भारत की राजधानी दिल्ली को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राजधानी माना गया है. पश्चिम में हालात भारत से भले ही बेहतर हों लेकिन महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित यहां भी नहीं हैं.
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यौन उत्पीड़न को कैसे परिभाषित किया जाए? कैसे मजाक की सीमा तय की जाए? सहकर्मचारी को अश्लील चुटकुला सुनाना यौन उत्पीड़न माना जाए या नहीं? इस तरह के सवाल रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं. दुनिया भर में इन पर चर्चा चल रही है. यूरोप में एक अध्ययन कर समझने की कोशिश की गयी कि किस देश में महिलाएं यौन उत्पीड़न को किस हद तक बर्दाश्त करती हैं. यूगोव नाम की संस्था ने सात देशों, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड और नॉर्वे में महिलाओं और पुरुषों से सवाल किये. सर्वे करने का मकसद यह भी समझना था कि किसी व्यवहार को महिला और पुरुष क्या अलग अलग तरीके से भी देखते हैं. और वाकई, कई मामलों में ऐसा पाया गया कि महिलाओं के लिए जो बात अभद्र और बर्दाश्त के बाहर थी, पुरुषों के लिए वह महज मजाक थी.
सर्वे में 8,500 लोगों से सवाल किये गये. मिसाल के तौर पर किसी पुरुष के सीटी बजाने को कैसे देखना चाहिए, किसी पार्टी में साथ नाचते वक्त पार्टनर को किस हद तक छूना जायज है. कुछ बातें तो साफ हैं. किसी महिला को जबरन पकड़ना, उसकी स्कर्ट के नीचे से तस्वीर लेना, उसके कूल्हे या जांघों को छूना, सेक्स की मांग करना यौन उत्पीड़न है और इस तरह के बर्ताव को महिलाएं अधिकतर दफ्तर में बर्दाश्त नहीं करतीं.
हालांकि जब अश्लील चुटकुलों के बारे में पूछा गया, तो जर्मनी में केवल एक तिहाई महिलाओं ने ही इसे उत्पीड़न से जोड़ कर देखा. जबकि ब्रिटेन में दो तिहाई महिलाएं किसी भी तरह की शारीरिक टिप्पणी को गलत मानती हैं. ब्रिटेन की अधिकतर महिलाओं ने माना कि पुरुषों का क्लीवेज की ओर देखना भी गलत है. वहीं फ्रांस में एक चौथाई महिलाएं आंख मारने को भी यौन उत्पीड़न मानती हैं.
इसके अलावा यूरोपीय संघ के 28 देशों में हुए एक अन्य सर्वे में पाया गया कि हर दूसरी महिला के साथ कभी ना कभी यौन की घटना हुई है. स्वीडन में 81 फीसदी महिलाओं ने कहा कि 15 साल की उम्र के बाद से किसी ना किसी रूप में उनके साथ उत्पीड़न की घटना हुई है. डेनमार्क और फिनलैंड भी इसमें पीछे नहीं हैं.
वेरा कैर्न/आईबी
यौन शोषण का शिकार हुए सितारे
इम्तियाज अली की फिल्म 'हाईवे' ने परिवार के अंदर बाल यौन शोषण जैसे नाजुक मुद्दे को उठाया. बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां खुल कर अपने अनुभवों के बारे में बोल चुकी हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/STRDEL
अनुष्का शंकर
पंडित रवि शंकर की बेटी और मशहूर सितार वादक अनुष्का शंकर ने महिलाओं के लिए हुए एक आयोजन में यह बात कही कि बचपन में उन्हें भी यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. उन्होंने बताया कि बदसुलूकी करने वाला व्यक्ति उनके परिवार का करीबी था और इसीलिए वह लंबे वक्त तक किसी से इस बारे में कुछ कह नहीं सकीं.
कल्कि कोचलिन
महिला अधिकारों के लिए खुल कर बोलने वाली अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने भी अपने बचपन के दुखद हिस्से को बयान किया. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपनी कहानी सुना कर सुर्खियां नहीं बटोरना चाहती थीं, "यह मेरे जीवन की सच्चाई है और मैंने इसे लंबे वक्त तक जिया है.
तस्वीर: AP
अनुराग कश्यप
कल्कि के पूर्व पति और मशहूर फिल्मकार अनुराग कश्यप ने भी इस बारे में बताया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बचपन में ग्यारह साल तक वे यौन शोषण से गुजरते रहे. अनुराग का कहना है कि वह अब उस व्यक्ति को माफ कर चुके हैं.
तस्वीर: CC BY 3.0
ओपरा विनफ्री
टेलीविजन की मशहूर हस्ती ओपरा विनफ्री को भावुक इंटरव्यू लेने के लिए जाना जाता है. लेकिन डेविड लेटरमन के शो में जब वह पहुंची तो उनकी जिंदगी के बारे में जान कर लोगों की आंखें भर आईं. ओपरा का नौ साल की उम्र में एक रिश्तेदार ने बलात्कार किया. 10 से 14 की उम्र तक उनका शोषण होता रहा.
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मर्लिन मुनरो
माता पिता के शादीशुदा ना होने के कारण मशहूर हॉलीवुड स्टार मर्लिन मुनरो का बचपन अनाथालयों में बीता, जहां बार बार उनका शोषण हुआ. खुद को बचाने के लिए मर्लिन अनाथालय बदलती रहीं. बचपन में मन पर पड़े घाव हमेशा उनके साथ रहे.
तस्वीर: AP
पैमेला एंडरसन
बेवॉच और प्लेबॉय के लिए मशहूर पैमेला एंडरसन का बचपन भी दुखद रहा है. अपने फाउंडेशन के लॉन्च पर उन्होंने बताया कि छह से दस साल की उम्र तक उनके बेबी सिटर ने उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया. वह 12 वर्ष की थीं जब एक दोस्त के भाई ने उनका बलात्कार किया.