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यूरो 2012 में भी रोया ग्रीस

२३ जून २०१२

आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे ग्रीस के लिए खुशी का एक बड़ा रास्ता बंद हो गया है. यूरो 2012 में जर्मनी से बुरी तरह हारकर ग्रीस बाहर हो गया है. जर्मनी ने कई मौके गंवाए लेकिन फिर भी ग्रीस को 4:2 से हरा दिया.

तस्वीर: Reuters

पोलैंड की राजधानी वारसा में क्वार्टर फाइनल जैसे अहम मुकाबले में जर्मन टीम दो नए खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरी. जर्मन कोच योआखिम लोएव ने लुकास पोडोल्स्की और थोमास म्युलर जैसे स्टार खिलाड़ियों की जगह 22 साल के आंद्रे शुएर्ले और मार्को रॉयस को उतारा. स्ट्राइकर मारियो गोमेज की जगह तजुर्बेदार फॉरवर्ड मिरोस्लाव क्लोजे को जगह दी गई.

नए समीकरणों के साथ मैदान पर उतरी जर्मन टीम को लय में आने में थोड़ा वक्त लगा. टीम शुरुआत से ही अच्छे मूव बना रही थी, लेकिन उन्हें गोल में तब्दील करने में कई बार चूकी. 39वें मिनट में गोल का इंतजार खत्म हुआ. जर्मन टीम के कप्तान फिलिप लाम ने बनाना किक मारते हुए गजब का गोल दागा. ग्रीस के गोल पोस्ट से थोड़ी दूरी पर लाम ने ऐसे किक मारी कि गेंद लहराती हुई गोल में घुस गई. इस गोल के साथ ही स्टेडियम में मौजूद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल खुशी से झूम उठीं. यूरो संकट की वजह इन दिनों गंभीर रहने वाली मैर्केल बड़े दिन बाद उमंग में दिखाई पड़ीं.

गोल का जश्न मनाती मैर्केलतस्वीर: Reuters

लेकिन 55वें मिनट में ग्रीस ने बिजली की गति से जवाबी हमला किया. अपने गोलपोस्ट से गेंद दूर छटका कर ग्रीस ने सीधे बॉल जर्मन गोलपोस्ट के पास पहुंचा दी. ग्रीस के दो खिलाड़ियों को दो जर्मन डिफेंडर नहीं रोक सके. नंबर सात पर खेलने वाले ग्रीक फॉरवर्ड गिओर्गियोस सामारास ने चीते जैसी फुर्ती के साथ स्कोर बराबर कर दिया.

लगने लगा कि मुकाबला कांटे का होगा. लेकिन छह मिनट बाद ही सामी केदीरा ने जर्मनी के लिए गोल दागकर ग्रीस को डाउन कर दिया. उसके बाद क्लोजे ने शानदार हेडर मार ग्रीस का मनोबल तोड़ा. दो गोल से पिछड़ने के बाद ग्रीस के खिलाड़ी हौंसला खो बैठे, इसका फायदा उठाते हुए रॉयस ने चौथा गोल मारा. 4-1 से पिछड़ने के बाद ग्रीस की हार तय थी. हालांकि जर्मन डिफेंडर जेरोम बोआटेंग के हैंड की वजह से ग्रीस को एक पेनल्टी मिली और हार का अंतर 4-2 रह गया.

खुशी में डांस करते बोआटेंग और रॉयसतस्वीर: dapd

शुक्रवार को जर्मनी ने पहली बार आक्रमक रणनीति अपनाई. मैचों के दौरान कॉफी पीने के लिए मशहूर जर्मन कोच लोएव ने कहा, "मैं एक्सप्रेसो (कॉफी) लेने जाने की कोशिश कर रहा था तभी हमने एक और मौका गंवा दिया. मैं गुस्सा हो गया. तीन मैचों में तीन जीतों के बाद इस तरह की जीत से संतुष्ट न होना कठिन अनुभव है."

लेकिन जीत के बाद टीम का मनोबल बढ़ाते हुए लोएव ने कहा, "मुझे अपने खिलाड़ियों पर गर्व है. इसमें कोई शक नहीं है कि हम जीत के योग्य थे. मुझे एक ही बात चिंतित कर रही है कि हमने बहुत ज्यादा मौके गंवाए."

सेमीफाइनल में अब जर्मनी का मुकाबला इंग्लैड या इटली से होगा. इंग्लैंड को अभी से जर्मन टीम की चिंता सता रही है. शनिवार को फ्रांस और स्पेन का मैच है. विजेता सेमीफाइनल में पुर्तगाल से खेलेगा.

ओएसजे/एमजी (एएफपी)

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