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यूरोपीय संघ की रूस से बातचीत टालने की चेतावनी

२ सितम्बर २००८

जॉर्जिया विवाद के बाद यूरोपीय संघ ने तय किया है कि रूस अगर सेनाएं पीछे नहीं करता है, तो उसके साथ साझीदारी समझौते पर होने वाली बातचीत टाल दी जाएगी. रूस ने कहा है कि इस फ़ैसले से संघ ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है.

यूरोपीय संघ की बैठकतस्वीर: AP
संघ और रूस में तनावतस्वीर: DW-Montage/Bilderbox.de

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में मुलाक़ात के पहले ही 27 देशों के यूरोपीय संघ में मतभेद थे. ब्रिटेन सहित कुछ देश रूस पर पाबंदी की बात कर रहे थे लेकिन जर्मनी फ्रांस इसके ख़िलाफ़ थे. लिहाज़ा बैठक में इस महीने रूस के साथ होने वाली बातचीत टाल देने की चेतावनी भर दी गई. साथ ही दक्षिण ओसेतिया और अबख़ाज़िया की आज़ादी को मान्यता देने पर रूस की निंदा हुई. यूरोप का पच्चीस फ़ीसदी गैस रूस से सप्लाई होता है और ऐसे में उसके ख़िलाफ़ सख़्ती यूरोपीय संघ के लिए जोखिम भरा काम होगा. जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिख़ाइल सकाशविली संघ के फ़ैसले से ख़ुश हैं.

मैं समझता हूं कि यूरोपीय संघ के देशों में बहुत एकता है और उन्होंने एक शक्तिशाली संदेश दिया है. मुझे लगता है कि वे मेरे देश के पुनर्निमाण में मदद करेंगे और मुझे लगता है कि हमारे साझा प्रयास से हम रूस को अंतरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करने के लिए बाध्य कर सकेंगे. - मिख़ाइल सकाशविली

लक्ज़मबर्ग के प्रधानमंत्री यान क्लाउडे यूनकर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन (दाएं)तस्वीर: AP

बैठक के बाद रूस ने कहा है कि बातचीत टालने के फ़ैसले से ख़ुद संघ की साख को धक्का लगा है. यूरोपीय संघ में रूस के दूत व्लादीमीर शिज़होव ने कहा कि संगठन ने ख़ुद को ही सज़ा दे दिया है. रूस ने मुताबिक़ प्रस्तावित बातचीत की ज़्यादा ज़रूरत संघ को ही है.

रूस का कहना है कि उसकी सेना दक्षिण ओसेतिया में अपने नागरिकों की रक्षा के लिए तैनात की गई. हालांकि जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने बताया कि एक दिन पहले यूरोपीय संघ के अध्यक्ष निकोला सारकोज़ी और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव में बातचीत हुई, जिसमें रूस सेना पीछे करने पर राज़ी था.

यूरोपीय संघ चाहता है कि रूसी सेना सात अगस्त की पोज़ीशन पर वापस चली जाए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रूस और जॉर्जिया जाएंगे, उन्होंने कहा कि जहां वह बेहद महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे. इसके बाद ही तय हो पाएगा कि यूरोपीय संघ और रूस में साझीदारी समझौते पर होने वाली बातचीत हो पाएगी या नहीं.

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