अभी ट्रिपल तलाक पर बहस थमी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा राज्य में सभी के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी शादियों के रजिस्ट्रेशन पर बात चली थी लेकिन प्रदेश में मुस्लिम समुदाय द्वारा आपत्ति जताने पर मामला आगे नहीं बढ़ सका. इस बार प्रक्रिया लागू होने की उम्मीद है. प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को इसके लिए नियमावली बनाने को अधिकृत किया गया है. नियमावली बन जाने पर इसे कैबिनेट से पास करा कर लागू किया जा सकता है.
इस बार शादी का रजिस्ट्रेशन सभी के लिए करवाने की मंशा जतायी गयी है और इसमें किसी समुदाय को कोई छूट नहीं मिलेगी. सबसे बड़ी बात ये शर्त होगी कि लोगों को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा, अगर शादी का पंजीकरण करवाया गया है.
अब तक आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इस पर ऐतराज रहा है. लेकिन अब उसके स्वर भी धीमे हो गए हैं. बोर्ड के कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के अनुसार शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के खिलाफ कभी भी बोर्ड नहीं रहा. लेकिन कुछ बिंदु हैं, जिन पर विचार होना चाहिए. जैसे मुस्लिम समुदाय में निकाह काजी द्वारा करवाया जाता है और एक दस्तावेज निकाहनामा के रूप में दिया जाता है, जिस पर गवाहों के दस्तखत होते हैं. उसकी एक कॉपी काजी के पास भी रहती है. बोर्ड के अनुसार इसी को रजिस्ट्रेशन मान लेना चाहिए. उसी प्रकार धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार किया गया विवाह सिर्फ रजिस्ट्रेशन न होने से कैसे अवैध हो जायेगा.
महली का कहना है कि इन बिन्दुओं पर सरकार को धर्मगुरूओं से भी विचार विमर्श करना चाहिए.
भारत की मशहूर हिंदू-मुस्लिम जोड़ियां
लव जिहाद जैसे जुमले भी भले ही सियासत में उछाले जाते हों, लेकिन अंतर धार्मिक शादियां धर्मों के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने का एक अच्छा तरीका है. चलिए डालते नजर कुछ ऐसी ही जोड़ियों पर.
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शाहरुख खान-गौरी खान
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान ने पंजाबी परिवार में जन्मी गौरी छिब्बर से 1991 में शादी की, जिसके बाद वह गौरी खान बन गईं. दोनों के तीन बच्चे हैं.
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ऋतिक रोशन-सुजैन खान
अभिनेता ऋतिक रोशन और सुजैन खान ने 2000 में शादी की. लेकिन 2014 में दोनों नो अलग होने का फैसला किया. सुजैन खान अभिनेता संजय खान की बेटी हैं. यहां उन्हें अभिनेत्री पूजा हेगड़े के साथ देखा जा सकता है.
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सलमान खान का परिवार
सलमान खान ने तो अब तक शादी नहीं की है. लेकिन उनके परिवार में कई शादियां ऐसी हैं जिनमें अलग अलग धर्म के लोग मिले. इसमें सलीम खान-सुशीला चरक, हेलेन, अलवीरा-अतुल अग्निहोत्री, अरबाज-मलाइका, सोहेल खान-सीमा सचदेव जैसी कई जोड़ियां शामिल हैं.
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सैफ अली खान-अमृता सिंह-करीना कपूर
अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह की शादी लगभग 13 साल चली. 2004 में वे अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने 2012 में करीना कपूर से शादी की.
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इमरान हाशमी-परवीन साहनी
बॉलीवुड में अपने किसिंग सीन के लिए मशहूर इमरान हाश्मी ने 2006 में परवीन साहनी से शादी की. यह तस्वीर "डर्टी पिक्चर" की प्रमोशन के वक्त है जिसमें वह अभिनेत्री विद्या बालन के साथ दिख रहे हैं.
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मुमताज-मयूर माधवानी
गुजरे जमाने की सबसे हिट अभिनेत्रियों में से एक मुमताज का संबंध एक मुस्लिम परिवार से रहा है. 1974 में उन्होंने कारोबारी मयूर माधवानी से शादी कर अपना घर बसाया.
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नरगिस दत्त-सुनील दत्त
नरगिस का नाम पहले फातिमा राशिद था. पर्दे पर तो उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ हिट थी लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने सुनील दत्त को अपना हमसफर बनाया.
हरफनमौला गायक और अभिनेता किशोर कुमार ने मशहूर अभिनेत्री मधुबाला से शादी की. मधुबाला का नाम पहले मुमताज जहान देहलवी था और उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिना जाता है. मुगले आजम में अनारकली के किरदार में उन्होंने बखूबी जान डाली.
साठ और सत्तर के दशक की ग्लैमरस अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी भारतीय क्रिकेट के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी को अपने जीवन साथी के रूप में चुना. पटौदी ने 70 साल की उम्र में 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
अपनी मुस्कान और शानदार अभिनय के लिए मशहूर वहीदा रहमान ने 1974 में अभिनेता शशि रेखी से शादी की जो बतौर अभिनेता कमलजीत के नाम से जाने जाते थे. लंबी बीमारी के बाद 2000 में उनके पति का निधन हो गया.
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उस्ताद अमजद अली खान- शुभालक्ष्मी
सरोद के सुरों से जादू करने वाले उस्ताद अमजद अली खान ने 1976 में भारतनाट्यम नृत्यांगना शुभलक्ष्मी बरुआ से शादी की. उनके दो बेटे अमान और अयान भी सरोद बजाते हैं.
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जरीना वहाब-आदित्य पंचोली
1980 के दशक की एक जानी मानी अभिनेत्री जरीना वहाब ने फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ विवाह रचाया. उनके बेटे सूरज पंचोली ने हीरो के साथ बॉलीवुड में कदम रखा.
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फराह खान-शिरीष कुंदर
कोरियोग्राफर से निर्देशन में उतरीं फराह खान ने 2004 में शिरीष कुंदर से शादी की. अपने बयानों से कई विवादों में रहे कुंदर की मुलाकात फराह से उनकी फिल्म मैं हूं ना पर काम करने के दौरान हुई.
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सुनील शेट्टी-माना शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी की पत्नी माना शेट्टी मुस्लिम पिता और हिंदू मां की संतान हैं. शादी से पहले उनका नाम माना कादरी था. 1991 में दोनों एक दूसरे के हो गए.
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मनोज बाजपेयी-शबाना रजा
सत्या, शूल, कौन, वीर-जारा, अलीगढ़ और राजनीति जैसी फिल्मों में अपने जौहर दिखाने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने 2006 में शबाना रजा से शादी की, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम नेहा रख लिया.
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सचिन पायलट-सारा पायलट
कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की पत्नी का नाम सारा पायलट हैं. सारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी हैं. दोनों के दो बेटे आरान और विहान हैं.
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उमर अब्दुल्ला-पायल नाथ
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 1994 में पायल नाथ से शादी की. लेकिन 2011 में वे अलग हो गए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa
मुख्तार अब्बास नकवी-सीमा नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी नेता और पार्टी का एक अहम मुस्लिम चेहरा हैं. उनकी पत्नी का नाम सीमा नकवी है, जिनका संबंध एक हिंदू परिवार से रहा है.
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जहीर खान-सागरिका घटके
मशहूर क्रिकेटर जहीर खान ने अभिनेत्री सागरिका घटके के साथ शादी की है. सागरिका घटके चक दे, रश और जी भर के जी ले जैसी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
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पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में भी इसी प्रकार की बात चली थी लेकिन मुस्लिम समुदाय की आपत्ति देखते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. इस बार ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिखती. विचार ये भी है कि विलम्ब से पंजीकरण करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाए. हालांकि पहले से विवाहित जोड़ों को इससे छूट दी जाने की उम्मीद है.
इसके बहुत से फायदे बताये जा रहे हैं. पहला फायदा यह गिनाया जा रहा है कि इससे बाल विवाह के मामले रुक जाएंगे. दूसरा यह कि इससे दूसरी शादी करने पर लगाम कस जाएगी. महिलाओं के उत्पीड़न पर भी रोक लगेगी क्योंकि सब कुछ लिखा पढ़ी में होगा. दोनों पक्षों की सहमति भी लिखित में होगी, इसीलिए जबरदस्ती विवाह नहीं हो सकेगा. तमाम विरासत के मामले पहले से पंजीकरण होने से आसानी से निपट जाएंगे. बहुत से विदेशी मुल्क शादी के रजिस्ट्रेशन का पेपर मांगते हैं. ऐसे में पहले से ही कई मुस्लिम विदेश जाने के लिए अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाते आये हैं. अगर उनका निकाहनामा उर्दू या अरबी में होता है, तो वे बाकायदा उसका ट्रांसलेशन करवा कर रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है.
इस समय प्रदेश में शादियों का रजिस्ट्रेशन स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत होता है. इसके लिए प्रत्येक जिले में एक मजिस्ट्रेट को अधिकृत कर दिया जाता है. इस प्रकार के रजिस्ट्रेशन में धर्म का कोई बंधन नहीं होता है. लेकिन आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल तभी करते हैं, जब उनको कहीं सर्टिफिकेट देने की जरूरत होती है. हालांकि अभी तय नहीं है कि अनिवार्य होने की दशा में रजिस्ट्रेशन करने के लिए क्या अलग से मैरिज मजिस्ट्रेट तैनात किये जाएंगे. इसके लिए शादी के बाद कुछ समय देने पर विचार चल रहा है.
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी 121 करोड़ है. अगर हम सिर्फ हिंदू और मुसलमानों की संख्या पर गौर करें, तो आबादी में ऐसे 25 करोड़ से अधिक हिंदू पुरुष और 19 करोड़ से अधिक हिंदू महिलाएं हैं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की. मुसलमानों में ये संख्या 5 करोड़ पुरुष और 4 करोड़ से अधिक महिलाओं की है. हिंदूओं में 23 करोड़ से अधिक पुरुष और लगभग इतनी ही महिलाएं शादीशुदा हैं. वहीं मुसलमानों में चार करोड़ से कम पुरुष और महिलाएं शादीशुदा हैं. पौने चार लाख हिंदू पुरुष और 6 लाख महिलाएं तलाकशुदा के रूप में दर्ज हैं. वहीं मुसलमानों में ये संख्या 57,000 पुरुष और 21,000 महिलाओं की है.
ट्रिपल तलाक को नकारने वाले मुस्लिम देश
दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम देश हैं जहां पत्नी से एक ही बार में तीन बार तलाक कहकर शादी नहीं तोड़ी जा सकती. एक नजर ऐसे ट्रिपल तलाक को नकारने वाले देशों पर.
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1. मिस्र
तीन बार तलाक कहना, तलाक की शुरुआती प्रक्रिया है. इसे सिर्फ एक गिना जाएगा. इसके बाद 90 दिन का इंतजार करना होगा.
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2. ट्यूनीशिया
जज से मशविरा किये बिना पति पत्नी को तलाक नहीं दे सकता. जज को तलाक का कारण समझाना होगा. तलाक की पूरी प्रक्रिया अदालत के सामने होगी. कोर्ट अगर तालमेल बैठाने का निर्देश दे तो वह अनिवार्य होगा.
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3. पाकिस्तान
पति को सरकारी संस्था को तलाक की इच्छा के बारे में जानकारी देनी होगी. नोटिस के बाद काउंसिल तालमेल बैठाने के लिए 30 दिन का समय देगी. तालमेल फेल होने और नोटिस के 90 दिन बाद तलाक वैध होगा.
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4. इराक
तीन तलाक कहने को एक ही चरण गिना जाएगा. पत्नी भी तलाक की मांग कर सकती है. आगे की कार्रवाई कोर्ट करेगा. कोर्ट के फैसले के बाद ही तलाक होगा.
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6. ईरान
तलाक आपसी सहमति से होना चाहिए. तलाक लेने वालों को काउसंलर के पास जाना ही होगा. तलाक से पहले मेल मिलाप की कोशिश जरूर की जानी चाहिए.
तस्वीर: picture alliance/dpa/A. Taherkenareh
7. बाकी कौन
तुर्की, साइप्रस, बांग्लादेश, अल्जीरिया और मलेशिया ने ट्यूनीशिया और मिस्र के नियमों को आधार बनाया है. वहां भी सिर्फ तीन तलाक कहकर शादी खत्म नहीं की जा सकती.