यूरोप में इस साल गर्मी के वर्षों पुराने रिकॉर्ड टूट रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग के वजह से गर्मी बढ़ी है.
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दुनिया में अपने ठंडे मौसम के लिए मशहूर यूरोप में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है. ठंडे मौसम में रहने के आदी लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं. गर्मी की वजह से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है. कई ट्रेनें रद्द हो गई हैं तो कुछ देरी से चल रही हैं. ब्रिटेन,स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग, जर्मनी, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. जर्मनी के मौसम विभाग के मुताबिक, "जर्मनी के उत्तर-पश्चिमी शहर लिंगन में 42.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक है.
पेरिस में भी तापमान रिकॉर्ड स्तर 42.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. गर्मी से निजात पाने के लिए पर्यटक और स्थानीय लोग फव्वारों का सहारा ले रहे हैं. स्थानीय प्रशासन और गैर सरकारी संगठन बेघर लोगों को पानी और सनस्क्रीन क्रीम बांटे गए. साथ ही आराम फरमाने और नहाने के लिए डे सेंटर भी खोले गए हैं.
भीषण गर्मी की वजह से फ्रांस में यात्राएं प्रभावित हो रही हैं. अधिकारियों ने लोगों को घर में रहने की सलाह दी है. फ्रांस के दक्षिण में स्थित एक गांव वेगारगे में सबसे अधिक 46 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. इससे पहले 2003 में देश के गेर्ख क्षेत्र में सबसे अधिक 44.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था.
ब्रिटेन में फिलहाल तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है. लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर इस साल सबसे अधिक 38.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है. नीदरलैंड और बेल्जियम में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. बेल्जियम में 1833 के बाद से 25 जुलाई 2019 का दिन सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया. बेल्जियम के मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक क्लाइने ब्रोगेल क्षेत्र में सबसे अधिक 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया.
नीदरलैंड्स में सरकारी स्वास्थ्य संस्थान ने एम्स्टर्डम और रॉटरडैम के शहरों में धुंध के लिए चेतावनी जारी की है. डच सरकार ने अपनी चेतावनी में कहा है कि धीमी हवा के चलते वायु की गुणवत्ता बेहद खराब होगी क्योंकि ऐसी स्थिति में हवा से प्रदूषित कण दूर नहीं हो सकेंगे. डच मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार पहले के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नीदरलैंड में तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इससे पहले 1944 की गर्मी में यह 38.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग के वजह से गर्मी बढ़ी है.
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के चलते दुनिया के कई देश भीषण गर्मी के दौर से गुजर रहे हैं. वेबसाइट स्काइमेटवेदर डॉट कॉम ने दुनिया के दस सबसे गर्म देशों की सूची जारी है. भारत को भी इस सूची में जगह मिली है.
तस्वीर: Reuters/H. Amara
सूडान
अफ्रीकी देश सूडान में साल भर गर्मी पड़ती है. बरसात के दिनों में भी यहां तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. सूडान दुनिया का गर्म और सूखा देश है यहां औसतन तापमान 52 डिग्री के आसपास रहता है.
तस्वीर: picture-alliance/imageBROKER/U. Doering
ओमान
अरब दुनिया में शुमार ओमान दुनिया के रईस देशों में से एक है. अमीर होने के अलावा यह दुनिया में काफी गर्म भी रहता है. साल के पांच से छह महीने ओमान में तापमान 50 से 53 डिग्री के करीब रहता है.
तस्वीर: MHC
इराक
युद्धग्रस्त इराक के सामने गरीबी और बदहाली के अलावा गर्मी भी बड़ी समस्या है. मध्य पूर्व के देशों में तापमान औसतन 48 से 54 डिग्री के बीच बना रहता है. हालांकि इराक के उत्तरी इलाके पहाड़ी हैं जिसके चलते सर्दियों के दिनों में यहां बर्फ भी पड़ती है. लेकिन बाकी इराक काफी तपता है.
तस्वीर: Reuters/Rasheed
भारत
एक अरब से ज्यादा की आबादी वाले भारत में हर मौसम नजर आता है. कही सर्दी तो कही गर्मी. लेकिन हाल के सालों में देश में गर्मी का प्रकोप बढ़ा है. देश के बड़े हिस्से में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. उत्तर भारत में तापमान 45 से 48 डिग्री होना अब आम बात है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R.K. Singh
मेक्सिको
मध्य अमेरिकी देश मेक्सिको में भी गर्मियों के दिनों में तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच जाता है. बावजूद इसके मेक्सिको के तमाम समुद्री तटों पर दुनिया भर से लोग गर्मियों में छुट्टियां मनाने जाते हैं.
दक्षिणपूर्व एशिया में स्थित मलेशिया भूगौलिक रूप से भूमध्य रेखा के करीब है. इसके चलते यहां तीव्र जलवायु परिवर्तन होता है. साल भर तापमान 25 से 35 डिग्री के करीब बना रहता है लेकिन कभी तापमान 45 डिग्री को भी पार कर जाता है.
तस्वीर: Reuters/T. Sylvester
अल्जीरिया
उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया में दिन गर्म और रात बेहद ठंडी होती है. हालांकि यहां हल्की फुल्की बारिश भी होती रहती है. कई बार दिन में तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच जाता है. सर्दियों के दिनों में औसतन तापमान 25 डिग्री के करीब रहता है. यहां गर्मियां बेहद सख्त और उमस भरी होती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Messara
सऊदी अरब
सऊदी के गर्म मौसम के लिए रेगिस्तान से आने वाली गर्म हवाएं जिम्मेदार हैं. इसलिए साल भर यहां तापमान 50 डिग्री के करीब बना रहता है. अन्य खाड़ी देशों की ही तरह सऊदी अरब में भी कम बारिश होती है और यही इसके उच्च तापमान का कारण है. दिन के वक्त यहां तापमान 52 डिग्री तक पहुंचना आम बात है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Timberlake
इथियोपिया
पूर्वी अफ्रीकी में स्थित मुस्लिम बहुल देश इथियोपिया भी गर्मी के कहर से जूझ रहा है. यह अफ्रीका का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. इथियोपिया के नाम ऐसे रिकॉर्ड भी हैं जब तापमान 63 डिग्री तक पहुंच गया है.
लीबिया में तापमान बढ़ने के चलते हर साल लोगों को तमाम तरह की त्वचा संबंधी बीमारियां होती है. गर्मी के दिनों में यहां तापमान 55 डिग्री तक पहुंच जाता है. दुनिया में अब तक का सबसे उच्चतम तापमान लीबिया में ही रिकॉर्ड किया गया था. साल 1922 में लीबिया में 57.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था.