1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विवादयूरोप

यूक्रेन के युद्ध में 45 लाख लोग हुए बेघर

११ मार्च २०२२

यूक्रेन का संकट गहराता जा रहा है. एक तरफ जहां शरणार्थियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है, वहीं कई शहरों में जरूरी चीजों के लिए संकट है. बमबारी भी लगातार जारी है. दो हफ्ते की जंग में 25 लाख लोग शरणार्थी बन गए हैं.

आपातकालीन सेवा के कर्मचारी दनीप्रो में बमबारी के बाद बचाव की कोशिश में
आपातकालीन सेवा के कर्मचारी दनीप्रो में बमबारी के बाद बचाव की कोशिश मेंतस्वीर: STATE EMERGENCY SERVICE OF UKRAINE VIA REUTERS

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों का कहना है कि अब तक 25 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से बाहर निकले हैं. इसके साथ ही करीब 20 लाख लोग देश में ही घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. इस तरह से विस्थापितों की कुल संख्या 45 लाख को पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र करीब 40 लाख शरणार्थियों के लिए मानवीय जरूरतों का आकलन कर रहा है. उसका अनुमान है कि कम-से-कम इतने लोग देश के बाहर जाने पर विवश होंगे.

पिछले 24 घंटों में ही करीब दो लाख लोग भागकर पड़ोसी देशों में पहुंचे हैं. अधिकारियों का कहना है कि 40 लाख की अनुमानित संख्या में जल्दी ही बदलाव की जरूरत पड़ सकती है. शरणार्थियों की संख्या अनुमान से ज्यादा हो सकती है. यूक्रेन-पोलैंड की सीमा पर मौजूद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता मैथ्यू साल्टमार्श ने कहा, "यह बहुत संभव है कि 40 लाख की योजना, जो हम बना रहे हैं उसमें संशोधन करना पड़े. इसमें कोई हैरानी नहीं होगी."

मानवीय सहायता देने वाले संगठन सीमा पर इंतजार कर रहे हजारों लोगों को गर्म रखने का इंतजाम करने में जुटे हैं. ट्रकों में भरकर यहां हजारों की संख्या में कंबल और गद्दे पहुंचाए जा रहे हैं. हालांकि शरणार्थियों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि सारे इंतजाम कम पड़ रहे हैं. भारी बमबारी के कारण कई शहरों में हजारों लोग जगह जगह फंसे हुए हैं. इन शहरों में जरूरी चीजों की सप्लाई रुक गई है और पुराना स्टॉक तेजी से खत्म हो रहा है.

रूसी सेना लगातार बमबारी कर रही हैतस्वीर: STATE EMERGENCY SERVICE OF UKRAINE VIA REUTERS

"सकारात्मक बदलाव"

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा है कि रूस और यूक्रेन की बातचीत में कुछ "सकारात्मक बदलाव" आए हैं. बेलारूस के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंकों के साथ टीवी पर प्रसारित एक मुलाकात में रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "हमारी तरफ के वार्ताकारों ने मुझे बताया है कि कुछ सकारात्मक बदलाव हुए हैं. अब बातचीत लगभग हर रोज हो रही है."

एक दिन पहले तुर्की के अंताल्या में यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक  बेनतीजा रही थी. हालांकि दोनों पक्षों ने बातचीत की जरूरत पर बल दिया है और बेलारूस में दोनों तरफ के अधिकारियों का दल नियमित रूप से बात कर रहा है. इस बातचीत के जरिए ही कुछ मानव गलियारों को बनाने में कामयाबी मिली है और बड़ी संख्या में लोग देश के बाहर निकल सके हैं. सुमी में फंसे भारतीय छात्र भी अब बाहर निकल चुके हैं. 

कीव के पास इर्पिन से बुजुर्गों को निकालते यूक्रेनी सेना के जवानतस्वीर: DW

लगातार बमबारी

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से खारकीव के एक मनोवैज्ञानिक चिकित्सा अस्पताल पर शुक्रवार को रूसी सेना ने हवाई हमला किया. यूक्रेन की आपातकालीन सेवा का कहना है कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है. आपाकालीनी सेवा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "हमले के वक्त सभी 30 कर्मचारी और 330 मरीज बम शेल्टर में थे." खारकीव के मेयर इहोर तेरेखोव ने अस्पताल पर हुए हमले को "नागरिकों के खिलाफ किया गया युद्ध अपराध" ठहराया है. उन्होंने यह भी कहा कि खारकीव में रूसी बमबारी के कारण अब तक 48 स्कूल नष्ट हो चुके हैं.

यूक्रेन की राजधानी को घेरने के लिए रूसी सेना उत्तर ओर पश्चिम की ओर से बढ़ रही है. यूक्रेनी सेना का कहना है कि राजधानी के कुछ उपनगरों पर पहले ही भारी बमबारी हो रही है. इसके अलावा तीन और प्रमुख शहरों को रूसी सेना ने एकतरह से अपने कब्जे में ले लिया है. यूक्रेन के मध्य हिस्से में मौजूद दनीप्रो शहर पर हुए हवाई हमलों में एक किंडरगार्टेन और एक अपार्टमेंट ब्लॉक को निशाना बनाया गया है. इन हमलों एक आम आदमी की मौत हुई है. यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने आरोप लगाया कि रूस ने सैनिकों से ज्यादा यूक्रेनी आम नागरिकों को मारा है. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि यह बात बस कीव को नहीं, पूरी दुनिया को पता चले." 

कीव के सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में शहरवासीतस्वीर: Dimitar Dilkoff/AFP/Getty Images

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने एक नए वीडियो संबोधन में रूस को "आतंकवादी राष्ट्र" कहा है. उन्होंने कहा, "दुनिया को यह बात पता लगनी चाहिए." जेलेंस्की ने यह भी बताया है कि दक्षिण में मारियोपोल के कुछ इलाके 11 दिनों से बिना बिजली और पानी के हैं. राष्ट्रपति के मुताबिक खाना, दवाई और राहत का सामान लेकर जा रहे ट्रकों को भी निशाना बनया गया है. शहर के मेयर का कहना है कि हर 30 मिनट पर यहां गोलीबारी हो रही है और अब तक 1,200 आम लोगों की मौत हो चुकी है. 

रूसी सेना ने दावा किया है किमारियोपोल में बच्चों के अस्पताल पर हुआ घातक बम हमला  यूक्रेन ने "रचा" था. यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना का हमला शुरू होने के बाद अब तक कम-से-कम 71 बच्चों की मौत हुई है और 100 से ज्यादा घायल हैं.

जेलेंस्की ने बताया कि बीते दो दिनों में करीब एक लाख लोगों को कीव, सुमी और इजयूम से निकाला गया है. यूक्रेनी सेना का कहना है कि उत्तरी शहर चेर्नीहीव और खारकीव के साथ ही पूरब में सेवेरोदोनेत्स्क पर नियंत्रण के लिए जंग तेज हो गई है. सेना के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम में लुत्स्क सैन्य अड्डे पर हुई बमाबारी में उसके दो सैनिकों की मौत हुई है.

विनित्स्या से बाहर निकलने के लिए इंतजार में खड़े यूक्रेन के लोगतस्वीर: Marcus Brandt/dpa/picture alliance

रूस ने यूक्रेनी आम लोगों को निकालने के लिए हर दिन मानवीय गलियारा बनाने का वादा किया है. हालांकि यूक्रेन ने उन मार्गों को खारिज कर दिया है, जो बेलारूस या रूस की तरफ जाते हैं. उधर अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज की जारी ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिला है कि राजधानी कीव के उत्तर-पश्चिम में दिखा रूसी सैन्य काफिला अब कीव की घेराबंदी कर रहा है. इसके लिए सैन्य काफिले की हथियारबंद यूनिटें शहरों और जंगलों के रास्ते इलाके में फैल गई हैं. टैंकों को भी फायरिंग की संभावित जगहों पर तैनात किए जाने की खबर है.  

विदेशी लड़ाके यूक्रेन युद्ध में

इस बीच रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर ने कहा है कि यूक्रेन में रूस की तरफ से सीरियाई वॉलंटियर युद्ध करने आ सकते हैं. राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने वॉलंटियरों को युद्ध में शामिल करने की योजना को मंजूरी दे दी है. रूस के रक्षा मंत्री ने बताया है कि 16,000 वॉलंटियर, जिसमें मुख्य रूप से मध्यपूर्व के लड़ाके हैं, वे रूस की तरफ से युद्ध में उतरने के लिए तैयार हैं.

अलग-अलग देशों के 20 हजार से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन की तरफ से भी यु्द्ध में शामिल होने पर सहमति दी है. हालांकि इनमें से कितने लोग वहां पहुंचे इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं है. उधर जर्मन गृह मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन के युद्ध में रूस के खिलाफ लड़ने गए जर्मन चरमपंथियों में से ज्यादातर वापस लौट आए हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि ऐसे लोगों की संख्या दहाई में भी नहीं थी. हालांकि गृह मंत्रालय ने ठीक-ठीक संख्या नहीं बताई है.

नियमित प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जर्मन सरकार ने चरमपंथियों को यूक्रेन जाकर लड़ने से रोकने में सफलता पाई है. मंत्रालय का यह भी कहना है कि देश में यूक्रेन विरोधी या रूस विरोधी घटनाएं बहुत कम ही हैं और उनपर अधिकारियों की नजर बनी हुई है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि जर्मन चरमपंथी यूक्रेन जाने की फिराक में हैं.

एक तो बमबारी ऊपर से भयानक ठंडतस्वीर: Evgeniy Maloletka/AP Photo/picture alliance

रासायनिक हथियारों का डर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की शुक्रवार को बैठक होने जा रही है. यह बैठक रूस के आग्रह पर बुलाई गई है. रूस का कहना है कि यूक्रेन में जैविक हथियार तैयार किए जा रहे हैं. यूक्रेन और अमेरिका दोनों ने रूस के इस दावे को खारिज किया है. अमेरिका का कहना है कि ये आरोप संकेत हैं कि रूस जल्दी ही इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेय येलेन ने कहा कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी, रूस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगा सकते हैं क्योंकि,"आम लोगों पर उसके जुल्म और बढ़ते नजर आ रहे हैं."

रूस के सबसे धनी लोगों और पुतिन के विश्वासपात्रों में शामिल व्लादिमीर पोटानिन ने देश के बाहर जा रही विदेशी कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की योजना की आलोचना की है. उन्होंने इसकी तुलना 1917 की बोल्शेविक क्रांति से की है. 

इधर यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लेयन ने कहा है कि संघ यूक्रेन को 50 करोड़ यूरो की अतिरिक्त सैन्य सहयता देना चाहता है. इसे जोड़कर संघ की तरफ से मिलने वाली कुल मदद एक अरब यूरो तक पहुंच गई है.

मारियोपोल की ध्वस्त सड़कों से गुजरता एक शहरवासीतस्वीर: Evgeniy Maloletka/AP Photo/picture alliance

इससे पहले गुरुवार को अमेरिकी सीनेट ने यूक्रेन के लिए 13.6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज को मंजूरी दे दी है. यह रकम राष्ट्रपति बाइडेन की उम्मीदों से कहीं ज्यादा है. इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन को आर्थिक और रक्षा सहायता देने के साथ ही शरणार्थियों की मदद, मानवीय सहायता और इसी तरह के दूसरे कामों में किया जाएगा. 

यह भी पढ़ेंः यूक्रेन को सदस्यता के लिए प्रक्रिया तेज नहीं होगी

इसी बीच ब्रिटेन ने शुक्रवार को रूसी संसद के 386 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने का एलान कर दिया है. इन लोगों ने यूक्रेन पर रूस के हमले का समर्थन किया था. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि फरवरी में इन सासंदों ने पूर्वी यूक्रेन के लुगांस्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र गणराज्य बनाने के प्रस्ताव पर वोट दिया था जिसके बाद जंग की शुरुआत हुई थी.

एनआर/एसएम (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें