स्पेन, इटली और ब्रिटेन में हाल के दिनों में कोरोना से सबसे कम मौतें दर्ज की गई हैं. ऐसे में यूरोप के कई देशों में लगी पाबंदियों में सोमवार से ढील दी जा रही है.
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यूरोप में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल रहे इटली में संग्रहालयों और चर्चों को दोबारा खोलने की अनुमति दे दी गई है. रेस्तरां और बार भी खोले जा रहे हैं. हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन पर जोर रहेगा.
डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में मिडिल स्कूल खुलने के बाद छात्र पहली बार अपनी कक्षा में पहुंचे हैं. वहां भी कैफे और बार भी खुल रहे हैं. फ्रांस और बेल्जियम में भी कुछ इलाकों में स्कूल खोलने का फैसला किया गया है.
कोविड-19 से दुनिया भर में 47 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और अब तक 3.14 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस से मारे गए हैं. लेकिन यूरोप में अब धीरे धीरे स्थिति बेहतर हो रही है. स्पेन में दो महीनों में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक दिन में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 100 से कम रहा है. यूरोप में अब तक 18 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि मरने वालों की संख्या 1.66 लाख से ज्यादा है.
यह तो तय है कि हवाई जहाज से यात्रा कोरोना संकट के पहले के दिनों से काफी अलग होने और दिखने वाली है. देखिए एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लेकर सीटों का डिजाइन कैसे बदलने वाला है.
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बजट एयरलाइंस
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाली बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं. ये पूरी तरह भर के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरा विमान लेकर हवा में उड़ जाती थीं.
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जमीन पर ज्यादा वक्त
जब से भी ऐसे कमर्शियल प्लेन उड़ना शुरु करेंगे, उन्हें एक उड़ान से दूसरे के बीच काफी देर तक जमीन पर रहना होगा. उड़ानों के बीच इस लंबे ‘ब्रेक’ के दौरान विमान की अच्छी तरह सफाई और उसे सैनिटाइज करना (जैसे तस्वीर में अस्पताल को किया जा रहा है) अनिवार्य होगा. हालांकि कोविड संकट के दौरान किसी विमान में वायरस संक्रमण होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.
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धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी. इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लगेगा.
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विमान की हवा गंदी?
एविएशन इंडस्ट्री के अनुसार, केबिन की हवा उतनी ही साफ होती है जितनी किसी ऑपरेशन थिएटर की. वहां हाई परफॉर्मेंस फिल्टर लगे होते हैं जो हवा के कणों को साफ करते रहते हैं. इसके अलावा केबिन की हवा का प्रवाह नीचे की ओर होने से भी सफाई में मदद मिलती है.
यह साबित नहीं हुआ है कि बीच वाली कतार की सीटें खाली छोड़ने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. फिर भी यूरोविंग्स चलाने वाला लुफ्थांजा समूह फिलहाल इन्हें बुक करने का विकल्प नहीं दे रहा. एक और बजट एयरलाइन ‘इजीजेट’ भी शुरु में यात्रियों से उनके बगल वाली सीट खाली रखने का वादा कर रही है.
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इम्युनिटी पासपोर्ट की जरूरत
एविएशन कंसलटेंसी ‘सिंप्लिफाइंग’ का मानना है कि सुरक्षा जांच के अलावा भविष्य में यात्रियों को सैनिटाइज करने का एक चरण भी जोड़ा जा सकता है. अपनी हाल की रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि चेक-इन से पहले यात्रियों से उनका इम्युनिटी पासपोर्ट अपलोड करने के लिए कहा जा सकता है.
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एयरपोर्ट पर लंबा समय
यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान से कम से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ सकता है. चेक इन एरिया में पहुंचने से पहले भी लोगों को एक डिसइंफेक्टेंट टनेल और थर्मल स्कैनर से गुजरना पड़ सकता है. इस बारे में एक नवगठित ट्रांसपोर्ट हेल्थ एथॉरिटी विश्व भर के एयरपोर्टों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नए मानक तय करने में लगी है.
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बैगेज की भी चिंता
ऐसा मुमकिन है कि यात्रियों के अलावा उनके चेक-इन और केबिन वाले बैग को भी अल्ट्रावायलेट किरणों से डिसइंफेक्ट किया जाएगा. लैंड करने के बाद एक बार फिर यात्रियों को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा, इम्युनिटी पासपोर्ट फिर से वैरिफाई होगा और बैग्स को कन्वेयर बेल्ट पर रखने से पहले एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाएगा.
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विमान में भी मास्क
जर्मन एयरलाइन लॉबी बीडीएल ने अपने कॉन्सेप्ट पेपर में सलाह दी है कि विमान में सभी के लिए नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क पहनना अनिवार्य किया जा सकता है. लुफ्थांजा ने भी इसे जरूरी कर दिया है. कनाडा और अमेरिका की जेटब्लू जैसी एयरलाइन ने इसे अनिवार्य कर भी दिया है.
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नई तरह की सीटें
विमान की सीटें बनाने वाले नए नए विकल्प पेश कर रहे हैं. इटली की ‘एविओइंटीरियर्स’ का “ग्लाससेफ" डिजायन ऐसा होगा जिसमें कंधों से लेकर सिर के हिस्से में प्लेक्सिग्लास हुड बने हों. इससे आसपास बैठे लोगों को एक दूसरे से उड़ान के दौरान भी अलग रखा जा सकेगा.
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कार्गो वाले केबिन का डिजायन
एशियाई कंपनी हायको का प्रस्ताव है कि केबिन में ही सीटों की एक कतार की जगह कार्गो का बक्सा लगाया जाए. अब तक किसी एयरलाइन ने ऐसी केबिन वाली सीटें ऑर्डर नहीं की हैं. इस समय यात्री सीटों से अधिक कार्गो की मांग देखने को मिल रही है.
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केबिन क्रू के साथ अलग अनुभव
क्रू प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे, यात्री भी दस्ताने और मास्क पहनेंगे और क्रू हर आधे घंटे पर हैंड सैनिटाइजर बांटेगा. बिजनेस और फर्स्ट क्लास में पैकेज्ड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे. फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टॉयलेट की सफाई का ख्याल रखेगा. कुल मिला कर हवाई यात्रा का अनुभव काफी बदलने वाला है. (रिपोर्ट: आंद्रेयास श्पेथ/आरपी)
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इस वक्त सबसे ज्यादा मामले रूस (2.81 लाख), ब्रिटेन (2.43 लाख) और स्पेन (2.30 लाख) में दर्ज किए गए हैं. संक्रमण के 2.25 लाख मामलों के साथ इटली चौथे और 1.76 लाख मामलों के साथ जर्मनी पांचवें स्थान पर है. यूरोप के भारी संक्रमण के बावजूद सबसे कम मौतें रूस में दर्ज की गई हैं. यहां अब तक 2,631 लोग इस वायरस के शिकार बने हैं. इसके बाद जर्मनी की बारी आती है जहां 7,975 लोग मरे. दूसरी तरफ 34,636 मौतों के साथ इस मामले में ब्रिटेन यूरोप में सबसे ऊपर है. इसके अलावा इटली में 31,908, फ्रांस में 28,111और स्पेन में 27 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. सारे आंकड़े जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के हैं.
इस बीच, पाबंदियों में ढील के बीच स्पेन में फुटबॉल लीग ला लीगा अपने ट्रेनिंग सेशन शुरू कर रही है. इस दौरान खिलाड़ी 10-10 के समूह में अभ्यास करेंगे. शनिवार को सरकार ने फैसला किया कि खेल टीमें अपने इलाकों में लॉकडाउन की पाबंदियों के बावजूद अपनी गतिविधियों को बहाल कर सकती हैं.
रेस्तरां तो खुले लेकिन भारी पड़ रही है सोशल डिस्टेंसिंग
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ला लीगा के अध्यक्ष खावियर टेबास ने कहा, "यह जरूरी है कि सभी टीमें एक ही स्तर पर ट्रेनिंग करें और हम बहुत शुक्रगुजार हैं कि अब ऐसा हो रहा है." स्पेन में 12 मार्च से और इटली में 9 मार्च से कोई मैच नहीं हुआ है. वहीं जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा ऐसी पहली बड़ी यूरोपीय लीग बनी जिसने सबसे पहले यानी बीते सप्ताहांत को अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कीं.
स्पेन की राजधानी मैड्रिड और बार्सिलोना में 400 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाली दुकानों को खोलने की इजाजत मिल गई है, हालांकि वहां जाने से पहले ग्राहकों को अपॉइंटमेंट लेना होगा. जर्मनी में भी कुछ और राज्य पाबंदियों में ढील दे रहे हैं. बार, रेस्तरां और होटल खुल रहे हैं. रेस्तरां और बार में लोगों को एक दूसरे से डेढ़ मीटर की दूरी पर बैठना होगा और वहां काम करने वाले ज्यादातर लोगों को मास्क पहनना होगा. हालांकि होटल और रेस्तराओं से जुड़े संघ ने इस सेक्टर के लिए अलग अलग राज्यों में अलग अलग नियम होने की आलोचना की है. मिसाल के तौर पर बर्लिन में वीकेंड पर बार बंद रहेंगे जबकि पड़ोसी राज्य ब्रांडेनबुर्ग में उन्हें खोले रखने की अनुमति होगी.
पुर्तगाल, बेल्जियम, पोलैंड और ग्रीस में भी पाबंदियों में ढील दी जा रही है.
लॉकडाउन से बाहर आने के पहले धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं. पड़ोस की दुकानें भी खुल रही हैं. लेकिन शॉपिंग के लिए जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकि वायरस से बचा जा सके.
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जरूरी सावधानी
कोरोनावायरस संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और ना ही उसके लिए टीका या दवा बन पाई है. ऐसे में अब भी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताए गए दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए. भले ही हम लॉकडाउन में रह रहे हों लेकिन दिन बीतने के साथ वायरस कमजोर पड़ा है या नहीं यह कहना मुश्किल है इसलिए सावधानी जरूरी है.
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दुकान में रखा सामान सुरक्षित?
छोटे स्टोर और दुकानें खुल रही हैं और वहां सामान भी रखा है. ऐसे में सवाल उठता है कि स्टोर में रखा पैकेज्ड सामान सुरक्षित है? अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक कोरोना वायरस का अस्तित्व सतह पर खत्म हो जाता है. कोरोना का वायरस आपके शरीर में तभी पहुंच सकता है जब यह आपके आंख, नाक या मुंह में पहुंचे. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण की प्रमुख वजह खांसना या छींकना ही है.
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शॉपिंग कैसे करें?
कोरोना काल में घर की शॉपिंग भी एक चुनौती है. आप मॉल या बाजार नहीं जा सकते हैं और पड़ोस की दुकानों से ही सामान खरीदना पड़ता है. ऐसे में वहां स्थानीय लोगों की भीड़ भी होती है. इन सब चीजों से बचने के लिए आपको अपनी जरूरतों के हिसाब से लिस्ट बना लेनी चाहिए. हो सके तो पहले से फोन कर दुकानदार को ऑर्डर कर दें. अगर मुमकिन हो तो दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले शॉपिंग बैग को अच्छे से धो लें.
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सामान बाहर छोड़ दें?
राशन के उन सामानों को अलग से रख देना चाहिए जिन्हें फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि पैकेट पर किसी अन्य स्रोत से आए कंटैमिनेशन को कम करने में मदद मिलेगी.
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सोशल डिस्टेंसिंग
अगर पड़ोस की दुकान में आप सामान खरीदने गए हैं तो वहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें और मास्क और हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें. शॉपिंग के समय कर्मचारी से उचित दूरी बनाए रखें.
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घर लौटने पर हाथ धोएं
बाजार से शॉपिंग करने के बाद जब घर लौटें तो कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ साबुन से धोएं और फिर सामान को रखें और उसके बाद दोबारा हाथ को धो लें.
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किचन रखें साफ
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अपने दिशा-निर्देशों में किचन काउंटर्स को डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करते हुए साफ रखने को कहा है. खाने के सामान को साफ करने के लिए डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.