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यूरोसंकट के बीच ग्रीस सरकार पर दबाव

Priya Esselborn२१ जून २०१२

यूरोप के नेता गुरूवार को लक्जेमबर्ग में ग्रीस के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मिल रहे हैं. ग्रीस के अलावा स्पेन और साइप्रस के आर्थिक हालात पर भी बातचीत होगी. साइप्रस भी यूरोपीय संघ से मदद की गुहार करेगा.

तस्वीर: dapd

लक्जेमबर्ग में हो रही इस बैठक को अगले हफ्ते होने वाले यूरोपीय संघ शिखर सम्मलेन की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. अगले सप्ताह के अंत तक यूरोपीय संघ को ग्रीस और आर्थिक संकट से जूझ रहे अन्य देशों के बारे में समझौते पर पहुंचना है.

ग्रीस में एक दिन पहले ही अनटोनियोस समारास ने प्रधानमंत्री पद संभाला है. अगले हफ्ते होने वाले सम्मलेन में उन्हें न केवल अपने देश का नेतृत्व करना है, बल्कि बेलआउट समझौते में बदलावों को भी सुनिश्चित करना है. लक्जेमबर्ग में ग्रीस के वित्त मंत्री वासिलिस रापानोस की कोशिश रहेगी कि ग्रीस को दी गई समय सीमा को आगे बढ़वा सकें. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में यूरोपीय संघ के एक उच्च अधिकारी थोमास वीजर ने कहा कि यदि ग्रीस और समय मांगता है तो इस से उसी का नुक्सान होगा क्योंकि उसे और पैसा जुटाना होगा.

वीजर ने कहा कि ग्रीस को अब और समय नहीं दिया जा सकता, "इस पर यह बहस भी की जा सकती है कि अगर एथेंस में पहले ही चुनाव के कारण दो महीने की देरी हो चुकी है, तो अब अगले कुछ महीने ग्रीस के लोगों को थोड़ा तेज चलना होगा ताकि उसकी भरपाई की जा सके."

अनटोनियोस समारासतस्वीर: Reuters

अविश्वास की भावना

वीजर ने कहा कि ग्रीस को बजट में और कटौती करनी होगी और टैक्स और भी ज्यादा बढ़ाने होंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर यूरोजोन के नेता ग्रीस की और मदद करने के हक में नहीं रहेंगे. वीजर ने कहा कि ग्रीस को बेलआउट की दूसरी किस्त देने पर अब तक रजामंदी बन जानी चाहिए थी, लेकिन वहां के लोगों ने पिछले दो चुनावों में जिस तरह का रुख दिखाया उस से उन्होंने यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की योजनाओं को ही चुनौती दे दी.

वीजर ने कहा कि इस साल मार्च में ग्रीस को 130 अरब यूरो की सहायता की जो योजना बनाई गई थी उसे अब अमल में नहीं लाया जा सकता, "आर्थिक माहौल को जितना आंका गया था यह उस से भी बदतर हो गया है." उन्होंने कहा कि अगस्त तक यूरोजोन के सभी सत्रह सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को गंभीरता पूर्वक एक बार फिर इस बारे में सोच विचार करना होगा. इसके अलावा उन्होंने ग्रीस को रक्षा बजट में कटौती करने की भी सलाह दी. ग्रीस नाटो सदस्यों में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश है.

स्पेन और साइप्रस के हालात

इस बात के कयास लग रहे हैं कि ग्रीस को एक तीसरे बेल आउट की भी जरूरत पड़ेगी. ग्रीस की तरह स्पेन भी बुरे आर्थिक चरण से गुजर रहा है. वीजर ने कहा कि स्पेन का मामला अलग है और उसे एक साल का और वक्त दिया जा सकेगा. यूरोपीय आयोग ने स्पेन के लिए समय सीमा बढ़ा कर 2014 तक करने की पैरवी की है. वीजर ने कहा, "मुझे अब तक किसी ने नहीं बताया है कि वे इसके समर्थन में नहीं हैं." ब्रसेल्स के अनुसार स्पेन ने सार्वजनिक क्षेत्र के घाटे को करीब नौ प्रतिशत से कम कर के तीन प्रतिशत पर लाने का आश्वासन दिया है.

बैठक में स्पेन यूरोप के बैंकों से आर्थिक मदद की अपील करेगा. वित्त मंत्रइयों के फैसले के अनुसार स्पेन को सौ अरब यूरो तक की मदद राशि दी जा सकती है. वहीं ग्रीस, स्पेन, पुर्तगाल और आयरलैंड के बाद साइप्रस भी आर्थिक संकट से गुजर रहे देशों की सूची में शामिल हो गया है. साइप्रस की ओर से अब तक यह बात साफ नहीं की गई है कि बैठक में यूरोजोन के देशों से वह किस तरह से मदद मांगने वाला है. लेकिन जानकारों का मानना है कि उसका फैसला स्पेन के कदमों पर ही आधारित होगा. यूरोपीय संघ में साइप्रस के एक अधिकारी ने कहा, "हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं."

आईबी/एमजे (एएफपी)

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