यूरो जोन से बाहर हो सकता है ग्रीस
१३ अगस्त २०१२जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू के मिषाएल फुक्स ने कहा कि ग्रीस के रुख से अब झल्लाहट हो रही है. सीडीयू के उप संसदीय नेता फुक्स के मुताबिक उनकी पार्टी के नेता धैर्य की आखिरी सीमा पर हैं. उन्होंने कहा, "बहुत पहले हम उस बिंदु पर पहुंच चुके थे जहां ग्रीस को यह दिखाना था कि वह बदलाव करेगा और उम्मीदों पर खरा उतरेगा. अंतिम, अंतिम और अंतिम समय पर भी नीतियां लागू नहीं हो रही है. इसका अंत होना चाहिए."
ग्रीस को यूरोपीय आयोग, यूरोपीयन सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 130 अरब यूरो की एक और किस्त मिलनी है. यह आर्थिक पैकेज सितंबर में दिया जाना है. लेकिन सीडीयू के नेता अब इसका विरोध कर रहे हैं, "अगर आधा काम भी किया गया है तो भी यह, नया सहायता पैकेज लेने के लिए पर्याप्त नहीं. जर्मनी इस पर सहमत नहीं हो सकता और न ही सहमत होगा."
मैर्केल भी पहले इस तरह के संकेत दे चुकी हैं. माना जा रहा है कि अगर ग्रीस की वजह से जोखिम बढ़ता है तो कड़ा फैसला करना होगा. ऐसे में ग्रीस को यूरो जोन से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. मैर्केल गर्मियों की छुट्टियां बीता कर लौट आई हैं. उन पर अब ग्रीस को लेकर सहयोगी पार्टियों का दबाव बढ़ता जा रहा है.
मैर्केल के गठबंधन की पार्टी सीएसयू और एफडीपी कह चुके हैं कि ग्रीस का यूरो जोन से निकलना बर्दाश्त किया जा सकता है. ऐसी भी अटकलें हैं कि इस साल के अंत तक ग्रीस यूरो जोन से बाहर हो जाएगा. फुक्स कहते हैं कि ग्रीस चाहे तो यूरोपीय संघ का सदस्य बने रह सकता है.
आर्थिक पैकेज की शर्तों के तहत ग्रीस को कड़ी आर्थिक कटौतियां करनी हैं. योजना के मुताबिक ग्रीस को 15,000 सरकारी नौकरियां खत्म करनी है. श्रम कानूनों को लचीला करना है. न्यूनतम मजदूरी दर को 20 फीसदी कम कर 600 यूरो मासिक करना है. ग्रीस की गठबंधन सरकार इन शर्तों को स्वीकार कर चुकी है लेकिन उन्हें पूरी तरह लागू नहीं कर सकी है.
ओएसजे/एजेए (रॉयटर्स)