युद्ध से नहीं डरते: दक्षिण कोरिया
२७ दिसम्बर २०१०सोमवार को अपने संबोधन में ली म्यूंग बाक ने उत्तर कोरिया की भड़काऊ कार्रवाई का माकूल जवाब देने और अपने पुख्ता इरादों का संकेत देना चाहा. "हम अब यह महसूस करने लगे हैं कि युद्ध को तभी रोका जा सकता है और शांति तभी स्थापित हो सकती है जब उकसावे भरी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. युद्ध से डर कभी भी उसे टालने में मदद नहीं करता. दक्षिण कोरिया की सेना पर अगर हमला होता है तो उसे जबरदस्त जवाब देना ही होगा."
कोरियाई देशों के बीच तनाव चरम पर है और दोनों देश लगातार तेवर उग्र होते जा रहे हैं. कुछ हफ्ते पहले उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई द्वीप येओनपेयोंग पर गोलाबारी की जिसमें चार दक्षिण कोरियाई नागरिकों की मौत हो गई. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर उकसावेपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया. ली म्यूंग बाक ने किम जोंग के नेतृत्व वाले उत्तर कोरियाई शासन को दुनिया की सबसे झगड़ालू हुकूमत करार दिया है.
दक्षिण कोरिया ने हाल के दिनों में कई सैन्य अभ्यास किए हैं. 20 दिसंबर को येओनपेयोंग द्वीप पर भी अभ्यास किया गया और इसके जरिए उत्तर कोरिया को संदेश दिया गया कि दक्षिण कोरिया किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार है. उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को सैन्य अभ्यास करने के खिलाफ चेतावनी दी थी लेकिन सैन्य अभ्यास बदस्तूर जारी रहा.
विशेषज्ञों का कहना है कि येओनपेयोंग द्वीप पर गोलाबारी उत्तर कोरिया में सत्ता के हस्तांतरण की शुरुआत हो सकती है. उनके मुताबिक किम जोंग इल अब शासन अपने बेटे किम जोंग उन को सौंपना चाहते हैं और उनके लिए जनता में एकजुटता पैदा करने के लिए देश में युद्ध जैसा माहौल खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह