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यूपी की जेलों में वॉटर कूलर

१७ जून २०१२

उत्तर प्रदेश में इन दिनों जेल में मिलने वाली सुविधाओं की बेहतरी हो रही है. 47 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले विधायकों के इस राज्य में लोगों को ठंडा पानी मिले न मिले जेलों में वॉटर कूलर लगा दिए गए हैं.

तस्वीर: S. Waheed

कौमी एकता दल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी विधानसभा सत्र में शामिल होने आगरा जेल से लखनऊ आए तो उन्होंने यूपी की जेलों में हो रही तब्दीलियों पर कहा कि जमीन आसमान का फर्क हो गया है.

मुख्तार अंसारी के मुताबिक अब बहुत सी सुविधाएं हो गई हैं, पहले ये जेल यातना घर बना दिए गए थे. उनका इशारा पिछली मायावती की सरकार की तरफ था, जब सभी कैदी एक ही तरीके से रखे जाते थे. अंसारी का कहना है कि अब स्थितियां काफी बेहतर हो गई हैं. लेकिन यह राहत यूपी के जेल मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को कम लग रही है. प्रतापगढ़ जिले की कुंडा रियासत के वह राजा हैं. पर ये 'राजा' यूपी सरकार में मंत्री हैं. उन्होंने घोषणा की है कि जनप्रतिनिधियों को उनके निर्वाचन क्षेत्र की जेलों में ही रखा जाएगा. ताकि वे अपने इलाके की जनता के संपर्क में रहें. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए तब तक 'माननीय विधायकों' को जेल में विशेष सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. राजा भैया का कहना है कि जेल में बंद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी नैसर्गिक न्याय मिलना चाहिए. वे भी उसके हकदार हैं.

जेल को जानने वाले राजा भैया

इसकी वजह भी साफ है. वह खुद 26 महीने यूपी की विभिन्न जेलों में गुजार चुके हैं. कैदियों की पीड़ा भला उनसे ज्यादा कौन जानता है. राजा भैया आरोप लगाते हैं कि वह सबसे ज्यादा राजनीतिक रंजिश का शिकार हुए हैं और झूठे मुकदमों में फंसा दिए गए हैं.

उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री राजा भैयातस्वीर: S. Waheed

मायावती की सरकार के दो कार्यकालों में उनको यूपी की बांदा, फैजाबाद, फतेहगढ़, कानपुर, बरेली और मध्य प्रदेश में जबलपुर की जेलों में रखा गया. अब जेल मंत्री के रूप में वह इन हालातों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. वह कहते हैं कि जेल दरअसल सुधार गृह हैं न कि यातना घर. उन्हें इस तरह व्यवहार करना चाहिए ताकि कैदी के व्यक्तित्व में बदलाव आ सके.

जेल मंत्री के रूप में उन्होंने तीन महीने के अंदर ही काफी बदलाव किए. राजा भैया ने जेल मंत्री पद संभालते ही सभी जेलों में वाटर कूलर लगाने के आदेश जारी किए. ऐसा पहली बार हुआ है. हालांकि आगे चल कर ये कब तक ठीक तरह से काम कर पाएंगे और इनकी सफाई किस तरह से होगी यह तो अभी नहीं कहा जा सकता.

चादरें भी साफ सुथरी दी जाने लगी हैं और आने वाली सर्दियों के लिए नए कंबल खरीदे जा रहे हैं. कैदियों से उनके रिश्तेदारों को मिलने के नियम भी आसान कर दिए हैं. मंत्री जी भलीभांती जानते हैं कि उन्हें जेल में किन परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कैदियों से काम कराए जाने के मामले पर भी सख्ती कम हुई है. लखनऊ जेल के एक अधिकारी के मुताबिक कुछ तब्दीली जरूर आई है. जेल परिसर से दहशत का माहौल कम हुआ है. हालांकि वह इससे भी इनकार नहीं करते कि अक्सर सख्ती जरूरी होती है. "जेल प्रशासन का डर व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहली आवश्यकता है, और उसे हम मेंटेन करते हैं."

जेलों में दरबार

पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर बीजेपी विधायक कृष्ण नन्द राय की हत्या समेत दर्जन भर से ज्यादा गंभीर आरोप हैं और वह मऊ से विधायक निर्वाचित हुए हैं. इन दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र से 300 किलोमीटर दूर आगरा की जेल में हैं. इससे पहले जब वह अपने गृह जनपद गाजीपुर जेल में थे तो पूरा दिन उनसे मिलने जुलने वालों का तांता लगा रहता था और वह वहीं से 'दिशा निर्देश' जारी किया करते थे. इसी तरह वाराणसी जेल से अभय सिंह और इलाहाबाद जेल से अपना दल के नेता बाहुबली अतीक अहमद के फरमान जारी हुआ करते थे. इसी के मद्देनजर फिलहाल सपा विधायक विजय मिश्र को उनके गृह जनपद से करीब 450 किलोमीटर दूर मेरठ और अभय सिंह को हमीरपुर की जेलों में रखा गया है.

जेल में बदलावतस्वीर: S. Waheed

47 फीसदी विधायक अपराधिक छवि के

समाजिक संस्था इलेक्शन वॉच के मुताबिक यूपी विधानसभा के लिए निर्वाचित 403 विधायकों में से 189 विधायकों यानी 47 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि शामिल हैं. सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के 224 विधायकों में से 111 के खिलाफ आपराधिक पुलिस रिकॉर्ड मौजूद है. इसी तरह मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी के 80 निर्वाचित विधायकों में से 29 पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. बीजेपी के 47 विधायकों में से 35 पर इसी तरह के मुकदमें दर्ज हैं और कांग्रेस के 28 में 13 इसी तरह के मुकदमों में शामिल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ माफिया ने जेल में रहते हुए चुनाव जीता जिनमें से कुछ अभी भी जेल में हैं.

इलेक्शन वॉच के मुताबिक आपराधिक छवि के 189 विधायकों में से 98 पर गंभीर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं जिनमे हत्या, बलात्कार, फिरौती और अपहरण जैसे अपराध शामिल हैं. बीकापुर से निर्वाचित हुए मित्रसेन यादव पर सार्वाधिक 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं. सकलडीहा से चुने गए सुशील सिंह पर 20 और जसराना से निर्वाचित राम वीर सिंह पर 18 ऐसे मुकदमे चल रहे हैं. वर्तमान सरकार में 19 ऐसे मंत्री हैं जिन पर इस तरह के मुकदमे चल रहे हैं.

रिपोर्ट: एस. वहीद, लखनऊ

संपादन: आभा मोंढे

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