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यूक्रेन संकट का अंत दूर

२७ अगस्त २०१४

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकट के हल के लिए कार्यक्रम को स्वीकार कर लिया है लेकिन रूसी नेता ने कहा है कि सिर्फ मॉस्को ही यूक्रेन के अलगाववादियों के साथ शांति समझौता कर सकता है.

तस्वीर: Reuters/Sergei Bondarenko/Kazakh Presidential Office

पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको की मुलाकात के बाद इस बात के संकेत नहीं मिले कि पूर्वी यूक्रेन में हिंसा जल्द खत्म होने वाली है. पुतिन ने कहा, "यह हमारा काम नहीं है. यह यूक्रेन का काम है." उन्होंने कहा कि रूस तो सिर्फ बातचीत के लिए माहौल बना सकता है, "हम रूस में इस पर चर्चा नहीं कर सकते कि संघर्षविराम की शर्तें क्या होंगी. कीव, डोनेस्क या लुसांक के बीच समझौता कैसे होगा."

हालांकि पोरोशेंको ने कहा कि उन्होंने संघर्ष विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय नेताओं से समर्थन हासिल कर लिया है. पुतिन ने भी बैठक को सकारात्मक बताया है.

लंबे समय से चल रहा संघर्षतस्वीर: Reuters

लेकिन इसके बाद भी झगड़ा बढ़ता ही दिख रहा है. पिछले दो दिनों में दक्षिण पूर्व यूक्रेन में भारी गोलाबारी हो रही है और यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि रूस समर्थक अलगाववादी एक नए मोर्चे को खोलने की कोशिश कर रहे हैं. यह बैठक बेलारूस की राजधानी मिंस्क में हुई और इसी दिन यूक्रेन ने एलान किया कि उसने अपने इलाके से 10 रूसी सैनिकों को गिरफ्तार किया है.

पुतिन ने सीधे तौर पर इस मामले पर जवाब नहीं दिया, बल्कि घुमा फिरा कर कहा, "मुझे रक्षा मंत्रालय से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. लेकिन मैंने सुना है कि वे सीमा पर गश्त कर रहे थे और हो सकता है कि इसी दौरान यूक्रेनी सीमा में चले गए हों." जून में राष्ट्रपति बनने के बाद पोरोशेंको ने एक शांति प्रस्ताव रखा, जिसमें गंभीर अपराध नहीं करने वालों के लिए माफी की भी गुंजाइश है.

हालांकि पुतिन का कहना है कि उनके साथ संघर्ष विराम लागू करने के मुद्दे पर कोई विशेष बातचीत नहीं हुई है क्योंकि रूस इस संकट में साझीदार नहीं है. यूक्रेन और पश्चिमी देशों का आरोप है कि रूस अलगाववादी संगठनों को भड़का रहा है. रूस इस आरोप से इनकार करता है.

आमने सामने बातचीत के अलावा पुतिन और पोरोशेंको ने कजाकिस्तान और बेलारूस के राष्ट्रपतियों से भी मुलाकात की. उन्होंने यूरोपीय संघ के आला अधिकारियों से भी बात की है. इस बातचीत में शामिल दो दूसरे राष्ट्रों के सामने संकट यह है कि वे रूस के साथ व्यापार समझौते में शामिल हैं. पुतिन को खतरा है कि अगर यूक्रेन यूरोपीय संघ के बहुत करीब जाता है, तो इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है.

पूर्वी यूक्रेन में है ज्यादा संकटतस्वीर: Reuters

सारे झगड़े की जड़ यही व्यापार ब्लॉक है, जिसके बाद यूक्रेन में तनाव भड़का था. पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने रूस के साथ करीबी बढ़ाने का फैसला किया था, जिससे यूरोपीय संघ नाराज था. इसके बाद लोगों के विद्रोह की वजह से उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी.

इसके बाद शुरू हुए संकट की वजह से 2000 लोगों और लगभग 700 सैनिकों की मौत हुई. मंगलवार को पुतिन ने एक बार फिर कहा कि अगर यूक्रेन 28 देशों वाले यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौता करता है, तो इससे रूस को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है और वह अपने नुकसान को बचाने का अधिकार रखता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संकट का हल सैनिक कार्रवाई से नहीं हो सकता है.

यूक्रेन चाहता है कि संकट के दौरान अलगाववादियों ने जिन इलाकों पर कब्जा किया है, उन्हें वापस किया जाए. जबकि पुतिन यूक्रेन को यूरोपीय संघ या नाटो गठबंधन से दूर रखना चाहते हैं.

एजेए/ओएसजे (एपी)

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