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यूक्रेन को "जीत मिलने तक" जारी रहेगी जी7 देशों की मदद

१३ मई २०२२

औद्योगिक देशों के संगठन जी7 यूक्रेन को मदद देने में एकजुट हैं और यह "जीत मिलने" तक जारी रहेगी. यूरोपीय संघ ने वादा किया है कि यूक्रेन को रूसी हमले का मुकाबला करने के लिए और अधिक सैन्य मदद दी जायेगी.

जी7 की बैठक में पहुंचे विदेश मंत्री
जी7 की बैठक में पहुंचे विदेश मंत्रीतस्वीर: Chris Emil Janßen/IMAGO

जर्मनी के वांगेल्स में जी7 के विदेश मंत्रियों की बैठक चल रही है. शुक्रवार को बैठक दूसरे दिन जी7 के अपने समकक्षों के साथ चर्चा करने आईं ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा, "इस वक्त यह बहुत जरूरी है कि यूक्रेन को हथियारों की और सप्लाई करके और रूस पर प्रतिबंध लगाकर व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाना जारी रखें. संकट के दौर में जी7 की एकता बहुत जरूरी है."फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां इब लु दियां ने इस मौके पर कहा, "जी7 देश यूक्रेन की संप्रभुता की लड़ाई में यूक्रेन की जीत होने तक लंबे समय के लिए समर्थन देने की इच्छा में बहुत मजबूती से एकजुट हैं."

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यूरोपीय संघ के नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने भी संकल्प जताते हुए कहा है कि संघ 50 करोड़ यूरो की अतिरिक्त सैन्य सहायता देगा. इसके साथ ही यूरोपीय संघ की तरफ से यूक्रेन को सैन्य मदद की कुल रकम दो अरब यूरो तक पहुंच जायेगी. बोरेल का कहना है, "रूस पर ज्यादा प्रतिबंधों के साथ ज्यादा दबाव बनाना, रूस को अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग करने के लिए लगातार काम करना, युद्ध के नतीजों के बारे में फैल रहीं गलत जानकारियों को रोकना और यूक्रेन को मदद देने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाना, यही करना है."

फ्रांस, यूक्रेन और मोल्दोवा के विदेश मंत्री जी7 की बैठक मेंतस्वीर: Kay Nietfeld/AFP/Getty Images

फिलहाल जर्मनी जी7 का अध्यक्ष है. जर्मनी के वांगेल्स रिसॉर्ट में जी7 के विदेश मंत्रियों की गुरुवार को शुरू हुई बैठक तीन दिन चलेगी. इस बैठक का मुख्य एजेंडा यूक्रेन युद्ध है. इसमें यूक्रेन और मोल्दोवा के विदेश मंत्रियों दमित्री कुलेबा और निकु पोपेस्कु को भी मेहमान के तौर पर बुलाया गया.

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इससे अलग जर्मन शहर श्टुटगार्ट में जी7 और यूक्रेन के कृषि मंत्रियों की भी बैठक हो रही है. इस बैठक में चर्चा हो रही है कि युद्ध के कारण बढ़ते अंतरराष्ट्रीय खाद्य संकट के लिए क्या किया जाये. रूस पर यूक्रेनी किसानों से चोरी करने के आरोप लगाते हुए जर्मनी के कृषि मंत्री ने कहा, "यह खासतौर से युद्ध का बहुत घिनौना रूप है, जिसका नेतृत्व रूस कर रहा है. इसमें अब वह चोरी करके, डाका डालकर अपने लिए पूर्वी यूक्रेन से अनाज हासिल कर रहा है."

जी7 के देशों ने यूक्रेन को मदद जारी रखने का वादा किया हैतस्वीर: Kay Nietfeld/AFP/Getty Images

रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था, लेकिन यू्क्रेनी सेना रूसी फौज को कीव से पीछे धकेलने में सफल रही और युद्ध अब तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है. पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को हथियार दिये हैं, जिनमें तोप, विमान रोधी मिसाइलें, टैंक रोधी हथियार और दूसरी चीजें शामिल हैं. हालांकि, यूक्रेन अपने सहयोगी देशों से और मदद की मांग कर रहा है.

जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने भी गुरुवार को इस ओर ध्यान दिलाया कि इस युद्ध का गरीब देशों पर क्या असर हो सकता है. बेयरबॉक का कहना है, "दुनिया के ताकतवर लोककांत्रिक देश होने की वजह से हमारी खास जिम्मेदारी गरीब देशों में युद्ध के कारण हुई भोजन और ऊर्जा की कमी से लड़ने में मदद करना है."

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने जी7  के देशों से ऐसा कानून बनाने की मांग की है, जिसकी मदद से रूसी सरकार की संपत्तियों को जब्त किया जा सके. उनका कहना है कि इस धन का उपयोग यूक्रेन को पुनिर्निर्माण में होना चाहिए. कुलेबा ने कहा, "हम यूरोप में सैकड़ों अरब डॉलरों की बात कर रहे हैं." कुलेबा ने यह भी कहा कि रूस को न सिर्फ राजनतीकि बल्कि युद्ध के लिए आर्थिक रूप से भी भुगतान करना चाहिए."

एनआर/वीएस (एएफपी, डीपीए)

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