यूरोप में यौन शोषण
६ मार्च २०१४इस रिपोर्ट के लिए जिन 42,000 महिलाओं से सवाल पूछे गए, उनमें से 5 फीसदी का कहना है कि उनके साथ बलात्कार हुआ. मौलिक अधिकारों के लिए यूरोपीय संघ की एजेंसी एफआरए के अनुसार हर दसवीं महिला को 15 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले ही बालिग लोगों के हाथों यौन हिंसा का अनुभव हुआ. वियेना स्थित संगठन की डाइरेक्टर मोर्टेर्न क्येरूम का कहना है कि यह रिपोर्ट "दिखाती है कि महिलाओं के खिलाफ शारीरिक, यौन और मानसिक हिंसा यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों में व्यापक पैमाने पर हो रहा मानवाधिकार हनन है."
पार्टनर के हाथों शोषण
तीन महिलाओं में से एक को शारीरिक और यौन हमला झेलना पड़ा है जबकि पांच में एक महिला पर यह हमला मौजूदा या पिछले पार्टनर ने किया. क्येरूम ने इसके भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर के दूरगामी और गहरे होने की संभावना के कारण अब नए स्तर के कदम उठाने की मांग की है. एफआरए ने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूरोपीय संघ के 28 सदस्य देशों में 18 से 74 साल की कम से कम 1500 महिलाओं से सीधे बातचीत की है. उसका कहना है कि यह सर्वे ईयू और विश्व का अब तक का सबसे व्यापक सर्वे है. क्येरूम ने कहा, "इससे महिलाओं के व्यापक शोषण की तस्वीर उभरती है जो बहुत सी महिलाओं के जीवन को प्रभावित करती है, लेकिन अधिकारियों को इसकी कम ही रिपोर्ट दी जाती है."
ईयू मानवाधिकार एजेंसी एफआरए ने इस रिपोर्ट के लिए महिलाओं के शारीरिक, यौन और मनोवैज्ञानिक हिंसा की जांच की है. इसमें घरेलू हिंसा, स्टॉकिंग, यौन दुर्व्यवहार, बचपन का अनुभव और इंटरनेट की भूमिका शामिल थी. रिपोर्ट के अनुसार बहुत कम महिलाएं शोषण के बारे में अधिकारियों को रिपोर्ट करती हैं. क्येरूम कहती हैं, "सिर्फ 14 फीसदी महिलाओं ने घनिष्ठ पार्टनर द्वारा की गई गंभीर हिंसा की घटना की रिपोर्ट पुलिस में की, जबकि किसी और के दुर्व्यवहार की रिपोर्ट सिर्फ 13 फीसदी महिलाओं ने की." 20 फीसदी महिलाएं इन घटनाओं के कारण घबराहट की और एक तिहाई डिप्रेशन का शिकार हो गईं. 43 फीसदी ने घटना के बाद की पार्टनरशिप में मुश्किलों की शिकायत की.
सदस्य देशों में अंतर
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में ईयू के सदस्य देशों में अंतर दिखे, हालांकि एफआरए का कहना है कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं. स्केंडेनेविया के देशों का रिकॉर्ड बुरा है. डेनमार्क में 52 फीसदी महिलाओं ने शारीरिक और यौन शोषण का शिकार होने की बात कही है जबकि फिनलैंड में 47 फीसदी और स्वीडन की 46 फीसदी महिलाओं ने. स्केल में नीचे पोलैंड की 19 फीसदी, स्पेन की 22 फीसदी और क्रोएशिया की 21 फीसदी महिलाओं ने यौन शोषण की शिकायत की है.
जर्मनी में 60 फीसदी महिलाओं ने कहा है कि वे यौन दुर्व्यवहार का शिकार हुई हैं. जर्मन सरकार की भेदभाव विरोधी दफ्तर की क्रिस्टीने लूडर्स कहती हैं, "यह बहुत बड़ी तादाद है जिस पर हमें सोचने को मजबूर होना चाहिए." उन्होंने सर्वे को चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह भी चिंता की बात है कि कितनी सारी पीड़ित महिलाएं किसी के साथ इस पर बात नहीं करतीं. महिला संगठन टेरे देस फेम की क्रिस्टा श्टोले ने कहा, "यह सर्वे यूरोप में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का भयानक पैमाना दिखाता है."
स्वीडन में महिलाओं को आश्रय देने वाली संस्था रॉक्स की अंजेला बोसांग का कहना है कि स्वीडन में संख्या ज्यादा इसलिए है कि वहां की महिलाएं कानून के प्रति सचेत हैं और उन्हें पता है कि कैसे मदद ली जा सकती है. उन्होंने कहा, "मैं नहीं समझती कि दूसरे देशों के मुकाबले स्वीडन में बड़ी समस्या है. दरअसल दूसरे देशों में बड़ी समस्या है क्योंकि वहां कानून और जागरुकता नहीं है." इससे सहमत होते हुए क्रोएशिया की महिला संगठन जेंस्का सोबा की माया मामुला कहती हैं, "पुरानी पीढ़ी की बहुत सी महिलाओं को अभी भी पता नहीं कि विवाह में बलात्कार गैरकानूनी है."
स्पेन में विपक्षी सोशलिस्ट पार्टी की उपाध्यक्ष एलेना वेलेंसियानो का कहना है कि अपने पार्टनर के हाथों हिंसा इस सदी की सबसे गंभीर समस्याओं में एक है. 2005 से 2009 तक सत्ता के दौरान सोशलिस्ट पार्टी ने घरेलू हिंसा के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा था. इसमें पीड़ितों की मदद के लिए हॉटलाइन और विशेष अदालत बनाने के अलावा इलेक्ट्रॉनिक टैग लागू करना शामिल था. इस कार्यक्रम का दूसरे यूरोपीय देशों ने भी अनुसरण किया.
एमजे/एएम (एएफपी, डीपीए)