यूक्रेनी वार्ता में जर्मनी की मदद
१३ मई २०१४यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेन्युक के साथ एक मुलाकात में श्टाइनमायर ने 25 मई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के बारे में कहा, "मुझे उम्मीद है कि चुनाव होंगे और भविष्य की ओर देखने वाला माहौल बनेगा." जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव देश के विवाद के राजनीतिक समाधान के लिए जरूरी है.
श्टाइनमायर ने कहा कि जर्मनी यूक्रेन के विरोधी गुटों के बीच वार्ता कराने के प्रयासों में मदद करेगा. यूक्रेन की अंतरिम सरकार कीव में गोलमेज वार्ता को तैयार हो गई है. इसका मकसद पश्चिम समर्थक गुटों और रूस समर्थक गुटों को साथ लाना है. अलगाववादियों ने अब तक बातचीत में भाग लेने की संभावना के बारे में कुछ नहीं कहा है. इसकी अध्यक्षता जर्मनी के पूर्व कूटनीतिज्ञ वोल्फगांग इशिंगर और यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति लियोनिद क्रावचुक या लियोनिद कुचमा करेंगे.
श्टाइनमायर के साथ बातचीत में यात्सेन्युक ने कहा कि इस बात का फैसला नहीं हुआ है कि यूक्रेन की ओर से वार्ता की अध्यक्षता कौन करेगा, "हमारे यहां कई पूर्व राष्ट्रपति हैं. वे सबसे अच्छे होंगे." यात्सेन्युक ने एक बार फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया कि वे यूक्रेन को अस्थिर करने के लिए पूर्वी हिस्से में अशांति भड़का रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थिरता की कुंजी मॉस्को में है कीव में नहीं.
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के दो औद्योगिक इलाकों डोनेत्स्क और लुहांस्क ने कहा है कि रविवार को हुए जनमत संग्रह में भाग लेने वाले 90 फीसदी मतदाताओं ने यूक्रेन से अलग होने का समर्थन किया है. पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह का विरोध किया था और अब उसके नतीजों को मानने से मना कर रहे हैं. रूस समर्थक विद्रोहियों ने पिछले महीने से सरकारी इमारतों पर कब्जा कर रखा है और यूक्रेनी सुरक्षा बलों से लड़ रहे हैं. डोनेत्स्क के विद्रोहियों ने तो रूस के साथ मिलने की बात कही है लेकिन मॉस्को ने क्रीमिया का उदाहरण मानने में अब तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसके बदले वह यूक्रेन की केंद्रीय सरकार और विद्रोहियों के बीच देश के भविष्य पर बातचीत का समर्थन कर रहा है.
यूक्रेन के परस्पर विरोधी गुटों को एक मेज पर लाने की घोषणा यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग संगठन ओएससीई के प्रमुख दिदिए बुर्कहाल्टर ने की थी. बुर्कहाल्टर स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्री भी हैं. रूस भी ओएससीई का सदस्य है और यूक्रेनी पक्षों के बीच बातचीत कराने की पहल को समर्थन कर रहा है. यूक्रेन की अंतरिम सरकार अब तक अलगाववादियों से बात करने से मना कर रही थी.
श्टाइनमायर काले सागर पर स्थित यूक्रेनी शहर ओडेशा भी जाएंगे जहां रूस समर्थक और यूक्रेन समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों में करीब 50 लोग मारे गए थे. राजनीतिक संकट के कारण यूक्रेन दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है. देश की एकता की सारी उम्मीदें राष्ट्रपति चुनावों पर टिकी हैं और अगर देश के पूर्वी हिस्से राष्ट्रपति चुनावों को अस्वीकार कर देते हैं तो यूक्रेन का संकट और बढ़ जाएगा.
एमजे/ओएसजे (डीपीए, एपी)