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यूक्रेन में माफी पर बहस

२९ जनवरी २०१४

यूक्रेन की सरकार बुधवार को प्रदर्शनकारियों को माफी देने के मुद्दे पर बहस करने वाली है. कल ही प्रधानमंत्री और कैबिनेट ने इस्तीफा दिया है. इससे पहले कड़े प्रदर्शन कानून को रद्द कर दिया.

तस्वीर: Reuters

एक ओर तो प्रदर्शन करने के आरोप में पकड़े गए लोगों को रिहा करने पर संसद के राजी हो जाने की संभावना जताई जा रही है. वहीं राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने कहा है कि वे माफी तभी देना चाहेंगे जब विरोध प्रदर्शनकारी सार्वजनिक इमारतों को खाली कर देंगे और बैरिकैड हटा देंगे.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने बातचीत में प्रगति को अच्छा बताया और यानुकोविच से अपील की है कि वे मुश्किल मुद्दों पर समझौते की कोशिश करते रहें. इसमें प्रस्तावित माफी भी शामिल है.

उधर विरोध प्रदर्शनकारियों ने न्याय मंत्रालय को खाली कर दिया है लेकिन बाकी सरकारी इमारतों पर ब्लॉकेड जारी है. उनकी मांग है कि सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए.

सोशल मीडिया में भी

जहां एक ओर प्रदर्शनकारियों और सरकार की रस्साकशी चल रही है, वहीं ऐसे लोग भी हिंसाग्रस्त सड़कों पर मौजूद हैं जो मोबाइल फोन, वीडियो कैमेरा से इन घटनाओं को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं. कई वेब चैनल बन गए हैं, कुछ में तो बाकायदा एक प्रेजेंटर भी है जो लाइव घटनाओं की जानकारी दे रहा है. दहलाने वाले कई प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गए हैं. इनके जरिए लोग 24 घंटे प्रदर्शनकारियों और पुलिस की कार्रवाई देख पा रहे हैं.

अपनी आवाज बुलंद करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने बदली रणनीतितस्वीर: Reuters

ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलो ओल्गा ओनुच कहती हैं, "प्रदर्शनकारियों के पास यह तकनीक मौजूद है और वह इसका कई इलाकों में इस्तेमाल कर रहे हैं. दर्शकों को ऐसा लगता है कि वे भी इसमें भागीदार हैं और चौबीसों घंटे वे प्रोटेस्ट जोन के बारे में जानकारी पा सकते हैं." हालांकि उन्होंने यह भी चेतवनी दी है कि कुछ सोशल मीडिया के कारण झूठी खबरें भी फैली हैं.

रूस बीच में नहीं आएगा

हालांकि यह भी उतना ही सच है कि इन प्रदर्शनों के दौरान ट्विटर का जितना व्यापक इस्तेमाल हुआ उतना यूक्रेन में पहले कभी नहीं हुआ था.

ईयू रूस शिखरवार्ता में पहुंचे रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन में विदेशी हस्तक्षेप नहीं किया जाए. उन्होंने कहा, "जितने ज्यादा मध्यस्थ होंगे मुश्किलें उतनी ही बढ़ेंगी." साथ ही पुतिन ने जोर दे कर कहा कि वह यूक्रेन को दी जाने वाली 11 अरब यूरो की राहत राशि के बारे में कोई विचार नहीं करेंगे, भले ही सत्ता में कोई भी हो क्योंकि वह धन कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "रूस बीच में नहीं आएगा."

वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री यूलिया टिमोशेंको ने मंगलवार के फैसलों के बारे में कहा, "लोगों के संघर्ष के पहले नतीजे सामने आ रहे हैं. यह काफी नहीं है, रुको मत."

एएम/आईबी (डीपीए, रॉयटर्स)

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