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यूरोप और अमेरिका के बच्चों में लीवर की रहस्यमय बीमारी

२१ अप्रैल २०२२

अमेरिकी और यूरोपीय देशों में लीवर की एक रहस्यमय बीमारी बच्चों में फैल रही है. सबसे पहले ब्रिटेन में सामने आई बीमारी के लक्षण कई देशों के बच्चों में दिख रहे हैं. कुछ बच्चों के लीवर ट्रांसप्लांट कराने तक की नौबत आई है.

अधिकारियों का कहना है कि बच्चों में इस बीमारी के स्रोत का पता नहीं चल रहा है
अधिकारियों का कहना है कि बच्चों में इस बीमारी के स्रोत का पता नहीं चल रहा हैतस्वीर: Jens Kalaene/picture alliance/dpa

विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा कि वह हेपेटाइटिस के 84 मामलों पर नजर रख रही थी जो ब्रिटेन में 5 अप्रैल के बाद सामने आए हैं. एजेंसी का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे मामले और बढ़ने की आशंका है.

हिपेटाइटिस के ऐसे मामले अब डेनमार्क, आयरलैंड, नीदरलैंड्स और स्पेन में भी सामने आए हैं. मंगलवार को यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल, ईसीडीसी ने यह जानकारी दी. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक आयरलैंड में पांच से कम जबकि स्पेन में तीन मामलों की पुष्टि हुई है. इन सब बच्चों की उम्र 22 महीने से लेकर 13 साल के बीच है. इतना ही नहीं अमेरिका के एलाबामा में भी इसी तरह के 9 संदिग्ध मामले 1 से 6 साल की उम्र के बच्चों में दर्ज हुए हैं.

ईसीडीसी का कहना है, "मामले दर्ज कराने वाले सभी देशों में जांच की जा रही है. फिलहाल इन बच्चों में इस हिपेटाइटिस के कारण का पता नहीं चला है."

हिपेटाइटिस बी वायरस की माइक्रोस्कोप से ली गई तस्वीरतस्वीर: Dr. Erskine Palmer/CDC via AP/picture alliance

लीवर ट्रांसप्लांट की नौबत

ज्यादातर मामलों में बच्चों को बुखार नहीं हो रहा है. हालांकि ब्रिटेन के कुछ बच्चों की तबियत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल के लीवर यूनिट में भर्ती कराना पड़ा और छह बच्चों के लीवर ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ गई. डब्ल्यूएचओ और ईसीडीसी दोनों ने इसकी पुष्टि की है.

बीमारी की संक्रमण मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों में हो रहा है. संक्रमण के बाद बच्चों में डायरिया, जॉन्डिस, उल्टी और पेटदर्द जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

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हिपेटाइटिस के ए से लेकर ई तक के ज्ञात वायरस इन बच्चों में नहीं मिले हैं. ऐसे में ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने किसी कॉमन वायरस और कोविड-19 या पर्यावरण से जुड़े कारणों की खोज शुरू की है. फिलहाल जांच अधिकारी संक्रमण की आशंका तो जता रहे हैं लेकिन स्रोत या वायरस का पता नहीं चला है. इनमें से कुछ बच्चे कोविड-19 से संक्रमित थे लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना वायरस से इस बीमारी के लिंक का पता लगाने के लिए जांच में थोड़ा वक्त लगेगा.

अडीनोवायरस पर घूम रही है शक की सूईतस्वीर: ESTIOT/BSIP/picture alliance

अडीनोवायरस पर संदेह

डॉक्टर और रिसर्चर अडीनोवायरस के बारे में संदेह जता रहे हैं. दुनिया में दर्जनों अडीनोवायरसों का पता चल चुका है. उनमें से कई ऐसे हैं जिनसे संक्रमित होने पर सर्दी, बुखार, गले में दर्द और आंखों के लाल होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जिन 9 बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखे हैं उन्हें अडीनोवायरस से संक्रमित पाया गया है. अधिकारी अडीनोवायरस के एक खास संस्करण से इनका लिंक जोड़ने की कोशिश में हैं जिसे एडीनोवायरस-41 कहा जाता है.

ईसीडीसी का कहना है, "कोविड-19 के वैक्सीन से इसका कोई लिंक नहीं मिला है. भोजन, पेय या निजी आदतों के बारे में पूछे सवालों से भी कोई ऐसी चीज नहीं मिली जो सारे मामलों पर लागू होती हो."

जानलेवा हिपेटाइटिस

फ्रांस में 10 साल से कम उम्र के दो बच्चों में हिपेटाइटिस के मामले लियॉन यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल में दर्ज हुए हैं, हालांकि उनके कारणों की अभी जांच की जा रही है. वायरस के संक्रमण के कारण बच्चों में हल्के हिपेटाइटिस के लक्षण बहुत आम हैं, लेकिन इस बार किसी वायरस के अब तक सामने नहीं आने के कारण चिंता बढ़ रही है.

पोषक तत्वों को प्रॉसेस करने के अलावा लीवर शरीर में खून को छानने और संक्रमण से लड़ने का काम करता है. हिपेटाइटिस का अगर इलाज ना किया जाए तो इससे जान भी जा सकती है.

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ब्रिटेन में अडीनोवायरस के मामले बढ़े हैं लेकिन इन वायरसों के कारण हेपेटाइटिस हो रहा हो यह अभी नहीं कहा जा सकता. संगठन ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी.

एनआर/आरपी (एपी, एएफपी)

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