येस बैंक संकट के बारे में खाताधारकों के जानने लायक बातें
चारु कार्तिकेय
९ मार्च २०२०
येस बैंक पर आए संकट से आम खाताधारकों के मन में कई तरह के डर समा गए हैं. संकट भी तुरंत खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में ग्राहकों के लिए बैंक से जुड़ी कुछ बातें जानना जरूरी है.
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येस बैंक पर आए संकट से आम खाताधारकों के मन में कई तरह के डर समा गए हैं. क्या बैंक बंद हो जाएगा? क्या बैंक में पड़ा हुआ उनका पैसा डूब जाएगा? अगर बैंक बच भी जाता है तो कब तक पूरी तरह से हालात सामान्य हो पाएंगे? अधिकतम 50,000 रुपये निकालने की जो सीमा है वो कब हटेगी? कई ग्राहकों ने कई तरह के ऑटोमैटिक भुगतान बैंक से जोड़े हुए हैं, जैसे घर का किराया, लोन की किश्तें, म्यूच्यूअल फंड इत्यादि में मासिक निवेश, बीमा भुगतान इत्यादि. जब तक बैंक की हालत सामान्य नहीं हो जाती, तब तक इन भुगतानों का क्या होगा.
अव्वल तो संकट तुरंत खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. आरबीआई और वित्त मंत्री के आश्वासन के बावजूद येस बैंक के किसी दूसरे बैंक द्वारा अधिग्रहण की स्पष्ट योजना अभी तक सामने नहीं आई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने येस बैंक में करीब 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा तो कर दी है लेकिन येस बैंक को बंद होने से बचाने के लिए उसमें 20,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा डाले जाने की आवश्यकता है. बाकी का निवेश करने को कोई तैयार है भी या नहीं, ये अभी तक साफ नहीं हुआ है.
येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पर धन शोधन का आरोप लगा है. प्रवर्तन निदेशालय ने कपूर को हिरासत में ले लिया है और सीबीआई ने बैंक से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू कर दी है. बैंक के तार पहले से घोटालों के आरोपों में घिरी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (डीएचएफएल) से जुड़े बताये जा रहे हैं. इस से पहले जब मुंबई में सहकारी बैंक पीएमसी पर संकट आया था तो उस संकट के लिए भी डीएचएफएल को ही जिम्मेदार पाया गया था.
किन भारतीय बैंकों में हुई कितनी बड़ी धोखाधड़ी
आरबीआई ने बताया कि बीते 11 वित्तीय वर्षों में सामने आए धोखाधड़ी के 53,334 मामलों में बैंकों को 2050 अरब रुपये का चूना लगा. सबसे ज्यादा धोखाधड़ी आईसीआईसीआई बैंक के साथ हुई लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब नेशनल बैंक को हुआ.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Paranjpe
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 6,811 मामले सामने आए, जिसके सहारे 50 अरब रुपये की चपत लगाई गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP//T. Clary
भारतीय स्टेट बैंक
भारत के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 6,793 मामले सामने आए, जिसके सहारे उसे 237 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/R.D. Chowdhuri
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,497 मामले सामने आए. बैंक को 12 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/J. Dey
बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2,160 धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट की. इसमें 129 अरब रुपये की हेराफेरी की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Nath
पंजाब नेशनल बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,047 मामले सामने आए. बैंक को 287 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
एक्सिस बैंक
एक्सिस बैंक में धोखाधड़ी के 1,944 मामले दर्ज किए गए. बैंक को 53 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले दर्ज किए गए. बैंक से 123 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade
सिंडिकेट बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
सिंडिकेट बैंक में धोखाधड़ी के 1,783 मामले दर्ज किए गए. बैंक के 58 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,613 मामले सामने आए. इसकी कुल रकम 90 अरब रुपये है.
तस्वीर: UNI India
आईडीबीआई और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
आईडीबीआई में 59 अरब रुपये के 1.264 मामले और स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक में 12 अरब रुपये के 1,263 धोखाधड़ी के मामले सामने आए.
तस्वीर: Imago/Hindustan Times/R. K. Raj
केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक
केनरा बैंक में 55 अरब के 1,254 मामले, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 118 अरब रुपये के 1,244 और कोटक महिंद्रा में 4 अरब के 1,213 मामले सामने आए.
तस्वीर: DIBYANGSHU SARKAR/AFP/Getty Images
ये भी हुए शिकार
इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,115 मामले, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 1040, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 944, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में 395, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में 386, पंजाब एंड सिंध बैंक में 276 मामले दर्ज किए गए.
तस्वीर: Reuters/A. Verma
यहां भी धोखाधड़ी
यूको बैंक में 1081, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड में 261 और लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड में धोखाधड़ी के 259 मामले सामने आए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
विदेशी बैंक के साथ भी धोखाधड़ी
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्पोरेशन, सिटी बैंक, एचएसबीसी लिमिटेड और रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी के साथ भी धोखाधड़ी के मामले सामने आए. (रिपोर्ट-रवि रंजन)
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade
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राणा कपूर और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने डीएचएफएल से अपनी पारिवारिक कंपनी डूइट अर्बन वेंचर्स के लिए 600 करोड़ रुपये का लोन लिया और उसके एवज में डीएचएफएल द्वारा येस बैंक से लिए लोनों को बेकार हो गए लोनों की श्रेणी में जुड़ने से बचा लिया. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे वैसे और तथ्य सामने आएंगे और संकट और गहराएगा.
इसी बीच देश के कई कोनों से खबरें आ रही हैं कि कुछ जगह तो ग्राहक एटीएम से पैसे निकाल पाए, लेकिन कई जगह नहीं भी निकाल पाए. इंटरनेट बैंकिंग भी बंद है जिसकी वजह से ग्राहक इंटरनेट के जरिये बैंक से पैसा निकाल कर ना तो कोई भुगतान कर पा रहे हैं और ना ही दूसरे खातों में डाल पा रहे हैं. विशेषज्ञों के कहना है कि जिन छोटे खाताधारकों की बैंक में जमा पूंजी पांच लाख से कम है उन्हें घबराना नहीं चाहिए और आरबीआई के अगले कदम का इंतजार करना चाहिए. लेकिन जिन्होंने बड़ी पूंजी जमा की हुई है उन्हें विशेषज्ञ थोड़ा संभल कर चलने की सलाह से दे रहे हैं. ऐसे खाताधारकों को अपने खर्चों की समीक्षा करने और आपातकाल फंड के इंतजाम करने के बारे में सलाह दी जा रही है.
जिन ग्राहकों ने भुगतान इत्यादि येस बैंक के खातों से जोड़े हुए हैं उन्हें सभी भुगतानों को येस बैंक से हटा लेना चाहिए और दूसरे बैंक से जोड़ने के प्रयास शुरू कर देने चाहिए. इसमें अभी थोड़ी दिक्कत आ सकती है पर फिर भी ये कदम उठाने का यही सही समय है.
चूंकि येस बैंक संकट पीएमसी बैंक संकट के तुरंत बाद ही आ गया, इस वजह से लोगों के मन में भारत की पूरी बैंकिंग व्यवस्था को लेकर शंकाएं उभर कर आ गई हैं. हर व्यक्ति सोच रहा है कि आखिर उसका बैंक कितना सुरक्षित है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा है कि बैंकों को तो ग्राहकों में बारे में जानने की बड़ी चिंता रहती है, पर अब समय आ गया है जब ग्राहकों को बैंकों के बारे में जानना चाहिए.
कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस संकट से लोगों को सबसे बड़ी सीख यह लेनी चाहिए कि अपने सारे पैसों को जमा करने के लिए और सारे वित्तीय लेन देन के लिए एक ही बैंक पर निर्भर न हों. कई बैंकों में अपने खाते रखें और सब खातों में पैसे बांट कर रखें.
हो जाइए सावधान, ये हैं साइबर फ्रॉड के नए तरीके
तकनीक तेजी से बदल रही है और साथ ही बदल रही है धोखाधड़ी करने की तकनीक भी. आजकल साइबर ठगों के निशाने पर बैंक खाते भी आ गए हैं और अनजान लिंक पर क्लिक करने भर से आपके पैसे गायब हो सकते हैं. यहां जानिए कैसे रह सकते हैं सतर्क.
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व्हाट्सऐप कॉल से फर्जीवाड़ा
अगर आपको व्हाट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से वॉयस कॉल आती है तो आप सावधान हो जाइए क्योंकि फोन करने वाला आपको ठग सकता है. इस वारदात को अंजाम देने के बाद आपके नंबर को ब्लॉक कर सकता है. वॉयस कॉल करने वाला अपनी ट्रिक में फंसाकर आपके पैसे हड़प सकता है.
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यूपीआई
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए किसी को भी आसानी से पैसे भेजे या मंगाए जा सकते हैं. यूपीआई के जरिए ठग किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेज देता है और जैसे ही वह उस लिंक पर क्लिक कर अपना पिन डालता है तो उसके खाते से पैसे कट जाते हैं. इससे बचने के लिए अनजान डेबिट रिक्वेस्ट को तुरंत डिलीट कर देना चाहिए. अजनबियों के लिंक भेजने पर क्लिक ना करें.
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एटीएम क्लोनिंग
पहले सामान्य कॉल के जरिए ठगी होती थी लेकिन अब डाटा चोरी कर पैसे खाते से निकाले जा रहे हैं. ठग हाईटेक होते हुए कार्ड क्लोनिंग करने लगे हैं. एटीएम कार्ड लोगों की जेब में ही रहता है और ठग पैसे निकाल लेते हैं. एटीएम क्लोनिंग के जरिए आपके कार्ड की पूरी जानकारी चुरा ली जाती है और उसका डुप्लीकेट कार्ड बना लिया जाता है. इसलिए एटीएम इस्तेमाल करते वक्त पिन को दूसरे हाथ से छिपाकर डालें.
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कार्ड के डाटा की चोरी
एटीएम कार्ड के डाटा की चोरी के लिए जालसाज कार्ड स्कीमर का इस्तेमाल करते हैं, इसके जरिए जालसाज कार्ड रीडर स्लॉट में डाटा चोरी करने की डिवाइस लगा देते हैं और डाटा चुरा लेते हैं. इसके अलावा फर्जी कीबोर्ड के जरिए भी डाटा चुराया जाता है. किसी दुकान या पेट्रोल पंप पर अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि कर्मचारी कार्ड को आपकी नजरों से दूर ना ले जा रहा हो.
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क्यूआर कोड स्कैम
क्यूआर यानि क्विक रिस्पांस कोड के जरिए जालसाज ग्राहकों को भी लूटने का काम कर रहे हैं. इसके जरिए मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और उसे पाने वाला शख्स क्यूआर कोड लिंक को क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं.
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ई-मेल स्पूफिंग
ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठग ऐसी ई-मेल आईडी बना लेते हैं जो नामी गिरामी कंपनियों से मिलती-जुलती होती हैं और फिर सर्वे फॉर्म के जरिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर डाटा चुरा लेते हैं. गूगल सर्च के जरिए भी ठगी के मामले सामने आए हैं. जालसाज सर्च इंजन में जाकर मिलती जुलती वेबसाइट बनाकर अपना नंबर डाल देते हैं और अगर कोई सर्च इंजन पर कोई खास चीज तलाशता है तो वह फर्जी साइट भी आ जाती है.
अगर आप ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट पर पार्टनर की तलाश कर रहे हैं तो जरा सावधान रहिए क्योंकि इसके जरिए भी ठगी हो रही है. गृह मंत्रालय के साइबर सुरक्षा विभाग के मुताबिक ऑनलाइन वैवाहिक साइट पर चैट करते वक्त निजी जानकारी साझा ना करें और साइट के लिए अलग से ई-मेल आईडी बनाएं और बिना किसी पुख्ता जांच किए निजी जानकारी साझा करने से बचें.
तस्वीर: picture-alliance
बैंक खातों की जांच
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक खातों की नियमित जांच करनी चाहिए और अस्वीकृत लेनदेन के बारे में तुरंत अपने बैंक को जानकारी देनी चाहिए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
नौकरी का झांसा
कई जॉब पोर्टल संक्षिप्त विवरण को लिखने, विज्ञापित करने और जॉब अलर्ट के लिए फीस लेते हैं, ऐसे पोर्टलों को भुगतान करने से पहले, वेबसाइट की प्रमाणिकता और समीक्षाओं की जांच करना जरूरी है.
तस्वीर: Reuters/D. Siddiqui
सतर्कता जरूरी
ऑनलाइन लेनदेन करते समय मोबाइल फोन या कंप्यूटर पर किसी ऐसे लिंक को क्लिक ना करे जिसके बारे में आप सुनिश्चित ना हो. सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते समय भी सुनिश्चित कर लें कि वेबसाइट वेरिफाइड हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Klose
बैंकों की जिम्मेदारी
साइबर अपराध को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी दिशा-निर्देश बनाए हैं जिनके तहत बैंकों को साइबर सुरक्षा के पैमाने को और सुधारना, ग्राहकों के डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना और साइबर अपराध रोकने के लिए बैंक ग्राहकों को जागरुक करना शामिल हैं.