यूरोप में भारतीय शहद अब तक बैन
२ दिसम्बर २०१०वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक लिखित बयान में राज्यसभा को बताया, "यूरोपीय संघ ने भारत से निर्यात होने वाले शहद पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसकी वजह भारी धातुओं और अन्य प्रदूषकों की मौजूदगी है."यूरोपीय संघ ने इसी साल मार्च में यह कदम उठाया.
इस बारे में कार्रवाई करने के लिए निर्यात की देखरेख करने वाली एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल ने एक योजना बनाई है जिसके बारे में यूरोपीय आयोग को सूचित कर दिया गया है. इस योजना के तहत सभी मुद्दों पर काम किया जा रहा है जो यूरोपीय संघ ने उठाए हैं. एक ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है जिसके जरिए भारत से जाने वाला शहद पूरी तरह शुद्ध और दोषमुक्त हो.
सिंधिया ने कहा, "अब सैंपल की कड़ी जांच की जा रही है. शहद उत्पादकों को भी शिक्षित किया जा रहा है क्योंकि सीसे से बने टिन में रखे जाने की वजह से ही शहद दूषित हो रहा है." भारत के दवा नियंत्रक ने भी राज्यों के अधिकारियों को आगाह किया है कि किसानों को बिना प्रेस्क्रिप्शन के ऐसी दवाएं न बेची जाएं जो शहद को दूषित करती हों.
भारत के शहद के लिए यूरोपीय संघ अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. भारत 60 से ज्यादा देशों को शहद बेचता है. 2008-09 में इसका कुल निर्यात 323.9 करोड़ डॉलर का था जिसका एक चौथाई हिस्सा यूरोपीय संघ को गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़