यूं याद आएंगे मुंबई में मारे गए लोग
२६ नवम्बर २०१०![](https://static.dw.com/image/4914964_800.webp)
2008 में आज ही के दिन भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई की सड़कों पर मौत का वह तांडव शुरू हुआ था जो 60 घंटे तक चला और जब थमा तो बहुत कुछ बदल चुका था. उस हमले में मारे गए 166 लोगों की याद में कई जगह प्रार्थना सभाएं या अन्य कार्यक्रम किए जा रहे हैं.
इस मौके पर आतंकवादियों से लोहा लेने वाले मुंबई पुलिस के जवान शहर में परेड करेंगे. शोक मनाने वाले लोग ताज और ओबराय होटल, यहूदी सेंटर चाबाड हाउस, लियोपोल्ड कैफे और वीटी रेलवे स्टेशन जैसी उन जगहों पर जमा होंगे जहां हमले हुए थे.
इस दौरान मुंबई पुलिस के अफसर चौपटी बीच पर कॉन्स्टेबल तुकाराम ओंबले की याद में बनाए गए स्मारक का भी अनावरण करने की तैयारी में है. कॉन्स्टेबल ओंबले इसी जगह दो आतंकवादियों से निहत्थे ही भिड़ गए थे. उनकी इसी बहादुरी की बदौलत अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका था. हालांकि इस दौरान ओंबले की जान चली गई.
आतंकी हमलों की बरसी को देखते हुए शुक्रवार को मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है. वरिष्ठ पुलिस अफसर राजकुमार वाटकर ने बताया कि शहर को अलर्ट पर रखा गया है. वाटकर ने कहा, "क्योंकि शहर पर आतंकी हमलों का खतरा लगातार बना हुआ है, लिहाजा 26/11 की दूसरी बरसी को देखते हुए हमने हर जगह सुरक्षा बढ़ा दी है. हमने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं और शहर को अलर्ट पर रखा है."
इस मौके पर शहर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हिस्सा लिया और मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा कई अन्य राजनेता भी हमलों की जगहों पर जाकर मारे गए लोगों को याद करेंगे. शाम को गेटवे ऑफ इंडिया पर एक शांति सभा का आयोजन होगा जिसमें हर धर्म और समुदाय के लोग शामिल होंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा