ऑस्ट्रिया में गैस पाइपलाइन सेंटर में जोरदार धमाका हुआ है. सेंटर में रूस और नॉर्वे समेत कई देशों से प्राकृतिक गैस आती है.
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ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना के बाहर बाउमगार्टन इलाके में गैस पाइपलाइन के बड़े सेंटर में धमाका हुआ. पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह पौने नौ बजे पाइपलाइन हब में धमाका हुआ. धमाके के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई और 18 लोग जख्मी हो गए. हादसे के वक्त वहां करीब 50 लोग काम कर रहे थे.
पाइपलाइन स्लोवाकिया की सीमा के पास है. धमाका जिस जगह पर हुआ, वहां रूस, नॉर्वे और अन्य देशों की प्राकृतिक गैस आती है. पाइपलाइन हब में गैस को कंप्रेस किया जाता है और अलग अलग पाइपलाइनों के जरिये आगे सप्लाई किया जाता है.
गैस पाइपलाइन ऑपरेट करने वाली कंपनी गैस कनेक्ट के मुताबिक धमाके के बाद सप्लाई बंद कर दी गई. तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका. आग बुझाने के लिए दर्जनों दमकल कर्मियों और हेलिकॉप्टरों का सहारा लिया गया.
(बहुत कम लोग बचते हैं इन मशीनों के हादसों में)
सबसे जानलेवा हैं इन मशीनों के हादसे
कुछ मशीनें अगर हादसे का शिकार हो जाएं तो मौत करीब करीब तय होती है. एक नजर इन मशीनों पर.
तस्वीर: Reuters/Handout: Armada Argentina
पनडुब्बी
समंदर में सैकड़ों या हजारों मीटर नीचे चुपचाप चलने वाली पनडुब्बी सबसे ज्यादा जोखिम भरी मशीनें हैं. पानी के भीतर अगर पनडुब्बी में बड़ी तकनीकी खामी आई या टारपीडो से हमला हुआ तो बचने की संभावना ना के बराबर होती है.
तस्वीर: Reuters/Handout: Armada Argentina
बैटल टैंक
विरोधी सेना के बंकर नेस्तानाबूद करने वाले टैंक, हवाई हमले के सामने निढाल से होते जाते हैं. फाइटर जेट का हमला टैंकों को कब्रगाह में बदल देता है. आम तौर पर भीतर बैठे सैनिकों के पास बचने का कोई मौका नहीं होता.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Al-Obeidi
हवाई जहाज
हवाई जहाज आम तौर पर परिवहन का सबसे सुरक्षित जरिया हैं. लेकिन टेक ऑफ के दौरान या हजारों फुट की ऊंचाई पर कोई हादसा हो जाए तो मौत लगभग तय होती है.
तस्वीर: picture-alliance/Anadolu Agency/Alaa El Kassas
टावर क्रैन
सैकड़ों फुट की ऊंचाई तक जाने वाली टावर क्रैनें आज जगह जगह दिखती हैं. इन्हीं की मदद से गगनचुंबी इमारतें बनायी जाती हैं. लेकिन टावर क्रैन अगर असंतुलित हो जाए तो सैकड़ों फुट ऊपर बैठे ऑपरेटर के पास जान बचाने का कोई मौका नहीं होता है.
तस्वीर: Reuters/C. Barria
गैस प्लांट
ज्वलनशील या विषैली गैसों वाले प्लांट के हादसे भी जानलेवा होता है. ज्वलनशील गैसें जहां विस्फोट के साथ आग का गोला बनाती हैं, वहीं जहरीली गैसें आस पास मौजूद लोगों के तंत्रिका तंत्र पर हमला करती हैं.