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यूक्रेन की संसद में हंगामा, अंडे फेंके गए

२७ अप्रैल २०१०

मंगलवार के दिन जैसे ही यूक्रेन की संसद में रूस की नौसेना को देश में रहने देने के लिए समझौते को 25 साल तक बढ़ा दिया. संसद में विपक्ष ने अंडे फेंकने शुरू कर दिए. साथ ही धुंआ छोडने वाले बम भी फेंके.

अंडेबाज़ी से बचने के लिए छाता का सहारातस्वीर: AP

समझौते के पारित होने के बाद हालात कुछ ऐसे थे कि संसद अध्यक्ष अंडो और स्मोक बम से बचने के लिए छतरी खोलनी पड़ी और पूरे समय वे उसके पीछे छिपे रहे.

इस हंगामे का कारण था, रूस और यूक्रेन के बीच हुआ एक समझौता जिसके हिसाब से अब रूस की नौसेना यूक्रेन के सेवास्तोपोल के बंदरगाह पर 2042 तक रह सकती है. 1991 में यूक्रेन की आज़ादी के बाद से रूस ने उससे समुद्री किनारा उधार लिया था. रूस का मानना है कि काला सागर यूक्रेन और रूस दोनों के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

यूक्रेन की विपक्षी नेता यूलिया तिमोशेन्को का कहना है कि यह दिन यूक्रेन के इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जाएगा. पूरा संसद सदन धुएं से भरा हुआ था और नेता अपनी अपनी नाक पर रूमाल रख कर दरवाज़े से फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को अंदर आने से रोक रहे थे. यह पहली बार हुआ है कि विपक्षी पार्टियों ने साथ मिल कर राष्ट्रपति विक्टोर यानुकोविच का विरोध किया हो. यानुकोविच को रूसी भाषी लोगों का पूर्व और दक्षिण में भरपूर समर्थन है.

भिड़ गए सांसदतस्वीर: AP

संसद में प्रस्ताव के पक्ष में 236 मत पड़े, ज़रूरत से सिर्फ़ दस ज़्यादा. रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के लिए दी जाने वाले गैस की कीमत तीन अरब डॉलर कम कर देगा और यूक्रेन के उद्योगों में भारी निवेश करेगा अगर ब्लैक सी फ्लीट समझौता हो जाता है तो.

संसद के बाहर भी हालात अच्छे नहीं थे इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी झड़पें हुई. इसके पहले सोमवार रात को राष्ट्रपति विक्टोर यानुकोविच के वफादार लोग विधानसभा में ही रहे ताकि समझौते का विरोध करने वाले सांसद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में घपला नहीं करें.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ओ सिंह

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