यूक्रेन युद्ध के साये में तुर्की पहुंचे जर्मन चांसलर
१४ मार्च २०२२
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स तुर्की की संक्षिप्त यात्रा पर अंकारा पहुंचे हैं. यहां उन्होंने तुर्क राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान से मुलाकात की है. चांसलर बनने के बाद वो पहली बार तुर्की पहुंचे हैं.
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शॉल्त्स और एर्दोवान की बातचीत में प्रमुख रूप से रूस और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई है. तुर्क राष्ट्रपति के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन के अलावा दोनों नेता तुर्की और यूरोपीय संघ के रिश्तों के साथ ही आपसी संबंधों पर भी बातचीत करेंगे.
अंकारा पहुंचने के बाद जर्मन चांसलर ने कहा है कि उनका देश यूक्रेन को इस लायक बनाना चाहता है कि वो अपनी रक्षा कर सके. नाटो के सदस्य देश तुर्की का करीबी संबंध रूस और यूक्रेन दोनों से है. तुर्की ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की पिछले हफ्ते मुलाकात भी करवाई थी. हालांकि इससे कोई नतीजा नहीं निकला था. अब भी कूटनीतिक कोशिशें जारी हैं. शॉल्त्स ने यह भी कहा कि बातचीत
बड़ा कारोबारी रिश्ता
जर्मनी और तुर्की के बीच बड़ा कारोबारी रिश्ता है. 2021 में दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ कर 41 अरब यूरो के पार हो गया है. जर्मनी में तुर्क मूल के 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं जिसकी वजह से दोनों देशों के आपसी रिश्ते प्रगाढ़ बने हुए हैं. हालांकि तुर्की में मानवाधिकार के खराब रिकॉर्ड की वजह से जर्मनी के साथ उसके रिश्तों में तनाव भी रहा है. तुर्की ने कई जर्मन पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है.
जर्मनी ने तुर्की को यूरोप में आने वाले शरणार्थियों की संख्या को नियंत्रित करने में एक अहम सहयोगी माना है. हजारों लोग जो तुर्की से यूरोप आना चाहते हैं उन्हें वह रोक लेता है. जर्मन सरकार यह भी जानती है कि नाटो का सदस्य होने के कारण तुर्की रणनीतिक रूप से अहम स्थान रखता है.
पूर्व जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने अपने 16 साल के कार्यकाल में तुर्की के साथ रिश्ते में सहयोग और आलोचना के बीच कठिन संतुलन बनाए रखा. उन्होंने एर्दोवान से कई बार मुलाकात की और कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले आखिरी बार बीते अक्टूबर में तुर्की के दौरे पर गई थीं.
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के लिए भी तुर्की के साथ संबंधों को निभाना एक चुनौती होगी. यूक्रेन के युद्ध से उपजी परिस्थितियां दोनों देशों के लिए चुनौती के साथ ही सहयोग का मौका भी लेकर आई हैं. तुर्की ने यूक्रेन पर हमले को अस्वीकार्य बताया है लेकिन रूस पर पश्चिमी देशों के लगाए प्रतिबंधों में शामिल नहीं हुआ है. तुर्की गैस और सैलानियों से होने वाली कमाई के लिए रूस पर निर्भर है.
जानकारों का कहना है कि पश्चिमी देश तुर्की से प्रतिबंधों में शामिल होने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. लेकिन इतना जरूर चाहते हैं कि वह कोई और नया ऐसा काम ना करे, जिससे कि रूस को प्रतिबंधों का सामना करने में मदद मिले. जर्मन चांसलर सोमवार की रात ही बर्लिन लौट आएंगे.
एनआर/आरएस(एपी, डीपीए)
रूस-यूक्रेन युद्ध में कौन सा देश किसके साथ है
रूस कई फ्रंट से यूक्रेन पर हमला कर रहा है. हवाई बमबारियों के अलावा यूक्रेन पर क्रूज और बलिस्टिक मिसाइल भी दागे जाने की खबर है. पुतिन ने यूक्रेन की सेना से समर्पण करने को कहा है.
तस्वीर: Anatolii Stepanov/AFP
अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि दुनिया की प्रार्थना यूक्रेनी जनता के साथ है. उन्होंने रूस को चेताया, "राष्ट्रपति पुतिन ने जानबूझकर युद्ध शुरू किया है. इसके चलते होने वाली मौतों और बर्बादी का जिम्मेदार केवल रूस होगा. अमेरिका और साथी देश संगठित होकर मजबूती से इसका जवाब देंगे. पूरी दुनिया रूस को जिम्मेदार मानेगी."
तस्वीर: Alex Brandon/AP Photo/picture alliance
जर्मनी
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा, "24 फरवरी की यह तारीख यूक्रेन के लिए भीषण और यूरोप के लिए मायूस करने वाली है. हम रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगे, ताकि रूसी नेतृत्व के आगे साफ हो जाए कि उन्हें इस हमले की बड़ी कीमत चुकानी होगी. पुतिन ने यह युद्ध शुरू करके गंभीर चूक की है. जर्मनी नाटो की प्रतिबद्धताओं के साथ खड़ा है."
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ब्रिटेन
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, "यूक्रेन में हो रही भीषण घटनाओं से मैं स्तब्ध हूं. आगे क्या करना है, इसपर मैंने राष्ट्रपति जेलेन्स्की से बात की है. बिना किसी उकसावे के यूक्रेन पर हमला करके राष्ट्रपति पुतिन ने खूनखराबे और बर्बादी का रास्ता चुना है. ब्रिटेन और हमारे सहयोगी डटकर इसका जवाब देंगे."
तस्वीर: Matt Dunham/AP Photo/picture alliance
फ्रांस
राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एक आपातकालीन बैठक बुलाई. इस मुद्दे पर राष्ट्र के नाम उनका एक संदेश टीवी पर भी प्रसारित हुआ. इसमें माक्रों ने कहा, "फ्रांस, यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा." फ्रेंच विदेश मंत्री जॉं ईव लु द्रियॉं ने भी कहा कि फ्रांस, हर तरह से यूक्रेन को समर्थन देगा.
तस्वीर: John Thys/AP/picture alliance
चीन
चीन ने यूक्रेन पर किए गए रूसी हमले को 'आक्रमण' कहे जाने का विरोध किया है. विदेश मंत्री वांग यी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को फोन भी किया. इसमें उन्होंने कहा कि चीन समझता है कि यूक्रेन मामले का अपना एक जटिल इतिहास है. उन्होंने लावरोव से यह भी कहा कि चीन सुरक्षा से जुड़ी रूस की जायज चिंताओं को भी समझता है.
तस्वीर: Keith Tsuji/ZUMA/picture alliance
कनाडा
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने रूसी हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि रूस को इस आक्रामकता की सजा मिलेगी. ट्रूडो बोले, "बिना किसी उकसावे के किया गया यह हमला यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. हम रूस से अपील करते हैं कि वह अपनी सेना और प्रॉक्सी फोर्स को यूक्रेन से निकाल ले."
तस्वीर: Adrian Wyld/empics/picture alliance
तुर्की
राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने हमले की निंदा की. टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में एर्दोआन ने कहा, "हम यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करना जारी रखेंगे." एर्दोआन ने यह भी कहा कि रूस और यूक्रेन, दोनों से तुर्की के करीबी संबंध हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच संघर्ष देखकर उन्हें बहुत निराशा हो रही है.
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भारत
इस मामले पर अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान नहीं आया है. मगर यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी में भारत का रुख स्पष्ट किया. उन्होंने मौजूदा घटनाक्रम पर दुख जताते हुए तनाव को तत्काल घटाने की अपील की. यह भी कहा कि सभी संबंधित पक्षों की जायज सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
दक्षिण कोरिया
राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि उनका देश रूस पर लगाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का साथ देगा. राष्ट्रपति आवास ने एक बयान जारी कर कहा, "यूक्रेन की आजादी, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रहनी चाहिए. ताकत का इस्तेमाल करके निर्दोषों को नुकसान पहुंचाने का किसी हाल में समर्थन नहीं किया जा सकता है."
तस्वीर: Yonhap/REUTERS
ईरान
विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोल्लाहियां ने एक ट्वीट में लिखा कि ईरान समस्या सुलझाने के लिए युद्ध का सहारा लेने में यकीन नहीं करता है. ईरान ने नाटो के उकसावे को यूक्रेन संकट की जड़ बताते हुए राजनैतिक और कूटनीतिक समाधान की अपील की.
तस्वीर: Michael Gruber/AP Photo/picture alliance
इटली
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने कहा कि सारे सहयोगी एकजुट हैं. यूक्रेन की संप्रभुता, यूरोपीय सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और साझा मूल्य बनाए रखने के लिए जो भी करना पड़े, वे साथ मिलकर करेंगे. पीएम द्रागी ने यह भी कहा कि समय आ गया है कि यूरोपीय संघ रूस पर बेहद सख्त प्रतिबंध लगाए.
तस्वीर: ALBERTO PIZZOLI/AFP
हंगरी
प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने कहा कि यूरोपीय संघ और नाटो के अपने साथियों के साथ मिलकर हंगरी भी रूस के हमले की निंदा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि हंगरी के लिए अपने लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है. इसीलिए इस सैन्य संघर्ष से बाहर रहते हुए वह यूक्रेन को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है.
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ग्रीस
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ग्रीस ने अपनी सेना और एनर्जी स्टाफ की आपातकालीन बैठक बुलाई. इसमें प्रधानमंत्री किरयेकोस मित्सोताइकिस ने रूसी हमले की निंदा की. राष्ट्रपति कैटरीना सैकलारापुलू ने भी कहा कि एक आजाद देश पर किए गए रूसी हमले की वह कड़ी निंदा करती हैं.
तस्वीर: Ludovic Marin/AFP/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन बताया. विदेश मंत्री याइर लैपिड ने रूस की निंदा करते हुए यह भी कहा कि इस्राएल के रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. उन्होंने दोनों देशों में रहने वाले यहूदियों की भी बात की. कहा कि उनकी सुरक्षा इस्राएल के लिए अहम है.