यूरोप आने की कोशिश में सीरियाई
३ सितम्बर २०१३सर्बियाई सीमा पुलिस के ओलिवर इवानोविच कहते हैं, "मुझे लगता है कि आज हमें कुछ जरूर मिलेगा." उस रात 34 लोगों को गैरकानूनी ढंग से सर्बिया की सीमा में घुसते हुए पकड़ा गया. इनमें से एक सीरिया का मुहम्मद बक्र है.
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 25 साल के छात्र बक्र का कहना है कि लगातार रॉकेट हमलों के बाद वह अपने अलेपो के घर को छोड़ कर भाग गए. उनके साथ छोटे बच्चों सहित 11 रिश्तेदार भी हैं. वे किसी तरह यूरोप के उन देशों (शेंगेन क्षेत्र) तक पहुंचना चाहते हैं, जिनके बीच सीमा पार करने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती. अब तक बक्र को छह महीने का वक्त लगा और इस दौरान वह मानव तस्करों के हाथों भी लगे और भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को रिश्वत भी देनी पड़ी.
कोई उपाय नहीं बचा
सर्बियाई सैनिकों और बक्र दोनों तरफ से टूटी फूटी अंग्रेजी में सवाल जवाब हो रहे हैं. बक्र का कहना है, "मेरे पास और कोई उपाय नहीं था. हम कहीं और नहीं जा सकते हैं." पिछले साल चार गुना ज्यादा सीरियाई लोगों ने ग्रीस के रास्ते पश्चिमी बाल्कन क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश की. वे ग्रीस तक पहुंचने के बाद भी नहीं रुकना चाहते क्योंकि इस वक्त ग्रीस बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. गैरकानूनी प्रवासी सर्बिया, बुल्गारिया या मैसेडोनिया के रास्ते हंगरी तक पहुंच जाना चाहते हैं, जो शेंगन में आता है और जहां पहुंचने के बाद दो दर्जन से ज्यादा समृद्ध यूरोपीय देशों में जाया जा सकता है या वहां राजनीतिक शरण ली जा सकती है.
तुर्की की पश्चिमी सीमा पर बसे यूरोपीय संघ के सबसे गरीब देश बुल्गारिया में इस साल अब तक 855 सीरियाई मूल के लोगों ने राजनीतिक शरण मांगी है, जो संख्या पिछले साल कुल 449 और उससे पहले 2011 में सिर्फ 85 थी. रोमानिया में भी इस साल 640 लोगों ने शरण मांगी है, पिछले साल के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा.
अनचाहे मेहमानों का क्या करें
बुल्गारिया के गृह मंत्रालय के महासचिव स्वेतलोजार लाजारोव का कहना है, "हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. सीमा पर जवानों को तैनात किया गया है और हमने हवाई निरीक्षण भी बढ़ाया है." पिछले हफ्ते तुर्की सीमा से बुल्गारिया में घुसने की कोशिश कर रहे 52 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 39 सीरिया के थे. पुलिस का कहना है कि इसके बाद 106 लोगों को पकड़ा गया, जिनमें 79 सीरियाई थे.
बुल्गारिया का रिफ्यूजी केंद्र भरा पड़ा है. तीन केंद्रों के भर जाने के बाद कई सीरियाई नागरिकों को ऐसी जगह रखा गया है, जहां से वे निकल नहीं सकते हैं. सरकार ने इस हफ्ते लंबा चौड़ा बजट इन जगहों के लिए दिया है, ताकि ज्यादा लोगों को रखने की क्षमता तैयार की जा सके. बुल्गारिया में संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी हाई कमीशन के प्रवक्ता बोरिस चेशिरकोव का कहना है, "इन केंद्रों में शरणार्थी जेल जैसे हालात में रह रहे हैं. लेकिन कम से कम उन्हें तीन वक्त का खाना मिल रहा है."
भागे तो भी कैद में
तुर्की से कोई 30 किलोमीटर दूर बुल्गारियाई सीमा के लुबीमेट्स शहर में जब कुछ पत्रकार पहुंचे, तो कंटीली तारों के पीछे जमा युवा चिल्लाने लगे, "आजादी" और "हमें बचाओ." इस जगह पर 270 लोग हैं, जिनमें से 143 सीरिया के हैं. कुछ कमरों में तो आठ परिवारों के लोग साथ रह रहे हैं. मनोविज्ञानी इसकारा काशेवा का कहना है, "यह जगह बच्चों के लिए नहीं है. इससे उनका मानसिक विकास धीमा हो जाएगा." वह कहती हैं, "यह बात कोई राज नहीं रही कि शरणार्थी शिविर 120 फीसदी भरे हुए हैं, वहां कोई जगह नहीं है."
सीरिया की लड़ाई में एक लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. लाखों लोगों को उनके घर से खदेड़ दिया गया है और लगभग 20 लाख लोगों ने तुर्की, लेबनान, जॉर्डन और इराक जैसे देशों की सीमा पर शरण ली है. मानव तस्कर ऐसे लोगों को सीमा पार कराने के नाम पर उनसे कुछ हजार रुपयों से लेकर दो ढाई लाख रुपये तक की मांग करते हैं. 24 साल की जानदा हुसैन कहती हैं, "हमने हर वयस्क के लिए 500 यूरो (करीब 40,000 रुपये) और बच्चों के लिए 250 यूरो (करीब 20,000 रुपये) दिए हैं." उनका कहना है कि वह अपने पति और दो बच्चों के साथ राजधानी दमिश्क से भागी हैं, "हम पैदल ही भाग गए. तुर्की में हमें कोई काम नहीं मिला और हमारे सारे पैसे खत्म हो गए."
राजनीतिक शरण की मांग
कई लोग सर्बिया में पहुंच कर राजनीतिक शरण मांग रहे हैं. बक्र जैसे लोगों का कहना है कि मैसेडोनिया में पुलिस ने उन पर काफी हाथ साफ किया है. वे कहते हैं कि माफियाओं ने उनका माल भी छीन लिया. सीरिया के पूर्वी शहर दार अल-जोर के अबु उमर का कहना है कि ग्रीस की पुलिस ने उनसे पैसे छीन लिए, दो महीने तक जेल में डाल दिया और बाद में उन्हें देश से निकाल दिया. उनका कहना है कि फिर वे मैसेडोनिया पहुंचे, जहां पुलिसवालों ने उनकी खूब पिटाई की.
सर्बिया पहुंचने के बाद जिन लोगों को पकड़ा गया, उन्हें पास के बस स्टैंड पर पहुंचा कर कागजात पूरे करने को कहा गया और फिर 72 घंटे के भीतर निकट के शरणार्थी शिविर में पहुंचने को. लेकिन कई लोगों ने अपनी किस्मत आजमाने के लिए यूरोपीय संघ के पड़ोसी देशों क्रोएशिया या हंगरी में जाने की कोशिश की. मैसेडोनिया के साथ सर्बिया की सीमा 113 किलोमीटर की है, जिसकी निगरानी रखने के लिए इवानोविच जैसे 30 अफसर तैनात रहते हैं. इस सीमा पर ड्रग तस्करी के मामले भी सामने आते हैं.
गृह युद्ध की मार
सीरिया में 2011 में शुरू हुए गृह युद्ध के पहले बक्र आराम से अपनी पढ़ाई कर रहे थे. उनका कहना है कि भागने के बाद उन्होंने कई बार तुर्की से मैसेडोनिया पहुंचने की कोशिश की और हर बार पकड़े गए. वह कहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियां उनसे बार बार कहती थीं कि वह जिस रास्ते आए हैं, उसी रास्ते लौट जाएं.
उनका कहना है कि सफर तो तब तक नहीं रुकेगा, जब तक वह हंगरी नहीं पहुंचते, जो शेंगन का हिस्सा है और जिसके बाद कई देशों में जाने का रास्ता खुल जाएगा. बक्र का कहना है कि उनकी आखिरी मंजिल जर्मनी है, "मैंने 15 दिन तक मैसेडोनिया की सीमा पार करने की कोशिश की. सर्बिया में भी ऐसा ही करूंगा, जब तक कामयाब न हो जाऊं."
एजेए/एमजे (रॉयटर्स)