यूरोपीय कृषि सब्सिडी में भारी कटौती पर सहमति
२० नवम्बर २००८यूरोपीय संघ के कृषि मंत्रियों ने फैसला लिया है कि वह कृषि व्यवस्था में सुधार लाएंगे. इसके तहत किसानों के लिए सब्सिडी कम की जाएगी और दूध बाज़ार को और उदार बनाया जाएगा. ये बदलाव 2009 से 2013 तक लाए जाएंगे. यूरोपीय संघ अब उत्पादन के बजाय संरक्षण में सब्सिडी देगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय यूरोपीय संघ द्वारा अपने किसानों को दी गई सब्सिडी के कारण विकासशील देशों के किसानों को नुकसान हो रहा है क्योंकि यूरोपीय किसानों को दामों की गारंटी दी जाती है.
2012 तक यूरोप के किसानों को मिलने वाली सीधी सहायता में पांच प्रतिशत की कटौती होगी. बड़े किसानों को अतिरिक्त कटौती का सामना करना होगा.जर्मन कृषि मंत्री इलज़े आइगनर ने स्वीकार किया है कि समझौते के कारण जर्मनी के किसानों को प्रति वर्ष 14 करोड़ यूरो का नुकसान होगा. उन्होंने कहा है कि यदि यूरोपीय आयोग की बात मान ली गई होती तो साढ़े 42 करोड़ का नुकसान होता. इसके अलावा दूध उत्पादन की सीमा को 2009 से 2013 तक हर वर्ष एक प्रतिशत बढ़ाया जाएगा.
यूरोपीय संघ में कृषि मामलों की अध्यक्ष मारियान फिशर ब्योल ने कहा कि पुराने सदस्य देशों के लिए संभावनाओं में बेहतरी हुई है. इन सुधारों से किसान आने वाली चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं मसलन पर्यावरण बदलाव या फिर बाज़ारों का उदारीकरण.
यूरोपीय कृषि योजना (कैप) के पास 53 अरब यूरो का बजट है यानी यूरोपीय संघ के कुल बजट का 40 प्रतिशत. संघ की सब्सिडी नीतियों की वजह से उत्पादन में इतनी बढ़ोतरी हुई कि इसे मज़ाक से मक्खन और अनाज के पहाड़ों और वाइन की झीलों का उत्पादन कहा जाने लगा.