एक नया अध्ययन बताता है कि यूरोप में यहूदियों और मुसलमानों के प्रति असहिष्णुता बढ़ती जा रही है. इटली और ब्रिटेन में यह समस्या सबसे ज्यादा है. जर्मनी में भी बहुत से लोगों को परिवार के सदस्य के तौर पर यहूदी लोग मंजूर नहीं.
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी में लगभग एक तिहाई लोग किसी मुसलमान को अपने परिवार के सदस्य के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे. वहीं अपने परिवार में किसी यहूदी को स्वीकार न करने वाले जर्मन लोगों की संख्या इस अध्ययन में 20 प्रतिशत बताई गई है. यह अध्ययन अमेरिकी संस्था पियू रिसर्च सेंटर ने किया है. यह अध्ययन ऐसे समय में सामने आया है जब जर्मनी में इस्लाम और यहूदी विरोध को लेकर चिंता बढ़ रही है.
यह अध्ययन यूरोप के 15 देशों में किया गया. इसमें शामिल लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपने परिवार में किसी यहूदी को स्वीकार करेंगे? जर्मनी में 19 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल का जवाब "नहीं" में दिया. वहीं इटली में ऐसे लोग 25 प्रतिशत, ब्रिटेन में 23 प्रतिशत और ऑस्ट्रिया में 21 प्रतिशत थे. इस मामले में नीदरलैंड्स और नॉर्वे सबसे नीचे हैं जहां सिर्फ तीन प्रतिशत लोगों ने अपने परिवार में किसी यहूदी के होने पर आपत्ति जताई.
यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश
यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश ये हैं
अमेरिकी थिंकटैंक पियु रिसर्च सेंटर ने यूरोप में मुस्लिम आबादी बढ़ने का अनुमान जताया है. इसके मुताबिक 2050 तक यूरोप की आबादी में 7.5 फीसदी मुसलमान होंगे. एक नजर यूरोप के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देशों पर.
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फ्रांस (57.2 लाख)
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जर्मनी (49.5 लाख)
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ब्रिटेन (41.3 लाख)
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इटली (28.7 लाख)
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नीदरलैंड्स (12.1 लाख)
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स्पेन (11.8 लाख)
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बेल्जियम (8.7 लाख)
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स्वीडन (8.1 लाख)
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बुल्गारिया (7.9 लाख)
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ग्रीस (6.2 लाख)
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परिवार में मुस्लिम सदस्य के सवाल पर 33 प्रतिशत जर्मन लोगों ने जवाब "नहीं" में दिया. इस सवाल को लेकर भी इटली (43 प्रतिशत), ब्रिटेन (36 प्रतिशत) और ऑस्ट्रिया (34 प्रतिशत) सबसे ऊपर हैं. परिवार में मुस्लिम सदस्य के सवाल पर जर्मनी में कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट लोगों में भी बड़ा अंतर दिखाई पड़ता है. मुस्लिम सदस्य को ना कहने वालों में जहां कैथोलिक आधे से ज्यादा हैं, वहीं प्रोटेस्टेंट में 16 प्रतिशत लोगों को इस बारे में आपत्ति है.
पियू रिसर्च सेंटर ने अपने इस अध्ययन में 15 यूरोपीय देशों के 24,599 लोगों को शामिल किया. कुल मिलाकर यह अध्ययन बताता है कि यूरोप में मुसलमानों, यहूदियों और अन्य आप्रवासियों को लेकर असहिष्णुता बढ़ती जा रही है.
जर्मनी में 2015 के बाद मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों से दस लाख से ज्यादा शरणार्थी आए हैं. इसकी वजह से जहां एक तरफ आप्रवासी विरोधी भावनाएं मजबूत हुई हैं, वहीं इस्लाम की भूमिका पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. कई राजनेता मानते हैं कि बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से यहूदी विरोध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं.
एके/एमजे (डीपीए, एपी)
यूरोप में कितने रचे बसे हैं मुसलमान
यूरोप में कितना रचे बसे मुसलमान
दक्षिणपंथी लोकलुभावने आंदोलनों के विस्तार ने यह आशंका पैदा कर दी है कि क्या पश्चिमी देशों के लोकतांत्रिक माहौल में इस्लाम का पालन हो सकता है. डीडब्ल्यू ने कुछ आम भ्रांतियों पर नजर डाली है.
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भाषाई एकीकरण कितना सफल?
जर्मनी में पैदा हुए तीन चौथाई मुसलमान पहली भाषा के रूप में जर्मन के साथ बड़े होते हैं. प्रवासियों में केवल 20 फीसदी लोग ही ऐसे हैं जो जर्मन को अपनी पहली भाषा का दर्जा देते हों. पूरे यूरोप में नई पीढ़ी के साथ भाषाई दक्षता बढ़ रही है. इसके बाद भी जर्मनी में 46 फीसदी मुसलमान अपनी राष्ट्रभाषा को ही पहली भाषा बताते हैं. ऑस्ट्रिया में यह आंकड़ा 37 फीसदी और स्विट्जरलैंड में 34 फीसदी है.
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अंतरधार्मिक संबंध को कैसे देखते हैं मुसलमान?
2017 में रिलिजन मॉनीटर की एक स्टडी के मुताबिक 87 फीसदी स्विस मुसलमान खाली समय में दूसरे धर्मों के लोगों से मिलते हैं. जर्मनी और फ्रांस में यह आंकड़ा 78 फीसदी है जबकि ब्रिटेन में 68 और ऑस्ट्रिया में 62 फीसदी. मुसलमानों की एक बड़ी संख्या है जो सामाजिक बेड़ियों के बावजूद गैरमुस्लिमों के साथ लगातार मिलती जुलती और समय बिताती है.
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यूरोप से कितने जुड़े हैं मुसलमान?
फ्रेंच मुसलमानों में 96 फीसदी अपने देश से जुड़ा महसूस करते हैं. इस तरह की भावना रखने वाले मुसलमानों की तादाद जर्मनी में भी लगभग इतनी ही ऊंची है, जबकि स्विट्जरलैंड में ऐसा सोचने वालों की तादाद सबसे ज्यादा 98 फीसदी है. धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए संस्थागत खुलेपन का लंबा इतिहास रखने के बावजूद ब्रिटेन के कम ही मुसलमान (89 फीसदी) यूके के साथ करीबी रिश्ता महसूस करते हैं.
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रोजमर्रा में कितना जरूरी है धर्म?
प्रवासी परिवारों के मुसलमान अपने धर्म के प्रति एक मजबूत समर्पण रखते हैं जो कई पीढ़ियों तक कायम रहती है. ब्रिटेन में रहने वाले 64 फीसदी मुसलमान खुद को बेहद धार्मिक बताते हैं. ऑस्ट्रिया में ऐसे मुसलमानों की तादाद 42 फीसदी, जर्मनी में 39 फीसदी, फ्रांस में 33 फीसदी और स्विट्जरलैंड में 26 फीसदी है.
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कितने फीसदी मुसलमान डिग्री लेते हैं?
आंकड़ों के मुताबिक जर्मनी में पैदा हुए 36 फीसदी मुसलमान 17 साल की उम्र तक पढ़ाई खत्म कर लेते हैं और आगे पढ़ाई नहीं करते. ऑस्ट्रिया में यह तादाद करीब 39 फीसदी है. दूसरी तरफ, ज्यादा निष्पक्ष स्कूली व्यवस्था के दम पर फ्रांस में मुसलमान ज्यादा पढ़ाई करते हैं. फ्रांस में 17 साल की उम्र के मुसलमानों में 10 में से एक ही पढ़ाई छोड़ता है.
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नौकरी के बाजार में कहां हैं मुसलमान?
2010 से पहले जर्मनी आने वाले 60 फीसदी से ज्यादा मुसलमानों के पास पक्की नौकरी थी. यह आंकड़ा गैरमुस्लिमों के लिए भी इतना ही था. जर्मनी में मुसलमानों के रोजगार के आंकड़े दूसरे यूरोपीय देशों की तुलना में बेहतर हैं. फ्रांस में 14 फीसदी मुसलमान बेरोजगार हैं जो गैर मुस्लिमों की 8 फीसदी तुलना में बहुत ज्यादा है.
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कितने लोग इस्लाम को खारिज करते हैं?
ऑस्ट्रिया में रहने वाले हर चार गैरमुस्लिम में से एक व्यक्ति मुसलमान पड़ोसी नहीं चाहता. यह आंकड़ा यूके में भी करीब 21 फीसदी है. जर्मनी में 19 फीसदी गैरमुस्लिम कहते हैं कि वो मुसलमान पड़ोसियों का स्वागत नहीं करेंगे. स्विट्जरलैंड में यह तादाद 17 और फ्रांस में 14 फीसदी है. कुल मिला कर मुस्लिम सबसे ज्यादा खारिज किये जाने वाला सामाजिक गुट है.
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रचे बसे लेकिन यूरोप में स्वीकार्य नहीं
यह सारी जानकारी बेर्सटेल्स मान फाउंडेशन की स्टडी से ली गई है जिसका शीर्षक है 'यूरोप में मुसलमान - रचे बसे लेकिन स्वीकार्य नहीं?'. इसके नतीजे जर्मनी, यूरोप, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और यूके में 10,000 लोगों पर हुए एक सर्वेक्षण से लिये गये हैं. 2010 के बाद यूरोप में आये मुस्लिम शरणार्थियों को इस सर्वे में शामिल नहीं किया गया.