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यूक्रेन में माफी पर वोट

३० जनवरी २०१४

गिरफ्तार किए गए विरोध प्रदर्शनकारियों को माफी देने के मुद्दे पर यूक्रेन की संसद में वोटिंग हुई लेकिन शर्त थी कि वह सरकारी इमारतों को खाली कर दें. विपक्ष ने वोट का बहिष्कार किया. वे बिना शर्त माफी चाहते हैं.

तस्वीर: Reuters

नवंबर से अभी तक गिरफ्तार करीब 100 प्रदर्शनकारियों के मुद्दे पर यूक्रेनी संसद में मतदान हुआ.

दो महीने से भी ज्यादा से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कीव के मुख्य आजादी चौक पर बड़े बड़े तंबू लगा लिए हैं तीन सरकारी इमारतों को अपने कब्जे में ले लिया है ताकि वहां से कार्रवाई कर सकें और रात को सो सकें. इसके अलावा उन्होंने बर्फ, लकड़ियों, फर्नीचर और बाकी सामान से बैरिकेड भी लगा दिए हैं.

संसद में एक अन्य प्रस्ताव पर भी बहस हुई जिसके मुताबिक विरोध प्रदर्शनकारियों को अपने ठिकाने और सरकारी इमारतें छोड़नी पड़ेंगी. लेकिन विपक्ष के नेताओं ने कहा कि उन्हें ऐसी माफी स्वीकार नहीं जिसके बदले में उन्हें विरोध प्रदर्शन बंद करने पड़ें. विपक्षी नेता और बॉक्सर विटाली क्लिचको ने कहा, "लोग सड़कों पर देश के हालात बदलने के लिए उतरे हैं. अब कहना कि हम लोगों को तभी रिहा करेंगे जब सारे प्रदर्शनकारी घर चले जाएंगे. यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती."

दो महीने पहले विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया और रूस के साथ संबंध बढ़ाने का विकल्प चुना.तस्वीर: Reuters

विपक्ष की मांग बिना शर्त माफी, राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के इस्तीफे और जल्दी चुनाव की है. दो महीने पहले विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया और रूस के साथ संबंध बढ़ाने का विकल्प चुना. प्रदर्शन तब उग्र हो गए जब प्रदर्शन कानून लागू कर दिया गया, जिसे अब वापस ले लिया गया है.

रूस की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि 15 अरब यूरो की राहत राशि जारी करने के लिए वह यूक्रेन में नई सरकार बनने का इंतजार करेंगे. ऐसी आशंका है कि अगर यूक्रेन में रूस विरोधी सरकार आती है तो रूस घाटे में पड़े यूक्रेन को दिए जाने वाले आर्थिक राहत पैकेज के बारे में फिर से विचार कर सकता है. पुतिन ने कहा, "यूक्रेन में सरकार बन जाने तक का इंतजार करते हैं. लेकिन आप अपने मौजूदा हालात में अपने साथियों के साथ संपर्क खत्म नहीं करें." वहीं प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, "हम सभी समझौते तभी मुनासिब ढंग से पूरे कर सकते हैं, जब हम समझें कि सरकार कैसी दिखाई देगी, वहां कौन होगा और वो कौन से नियमों पर चलेगा."

इधर जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूक्रेन की सरकार से फोन कर कहा है कि वे विरोध प्रदर्शनकारियों की बात सुनें. प्रदर्शन के दबाव के कारण राजनीतिक सुधारों पर गंभीर बातचीत का मौका पैदा हुआ है. मैर्केल ने विपक्ष की मांगों को सही करार दिया है.

विपक्ष पुराने संविधान को वापिस चाहता है इससे राष्ट्रपति यानुकोविच की ताकत सीमित हो जाएगी.

एएम/एजेए (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)

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