जारी ग्रह युद्ध ने सीरिया को तबाह करके रख दिया है.