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यूक्रेन पर हमले का 20वां दिन, आम लोग बने निशाना

१५ मार्च २०२२

यूक्रेन पर रूस के हमले के आज 20वां दिन है. रूस की तरफ से जारी हमले का निशाना आम लोगों के घर बन रहे हैं. युद्ध के बीच समर्थन जताने तीन यूरोपीय देशों के नेता मंगलवार को कीव पहुंचे हैं.

कीव के एक अपार्टमेंट मे पर हमले की चपेट में आई बुजुर्ग महिला
कीव के एक अपार्टमेंट मे पर हमले की चपेट में आई बुजुर्ग महिलातस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance

रूस का हमला मंगलवार को मध्य कीव के करीब आ गया है. रूसी हमलों का निशाना राजधानी के रिहायशी इलाके बन रहे हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बताया है कि रूसी हमलों की चपेट में चार रिहायशी बहुमंजिली इमारतें आई हैं और दर्जनों  लोगों की मौत हुई है.

इस बीच कीव के मेयर ने शहर में नए कर्फ्यू का एलान किया है जो 35 घंटे के लिए होगा और मंगलवार शाम से शुरू हो कर गुरुवार सुबह तक जारी रहेगा.

कीव में 15 मंजिली एक इमारत इन हमलों की चपेट में आकर बुरी तरह जल गई है. यहां से लोगों को आनन फानन में बाहर निकाला गया. एक आदमी की मौत हुई है और कई लोग इमारत में ही फंसे हुए हैं. इमारत से आग की लपटें निकल रही थीं और इसी बीच दमकल कर्मचारी लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए थे. यू्क्रेन की सेना के मुताबिक यह हमला टैंक से किया गया था.

हमले का शिकार बनी इमारत में रहने वाले आम लोगतस्वीर: Maxym Marusenko/NurPhoto/picture alliance

रूसी सेना ने बीती रात उत्तर पश्चिमी इर्पिन, होस्तोमेल और बुखा पर हमले किए. रूसी सैनिकों ने तटवर्ती शहर मारियोपोल पर कब्जे के लिए भी अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं साथ ही पूर्व में खारकीव को भी टैंक से हमले का निशाना बनाया गया है.

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी यूक्रेन में टीवी टावर पर रूसी रॉकेट के हमले में मरने वालों की संख्या 19 पर पहुंच गई है. इस हमले में 9 लोग घायल भी हुए हैं. रीवने शहर के बाहर मौजूद एंटोपोल गांव में टीवी टावर को निशाना बनाया गया था. यह जगह पोलैंड की सीमा से महज 160 किलोमीटर दूर है.

यूक्रेन और रूस के अधिकारियों के बीच मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बातचीत हुई है. हालांकि इसके बारे में और ब्यौरा नहीं मिल सका है. 

30 लाख से ज्यादा शरणार्थी

मंगलवार को रूसी हमले के बीच ही यूक्रेनी अधिकारियों ने लोगों को बाहर निकालने और राहत पहुंचाने के लिए 9 मानवीय गलियारे की घोषणा की है. इसमें कीव का इलाका भी शामिल है.

खारकीव की इमारत में हमले के बाद लगी आग बुझाते दमकलकर्मीतस्वीर: Pavel Dorogoy/AP Photo/picture alliance

शरणार्थियों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संगठन आईओएम का कहना है कि रूसी हमले के बाद अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से बाहर जा चुके हैं. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संगठन के प्रवक्ता पॉल डिलन ने बताया कि अलग अलग देशों के अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर यह संख्या बनी है. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर भी इन्हीं आंकड़ों का इस्तेमाल करती है. यूएनएचसीआर का कहना है कि केवल पोलैंड में ही 18 लाख लोग गए हैं.

तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू का कहना है कि तुर्की रूस और कीव के अधिकारियों से मारियोपोल में फंसे 100 तुर्क नागरिकों को सुरक्षित निकालने पर बातचीत कर रहा है. कई दर्जन तुर्क और दूसरे लोगों ने मारियोपोल की एक मस्जिद में शरण ले रखी है हालांकि यह मस्जिद भी रूसी हमले की चपेट में आई है. तुर्की का कहना है कि अब तक यूक्रेन से 14,800 तुर्क नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है.

अकेले एक हजार किलोमीटर का सफर करने वाला यूक्रेनी बच्चा

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युद्ध के बीच कीव का दौरा

युद्ध के बीच ही पोलैंड, चेक रिपब्लिक और स्लोवेनिया के नेताओं ने कीव का दौरा करने का फैसला किया है. ये लोग यूक्रेन के साथ समर्थन दिखाने के लिए वहां जा रहे हैं. चेक प्रधानमंत्री पेट्र फियाला ने ट्वीट किया है, "यात्रा का मकसद यूक्रेन और उसकी आजादी और स्वतंत्रता में यूरोपीय संघ के साफ समर्थन को दिखाना है." उनके साथ स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री जानेज जानसा, पोलैंड के प्रधानमंत्री मातेउस मोराविकी और साथ ही पोलिश उप प्रधानमंत्री यारोल्साव काचिंस्की भी हैं.

इन नेताओं ने स्वतंत्र रूप से जोखिम उठा कर वहां ट्रेन से जाने का फैसला किया है. इस बारे में यूरोपीय नेताओं को जानकारी दे दी गई है लेकिन इस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने नेताओं की इस पहल के लिए सराहना की है. 

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उत्तरी यूरोप के नेताओं से रूसी हमले का सामना करने के लिए और हथियारों की मांग करते हुए  कहा है कि वे "हमारी मदद कर अपनी मदद" कर सकते हैं.  

तस्वीर: Efrem Lukatsky/AP Photo/picture alliance

ब्रिटेन के नेतृत्व में ज्वाइंट एक्सपेडिएशन फोर्स का गठन किया गया है जिसमें उत्तर अटलांटिक के 10 देश शामिल हैं. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय संकट की स्थिति में तेजी से हरकत में आना है. इस संगठन में ब्रिटेन और बाल्टिक देशों जैसे नाटो सदस्य और स्वीडन या फिनलैंड जैसे गैर नाटो देश भी शामिल हैं.

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जेलेंस्की ने वीडियो लिंक के जरिए मंगलवार को इन देशों के नेताओं को संबोधित किया. जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेनी सेना पश्चिमी देशों से मिले हथियारों और दूसरे उपकरणों का तेजी से इस्तेमाल कर रही है. जेलेंस्की ने रूस से कारोबार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग दोहराई है उनका कहना है कि रूस के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए मौजूदा प्रतिबंध काफी नहीं हैं. जेलेंस्की ने एक बार फिर नाटो के नो फ्लाइ जोन घोषित नहीं करने पर निराशा जताई है.

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अंतरराष्ट्रीय कोशिशें

इटली ने मोल्दोवा के साथ एक करोड़ यूरो के करार पर दस्तखत किए हैं. मोल्दोवा यूरोप के गरीब देशों में लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में वहां यूक्रेन के शरणार्थी पहुंच रहे हैं. 25 लाख की आबादी वाले मोल्दोवा में अब तक 3 लाख यूक्रेनी शरणार्थी आ चुके हैं.

ब्रिटेन ने कहा है कि वह वोदका और दूसरे रूसी समानों पर आयात शुल्क बढ़ा रहा है साथ ही रूस को लग्जरी सामान निर्यात करने पर पाबंदी लगाई जा रही है. ये कदम रूस पर ताजा प्रतिबंधों के तहत उठाए गए हैं. ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग का कहना है कि पुतिन की जंग की मशीनरी रोकने के लिए जरूरी है कि विश्व  व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ के सदस्य के रूप में उसे जो फायदे मिलते हैं उन्हें खत्म किया जाए. रूस और बेलारूस से आने वाली वोदका, सफेद मछली, लोहा, तेल के बीज और अनाज समेत तमाम दूसरी चीजों पर 35 फीसदी का अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया गया है. 

पोलैंड के मेडिका पहुंची शरणार्थी लड़की तस्वीर: Hector Adolfo Quintanar Perez/Zuma/picture alliance

ब्रिटेन की सरकार ने बताया है कि करीब 89,000 परिवारों ने एक प्रोग्राम के लिए रजिस्टर किया है जिसके तहत वे लोग यूक्रेनी शरणार्थियों को घर देंगे. इस कार्यक्रम के लिए लोगों ने इतनी ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है कि रजिस्टर करने वाली वेबसाइट बार बार क्रैश कर जा रही है. इसका नाम होम्स फॉर यूक्रेन रखा गया है. इसके जरिए लोग शरणार्थियों को बिना किराये के अलग घर मुहैया कराएंगे और सरकार उन्हें हर महीने 350 पाउंड की रकम देगी. यह घर कम से कम छह महीने के लिए मुहैया कराए जाएंगे.

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जापान की सरकार ने 17 और रूसी नेताओं, कारोबारियों और उनके परिवारों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें रूसी संसद के 11 सदस्य, बैंकर यूरी कोवालचुक और उनके रिश्तेदार के साथ ही अरबपति विक्ट वेकेल्सबर्ग भी शामिल हैं. जापान इसे मिला कर अब तक 61 लोगों पर प्रतिबंध लगा चुका है और उनकी संपत्ति जब्त कर रहा है.

एनआर/आरपी (एपी, रॉयटर्स)

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