"ताकतवर होते सोशलिस्ट चीन को दुश्मन ताकतें बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं," इन्हीं शब्दों के साथ चीन की सेना ने कहा है कि युद्ध जीतना उसकी प्राथमिकता है. बीजिंग ने इशारों इशारों में वॉशिंगटन को भी चेतावनी दी.
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चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के मुखपत्र में छपी कमेंट्री में कहा गया है, "राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के तहत आने वाली सैन्य एजेंसियों के लिए युद्ध जीतना शीर्ष जिम्मेदारी है."
बीजिंग ने सेंट्रल मिलिट्री कमीशन में भी सुधार किये हैं. 15 नई एजेंसियों को इसमें जोड़ा गया है. खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चार नए सैन्य मुख्यालय खोलने पर मुहर लगाई. सुधारों के तहत ज्वाइंट स्टाफ, पॉलिटिकल वर्क, लॉजिस्टिक सपोर्ट, औजार विकास, ट्रेनिंग और नेशनल डिफेंस जैसे छह नए विभाग बनाए गए हैं.
सैन्य मुखपत्र के मुताबिक, "नए और अहम बदलाव, राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने पहले से ज्यादा जोखिम और चुनौतियां पेश कर रहे हैं." सोशलिस्ट चीन को ताकतवर होता देख "शत्रु ताकतें" देश को बांधने की कोशिश कर रही हैं. चुनौतियों का हवाला देते हुए सैन्य मुखपत्र में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन से यह मांग की गई है कि वह युद्ध जीतने के इरादे से सैन्य क्षमता और सेना की क्वालिटी को बेहतर करे. चीन के पास दुनिया के सबसे बड़ी थल सेना है. उसकी सभी सेनाओं में कुल 23 लाख सैन्य कर्मचारी हैं.
अमेरिका के साथ रणनीतिक होड़ के साथ ही चीन का अपने पड़ोसियों से भी सीमा विवाद है. दक्षिण में उसका एशिया की दूसरी बड़ी सैन्य शक्ति भारत के साथ विवाद है तो पूर्व में जापान से. वियतनाम, मलेशिया, फिलिपींस, ब्रुनेई और ताइवान के साथ दक्षिण चीन सागर को लेकर झगड़ा है.
अमेरिका और ताइवान के बीच साझा सुरक्षा संधि है. वॉशिंगटन ताइवान को 1.83 अरब डॉलर के आधुनिक हथियार देने जा रहा है. चीन अमेरिकी दूत को समन भेजकर इसका विरोध कर चुका है. वहीं अमेरिकी और चीन के पड़ोसी बीजिंग के कृत्रिम सैनिक द्वीप बनाने से बुरी तरह नाराज हैं.
दक्षिण चीन सागर में बनाए जा रहे इन द्वीपों में चीन अपनी सेना तैनात करना चाहता है. लेकिन हाल के दिनों में अमेरिकी युद्धपोत बीच बीच में उनके आसपास घूम रहे हैं. वॉशिंगटन का कहना है कि समुद्र का यह हिस्सा अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में आता है और वहां जाने की हर किसी को आजादी है, बीजिंग इसे नहीं रोक सकता.
किसके पास, कितने एटम बम
दुनिया भर में इस वक्त नौ देशों के पास करीब 13,865 परमाणु बम हैं. हाल के सालों में परमाणु हथियारों की संख्या घटी है. चलिए देखते हैं कि किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं.
तस्वीर: Reuters
रूस
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में रूस सबसे आगे है. 1949 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने वाले रूस के पास 6,500 परमाणु हथियार हैं.
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अमेरिका
1945 में पहली बार परमाणु परीक्षण के कुछ ही समय बाद अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु हमला किया. सिप्री के मुताबिक अमेरिका के पास आज भी 6,185 परमाणु बम हैं.
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फ्रांस
यूरोप में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार फ्रांस के पास हैं. उसके एटम बमों की संख्या 300 बताई जाती है. परमाणु बम बनाने की तकनीक तक फ्रांस 1960 में पहुंचा.
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चीन
एशिया में आर्थिक महाशक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना वाले चीन की असली सैन्य ताकत के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन अनुमान है कि चीन के पास 290 परमाणु बम हैं. चीन ने 1964 में पहला परमाणु परीक्षण किया.
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ब्रिटेन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ब्रिटेन ने पहला परमाणु परीक्षण 1952 में किया. अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के पास 200 परमाणु हथियार हैं.
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पाकिस्तान
अपने पड़ोसी भारत से तीन बार जंग लड़ चुके पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. 1998 में परमाणु बम विकसित करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ है. विशेषज्ञों को डर है कि अगर अब इन दोनों पड़ोसियों के बीच लड़ाई हुई तो वह परमाणु युद्ध में बदल सकती है.
तस्वीर: picture-alliance/AP
भारत
1974 में पहली बार और 1998 में दूसरी बार परमाणु परीक्षण करने वाले भारत के पास 130-140 एटम बम हैं. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बावजूद भारत ने वादा किया है कि वो पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. साथ ही भारत का कहना है कि वह परमाणु हथियार विहीन देशों के खिलाफ भी इनका प्रयोग नहीं करेगा.
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इस्राएल
1948 से 1973 तक तीन बार अरब देशों से युद्ध लड़ चुके इस्राएल के पास 80 से 90 नाभिकीय हथियार हैं. इस्राएल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है.
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उत्तर कोरिया
पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान की मदद से परमाणु तकनीक हासिल करने वाले उत्तर कोरिया के पास 20 से 30 परमाणु हथियार हैं. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 2006 में उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया.